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inder Dhaliwal
दिल में जहर और जुबा मीठी रखते थे। वाह मेरे दोस्तों क्या अदा रखते थे। किस्मत वाला था धालीवाल जो बच गया तेरे वार से। मैंने सुना है गैरों से तेरे बारे में कि तुम बगल में खंजर भी रखते थे। ©inder Dhaliwal बगल में खंजर #selfhate
MINTU KUMAR
आज वो काफी दिनों बाद आए खुशी का मंजर था । हँसकर गले मिले हमसे पर बगल में उनके खंजर था।। -Mintu kumar बगल में उनके खंजर था
बगल में उनके खंजर था
read moreRohit (ख़ानाबदोश)
You can't do Epic Shit with Basic People.. ज़िन्दगी में गांठ बांध लो,, #LifeLesson
ज़िन्दगी में गांठ बांध लो,, #lifelesson
read moreManmohan Dheer
रिश्तों की डोर में हर गांठ इक़ तजुर्बा है जो खोल के सुलझा सका अक्लमंद है बंध गया कोई जो इन गांठों के बंधन में राह ए ज़िंदगी फिर उसके लिए बन्द है . धीर गांठ
गांठ
read moreAMIT
"इंसानों" की इस हरकत को.. जंगल में माफ करेगा कौन ...? दोनों में था कौन "जानवर"... ये इंसाफ करेगा कौन..?? मुझको भी जीने का हक है..यह धरती मेरा भी घर है, जन्म से पहले मार दिया..क्या तुमको मुझसे भी डर है, इन शर्म से डूबे चेहरो को.. अब फिर से माफ करेगा कौन..? चेहरों की इस कालिख को.. आगे बढ़कर साफ करेगा कौन..? दोनों में था कौन "जानवर"... ये इंसाफ करेगा कौन..?? -------अमित #केरल में हथिनी की दर्दनाक मौत पर..
#केरल में हथिनी की दर्दनाक मौत पर..
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
अलविदा ऐ मेरे दोस्त अब तो मुझे उसकी तलाश है जिससे सबको डर लगता है ©DANVEER SINGH DUNIYA दर्दनाक #alvida
Prashant Shakun "कातिब"
टूटे हुए यकीन को, मैं जोड़ भी लूं अगर गिठा नज़र आयेगी, हर बार ही मगर ©Prashant Shakun "कातिब" #गांठ #ज़िंदगी_के_किस्से
#गांठ #ज़िंदगी_के_किस्से #Life
read moreFarooq Ahamah
एक दुकान में मैं खरीददारी कर रहा था, तभी मैंने उस दुकान के कैशियर को एक 5-6 साल के लड़के से बात करते हुए देखा। कैशियर बोला, "माफ़ करना बेटा, लेकिन इस गुड़िया को खरीदने के लिए तुम्हारे पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं।" फिर उस छोटे-से लड़के ने मेरी ओर मुड़ कर मुझसे पूछा, ''अंकल, क्या आपको भी यही लगता है कि मेरे पास पूरे पैसे नहीं हैं?'' मैंने उसके पैसे गिने और उससे कहा, "हाँ बेटे, यह सच है कि तुम्हारे पास इस गुड़िया को खरीदने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं।" वह नन्हा-सा लड़का अभी भी अपने हाथों में गुड़िया थामे हुए खड़ा था। मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसके पास जाकर उससे पूछा, "यह गुड़िया तुम किसे देना चाहता हो?" उसने उत्तर दिया, "यह गुड़िया मेरी बहन को बहुत प्यारी है और मैं इसे उसके जन्मदिन के लिए उपहार में देना चाहता हूँ। पहले मुझे यह गुड़िया मम्मी को देनी है, और वो बाद में जाकर मेरी बहन को दे देंगी।" यह कहते-कहते उसकी आँखें नम हो आईं। "मेरी बहन भगवान के घर गयी है...और मेरे पापा कहते हैं कि मेरी मम्मी भी जल्दी-ही भगवान से मिलने जाने वाली हैं। तो मैंने सोचा कि क्यों ना वह इस गुड़िया को अपने साथ ले जाकर, मेरी बहन को दे दें...।" मेरा दिल धक्क-सा रह गया था। उसने यह सारी बातें एक साँस में ही कह डालीं और फिर मेरी ओर देखकर बोला, "मैंने पापा से कह दिया है कि मम्मी से कहना कि वह अभी ना जाएँ। वह मेरा, दुकान से लौटने तक का इंतज़ार करें।" फिर उसने मुझे एक बहुत प्यारा-सा फोटो दिखाया, जिसमें वह खिलखिला कर हँस रहा था। उसने मुझसे कहा, "मैं चाहता हूँ कि मेरी मम्मी, मेरा यह फोटो भी अपने साथ ले जायें, ताकि मेरी बहन मुझे भूल नहीं पाए। मैं अपनी मम्मी से बहुत प्यार करता हूँ और मुझे नहीं लगता कि वह मुझे ऐसे छोड़ने के लिए राज़ी होंगी, पर पापा कहते हैं कि उन्हें मेरी छोटी बहन के साथ रहने के लिए जाना ही पड़ेगा।" इसके बाद फिर से उसने उस गुड़िया को ग़मगीन आँखों से, खामोशी से देखा। मेरे हाथ जल्दी से अपने बटुए (पर्स) तक पहुँचे और मैंने उससे कहा, "चलो एक बार और गिनती करके देखते हैं कि तुम्हारे पास गुड़िया के लिए पर्याप्त पैसे हैं या नहीं।'' उसने कहा, "ठीक है, पर मुझे लगता है मेरे पास पूरे पैसे हैं।" इसके बाद मैंने उससे नजरें बचाकर कुछ पैसे उसमें जोड़ दिए और फिर हमने उन्हें गिनना शुरू किया। यह पैसे उसकी गुड़िया के लिए काफी थे। यही नहीं, कुछ पैसे अतिरिक्त बच भी गए थे। नन्हे-से लड़के ने कहा, "भगवान् का लाख-लाख शुक्र है, मुझे इतने सारे पैसे देने के लिए!” फिर उसने मेरी ओर देख कर कहा, "मैंने कल रात सोने से पहले भगवान् से प्रार्थना की थी कि मुझे इस गुड़िया को खरीदने के लिए पैसे दे देना, ताकि मम्मी इसे मेरी बहन को दे सकें और भगवान् ने मेरी बात सुन ली। इसके अलावा मुझे मम्मी के लिए एक सफ़ेद गुलाब खरीदने के लिए भी पैसे चाहिए थे, पर मैं भगवान् से इतने ज्यादा पैसे मांगने की हिम्मत नहीं कर पाया था। पर भगवान् ने तो मुझे इतने पैसे दे दिए हैं कि अब मैं गुड़िया के साथ-साथ एक सफ़ेद गुलाब भी खरीद सकता हूँ। मेरी मम्मी को सफेद गुलाब बहुत पसंद हैं।" फिर हम वहाँ से निकल गए। पर मैं अपने दिमाग से उस छोटे-से लड़के को निकाल नहीं पा रहा था। फिर मुझे दो दिन पहले स्थानीय समाचार पत्र में छपी एक घटना याद आ गयी, जिसमें एक शराबी ट्रक ड्राईवर के बारे में लिखा था। जिसने नशे की हालत में मोबाईल फोन पर बात करते हुए एक कार-चालक महिला की कार को टक्कर मार दी थी, जिसमें उसकी 3 साल की बेटी की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी थी और वह महिला कोमा में चली गयी थी। अब एक महत्वपूर्ण निर्णय उस परिवार को यह लेना था कि उस महिला को जीवन-रक्षक मशीन पर बनाए रखना है अथवा नहीं? क्योंकि वह कोमा से बाहर आकर, स्वस्थ हो सकने की अवस्था में नहीं थी। क्या वह परिवार इस छोटे लड़के का ही था? मेरा रोम-रोम काँप उठा। मेरी उस नन्हे लड़के के साथ हुई मुलाक़ात के दो दिनों बाद मैंने अखबार में पढ़ा कि उस महिला को बचाया नहीं जा सका। मैं अपने आप को रोक नहीं सका और अखबार में दिए पते पर जा पहुँचा, जहाँ उस महिला को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। वह महिला श्वेत-धवल कपड़ों में थी - अपने हाथ में एक सफ़ेद गुलाब और उस छोटे से लड़के का वह फोटो लिए हुए, और उसके सीने पर रखी हुई थी वही गुड़िया। मेरा ह्रदय रो पड़ा और मैं नम आँखें लेकर वहाँ से लौटा। उस नन्हे-से लड़के का अपनी माँ और उसकी बहन के लिए जो प्यार था, वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है और ऐसे में एक शराबी चालक ने अपनी घोर लापरवाही से क्षण-भर में उस लड़के से उसका सब कुछ छीन लिया था.. ©Farooq Ahamah दर्दनाक कहानी
दर्दनाक कहानी #कविता
read moreHariom choudhary
तू छोड़ेगी तो मारूंगा नहीं अरे तू छोड़ेगी तो मरूंगा नहीं लेकिन वादा है तुझसे तेरे सिवा किसी और से मोहब्बत करूंगा नहीं😢😢⚘⚘👍 दर्दनाक शायरी
दर्दनाक शायरी
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