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Rohit
उत्तर प्रदेश पुलिस ड्यूटी के चक्कर में जिनके, अपने घर आजाद हैं। कुछ तो सम्मान करें उनका , जो हर पल तैनात हैं। लाठी और बंदूक लेकर सड़क पर जो 24 घण्टे रहते हैं। उ० प्र० पुलिस को नतमस्तक इनके जो यह बन्दे हैं। धूप न देखें छाँव न देखें, प्यार से सब आबाद है। कुछ तो सम्मान करें उनका , जो हर पल तैनात हैं जब हम सोते रहते हैं घरों में, वो रात - रात तक जगते हैं। सिर्फ हमारी ही सेवा में लगे बेचारे रहते हैं। खाकी वर्दी की इस सेवा भाव से, सबके दिल नौशाद हैं। कुछ तो सम्मान करें उनका , जो हर पल तैनात हैं। छोड़ पड़े घर बार है अपना, ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। कभी - कभी लगता है उनको, हम भी यारो कैद हैं। दिल से नमन उन्हें है मेरा उनको फिर प्रणाम है। कुछ तो सम्मान करें उनका , जो हर पल तैनात हैं। छूटे घर - परिवार हैं उनके, सबसे तो वह दूर हैं। मां - बाप पति पत्नी बच्चे, उनकी आँखों का नूर हैं। खुश रखना भगवन तुम उनको बस छोटी सी फरियाद है। कुछ तो सम्मान करें उनका , जो हर पल तैनात हैं। नित नई सफलताएँ पाएं वो, जिनके जो आयाम हैं। " रोहित " नमन करता है उनको, बारंबार प्रणाम है। ऐसी खाकी वर्दी को मेरा, दिल से धन्यवाद है। कुछ तो सम्मान करें उनका , जो हर पल तैनात हैं। ©Rohit उत्तर प्रदेश पुलिस #पुलिस #पुलिसवाला #पुलिसकर्मी #खाकी #उत्तरप्रदेश #उत्तर_प्रदेश
Lucky Rai
जब वर्दी मन में थी , नीद तब नहीं आती थी आज वर्दी तन पे है, नींद अब भी नहीं आती है #पुलिसवाला_हूँ
Archana pandey
कोई समाज तभी सुरक्षित रहेगा जब कानून संरक्षित रहेगा और कानून तभी संरक्षित रहेगा जब पुलिस सशक्त होगी.. (अर्चना'अनुपमक्रान्ति') ©Archana pandey #पुलिस_सशक्त
रोहित शुक्ला सहज
पुलिस प्रशासन की तारीफ में लिखी गई मेरी पहली कविता। *पुलिस-प्रशासन* *कोरोना के चक्कर में जिनके, अपने घर आजाद हैं।* *कुछ तो गुणगान करें उनका, जो गली-गली तैनात हैं।* लाठी लेकर सड़कों पर जो 24 घंटे रहते हैं। पुलिस प्रशासन को नतमस्तक इनके जो यह बंदे हैं। धूप न देखें छाव न देखें, प्यार से सब आबाद हैं। कुछ तो गुणगान करें उनका, जो गली-गली तैनात हैं। एक रूप था मैंने देखा, दिन काटे थे जेल में। एक रूप देखा है यहां पर, बन जाते बच्चे खेल में। खिला रहे दाना पानी वो, और बन बैठे उस्ताद हैं। कुछ तो गुणगान करें उनका जो गली-गली तैनात हैं। जब हम सोते रहते हैं घरों में, रात-रात जगते हैं। सिर्फ हमारी ही सेवा में लगे बेचारे रहते हैं। खाकी वर्दी की इस सेवा भाव से, सबके दिल नौशाद हैं। कुछ तो गुणगान करें उनका जो गली-गली तैनात हैं। छोड़ पड़े घर-बार हैं अपना, ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। कभी-कभी लगता है उनको, हम भी यारों कैद हैं। दिल से नमन उन्हें है मेरा उनको फिर आदाब है। कुछ तो गुणगान करें उनका जो गली-गली तैनात हैं। छूटे घर-परिवार है उनके, सबसे तो वह दूर हैं। मां-बाप पति-पत्नी बच्चे, उनकी आंखों का नूर हैं। खुश रखना मालिक तुम उनको बस छोटी फरियाद है। कुछ तो गुणगान करें उनका, जो गली-गली तैनात हैं। दुआ करो कोरोना जाए, वो भी तो इंसान हैं । शायद आने वाली विपदा से, सब के सब अंजान हैं । कई अर्थ उनके चेहरों के, और कई अनुवाद हैं। कुछ तो गुणगान करें उनका, जो गली-गली तैनात हैं । नित नई सफलताएं वो, जिनके जो आयाम हैं। "सहज" नमन उन्हें करता है, बारंबार प्रणाम है। ऐसी खाकी वर्दी को मेरा, दिल से धन्यवाद है। कुछ तो गुणगान करें उनका जो गली-गली तैनात हैं । *रोहित शुक्ला "सहज"* *कवि एवं पत्रकार (शाहजहांपुर)* *9919999524, *9415651920* #पुलिसप्रशासन
Kumar Manoj Naveen
पुलिस से अपेक्षा,देवदूत सा हो अच्छा । पृथ्वी पर ही जन्मा, मनुष्य ही जैसा।। खतरों से जूझता, सुरक्षा करे सभी का। हर-पल हर-घड़ी ,नित-नयी अग्नि परीक्षा।। सर्दी-गर्मी या बरसात ,दिन-रात करते हैं तपस्या । वातानुकूलित आफिस और बंगलों से होती हैं समीक्षा ।। सुविधाएं जैसी ऊँट के मुँह में है जीरा। भेदभाव तो ऐसी,जैसे अस्पृश्यता ।। चरितार्थ है भैंस उसी की, डण्डा हो जिसका। समस्याएं सुनाओ, उपदेश देश- भक्ति जन-सेवा।। कठिन वक्त में बना देते मसीहा। पुलिस है इंसान कब समझते ये मसीहा? आज के परिवेश में देखो, पुलिस की आवश्यकता। क्या संभव है बिना पुलिस जनता की व्यवस्था? जरूरी है पुलिस को इंसान समझे जनता। पुलिस को सहयोग और सम्मान दे जनता।। ***कुमार मनोज (नवीन) *** #पुलिसवाला#
माही मुन्तज़िर
घर से निकल कर घर को लौट आता हूँ, जब भी गलियों में पुलिस वालों को घूमता पाता हूँ। एक तो कोरोना के डर से हर वक़्त दिल घबराता हैं, ये आँखे झाँके जो सुनसान राहों की ओर तो डंडा पुलिस वालों का याद आता हैं। ✍️✍️माही #लॉकडॉउन #पुलिस_का_डंडा
RAHUL PASWAN
पुलिसवाला दो वक्त पर एक ही बंदा खड़ा लिए था डंडा एक ओर बाढ़ पीड़ितों को सहारा दे रहा था पर दूसरी ओर कुछ बिगड़ैल बच्चो के पत्थरों से मार खा रहा था नियत उनकी फ्रज के प्रति पाक्का और पाक है खाकी वर्दी उनकी पोशाक हैं माना इसमें से कुछ बेईमान हैं रिश्वत के आगे अपना फर्ज को कर रहे बदनाम है पर इनमें से ही कुछ शहीद तुकाराम होते हैं इज्जत करो उनका , क्योंकि उनका भी परिवार होता है हम तो खुश होते हैं अपने पर्व त्यौहार की छुट्टियों में इन लोगों का उस दिन भी काम होता हैं #पुलिसवाला #india #situation
Ek villain
पुलिस कर्मियों की शिकायत अक्सर ही आती रहती है लेकिन यदि वह अपराधियों की तरह योजना बनाकर काम करें और लोगों से वसूली करें तो निश्चित रूप से संगठन की चिंता की बात होनी चाहिए उत्तर प्रदेश में बरेली में एसपी सिटी के सिविल से सेल्स के कुछ पुलिसकर्मियों के कृत्य ने पूरे महा कम को लाल कर लेती रहती है 3 साल के लोगों में झूठा आरोप लगाकर वसूली का काम हो रहा था और लोग अपनी बदनामी की वजह से शिकायत भी दर्ज नहीं करा देते C1 सभी सेन होने के वजह से यह तैनात पुलिसकर्मियों को लोगों के बारे में आसानी से सूचना मिल जाती है और फिर वह उन्हें सीपीसीटी कार्यालय बुलाकर गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं और छोड़ने के लिए पैसे वसूली करते हैं इस मामले में तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया और कुछ के खिलाफ भी कार्रवाई संभव है लेकिन ऐसे मामले में बहुत कठोर कदम उठाए जाने चाहिए पुलिसकर्मी लोगों का भरोसा तोड़ दी है तो उसे हल करने में काफी समय लग जाता है करती है तो 3 साल से ए बी सी डी के नाम के नीचे ही उनके ऐसे करते करते किसी को भी ना लगे गृह विभाग ने आगे आकर उन्हें हटाने का निर्देश ©Ek villain #पुलिसकर्मी नहीं अपराधी #Moon