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Divyanjli Verma
White सुंदरकांड का महत्व जब आप नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होते है तब अचानक से आपके आस पास के लोग, आपके घर परिवार के लोग आपसे बिना किसी ठोस कारण के बात करना बंद कर देते है। यदि बात करते भी है तो केवल बहस, झगड़ा, घृणा, नफरत या दोषारोपण करते है। या फिर झूठ बोलते है और धोखा देते है। अगर आप सच जानने की कोशिश करते है तो लोग आपसे दूर भागने लगते है। अचानक से आसपास के लोग आपको इग्नोर करना शुरू कर देते है। पूरा माहौल तनाव पूर्ण हो जाता है। आप कितना भी अच्छा काम करे, कितनी भी मेहनत करे, आपको केवल घृणा, नफरत और कटु शब्द ही मिलते है। ऐसी नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए रोज सुंदरकांड, भगवद्गीता और हनुमान चालीसा का पाठ करे.।। ©Divyanjli Verma #Thinking सुंदरकांड का महत्व जब आप नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होते है तब अचानक से आपके आस पास के लोग, आपके घर परिवार के
#Thinking सुंदरकांड का महत्व जब आप नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होते है तब अचानक से आपके आस पास के लोग, आपके घर परिवार के
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White जो व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होता है वो जहां भी जाता है वहां का माहौल तनाव पूर्ण हो जाता है। आसपास के लोग उसके हर कार्य को खुद से प्रतिस्पर्धा के रूप में देखते है। और बिना किसी ठोस वजह के उसके दुश्मन बन जाते है। उसे नीचा दिखाना, अपने कार्यों द्वारा उसे जलाना, अपमानित करना, उनकी कोशिश रहती है। ऐसा व्यक्ति हमेशा छिपे दुश्मनों द्वारा सताया और परेशान किया जाता है। नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए रोज सुंदरकांड, भगवद्गीता और हनुमान चालीसा का पाठ करें... ©Divyanjli Verma #Thinking जो व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होता है वो जहां भी जाता है वहां का माहौल तनाव पूर्ण हो जाता है। आसपास के
#Thinking जो व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होता है वो जहां भी जाता है वहां का माहौल तनाव पूर्ण हो जाता है। आसपास के
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New Year 2024-25 जिन व्यक्तियों के आसपास या घर में अत्यधिक मात्रा में नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियां होती है उस व्यक्ति के आसपास के लोग जो भी बात बोलते है या कार्य करते है तो तन, मन, धन से उस कार्य या बात का उद्देश्य उस व्यक्ति को या दूसरों को नीचा दिखाना या अपमानित करना होता है। उस घर के सदस्य भी यदि कोई कार्य करते है या कोई बात कहते है तो तन, मन, धन से उनका उद्देश्य आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाना और अपमानित करना होता है। ऐसे घर में हमेशा बाहरी लोगों द्वारा फूट डालने का कार्य किया जाता है और बहुत जल्दी सफल भी हो जाता है। घर के सदस्य आपस में ही एक दूसरे से जलते रहते है। एक दूसरे पर दोषारोपण करते रहते है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में और घर के सदस्यों में मानसिक अशांति, कलेश, डर, भय, शंका, घर का तनाव पूर्ण माहौल, चिंता, कभी न खत्म होने वाली बहस, आपसी मनमुटाव हमेशा बना रहता है। व्यक्ति इन सब में उलझ के रह जाता है। पूरा जीवन उसका व्यर्थ बर्बाद हो जाता है। ऐसी नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए रोज सुंदरकांड, भगवद्गीता और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ©Divyanjli Verma #NewYear2024-25 जिन व्यक्तियों के आसपास या घर में अत्यधिक मात्रा में नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियां होती है उस व्यक्ति के आसपास के लोग
#Newyear2024-25 जिन व्यक्तियों के आसपास या घर में अत्यधिक मात्रा में नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियां होती है उस व्यक्ति के आसपास के लोग
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
White आस्था मन में लिए मिले तब मोक्ष का द्वार जो पाप किए है गोते लगाए त्रिवेणी संगम में पुण्य तभी फले जब मन में रक्खे सबके प्रति नेक विचार मौका जिसे मिला अमृत स्नान का अब मिलेगा १४४ साल के बाद संत, गुरु, किन्नर और अघोरी सब मग्न होकर शिवरात्रि मनाए महादेव की नगरी महादेव से मिलने सब चले काशी विश्वनाथ में हर हर महादेव 🙏 ©Nitu Singh जज़्बातदिलके आस्था मन में लिए मिले तब मोक्ष का द्वार जो पाप किए है गोते लगाए त्रिवेणी संगम में पुण्य तभी फले जब मन में रक्खे सबके प्रति नेक विचार मौका
आस्था मन में लिए मिले तब मोक्ष का द्वार जो पाप किए है गोते लगाए त्रिवेणी संगम में पुण्य तभी फले जब मन में रक्खे सबके प्रति नेक विचार मौका
read moreबेजुबान शायर shivkumar
धन से नहीं मन से अमीर बनें, क्योंकि मंदिरों में भले ही स्वर्ण कलश लगे हों, लेकिन नतमस्तक पत्थर की सीढ़ियों पर ही होना पड़ता है…! ©बेजुबान शायर shivkumar धन से नहीं मन से अमीर बनें, क्योंकि मंदिरों में भले ही स्वर्ण कलश लगे हों, लेकिन नतमस्तक पत्थर की सीढ़ियों पर ही होना पड़ता है…! #हरहरमहाद
धन से नहीं मन से अमीर बनें, क्योंकि मंदिरों में भले ही स्वर्ण कलश लगे हों, लेकिन नतमस्तक पत्थर की सीढ़ियों पर ही होना पड़ता है…! हरहरमहाद
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी राजगृही नगरी ©M R Mehata(रानिसीगं ) राजगृही नगरी Entrance examination
राजगृही नगरी Entrance examination
read moreDeepbodhi
और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे आँखों-आँखों में ही बातों को सुनाये रखिये वक़्त का किसको भरोसा है कहाँ ले जाये आज की रात मेरा साथ निभाये रखिये कितने नफ़रत के अँधेरे हैं अभी धरती पर इक न इक शम्आ मुहब्बत की जलाये रखिये आइना ख़ाक बतायेगा तुम्हें राज की बात मेरी तस्वीर को आइना बनाये रखिये मैं भी इक फूल हूँ ख़ुशबू ही लुटाउँगा तुम्हें अपने गुलशन में मुझको भी सजाये रखिये ©Deepbodhi और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे आँखों-आँखों में ही बातों को
और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे आँखों-आँखों में ही बातों को
read moreनवनीत ठाकुर
तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से लिपटी बहार गुज़री है। तेरी राहों में जो ठहरे थे सिलसिले, वो सब रातों में बनके खुमार गुज़री है। तू जो आया तो एहसास यूँ हुआ नवनीत, ज़िंदगी अब तलक बेकरार गुज़री है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से ल
#नवनीतठाकुर तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से ल
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