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Nirankar Trivedi
लगे हुए हैं मूल विदेशी भारतीय संस्कृति अपनाने में, खुद से लेकर बच्चे तक को वो लगे हुए हैं समझाने में। भारतीय वस्त्र और मस्तक पर चन्दन लगे हैं धारण करने में, जीवन शांति के खातिर वो कभी सिया राम कभी राधे कृष्णा लगे हुए हैं गाने में। जब पढ़ न सके वो संस्कृत तो बोलती गीता निर्माण कराएं है, अब समझ गए है धर्म सनातन इसीलिए नासा में भी संस्कृत पढ़वाए है। अब तो जागो विश्वगुरू के लालों थोड़ा सा सच बतलाए है, भारत हो फिर से विश्वगुरु हम यह सौगंध दिलाने आये है। # अब तो जागो विश्वगुरु के लालों।
Pradeep Shrivastav Parvana
Aprajita Jha
आज बादल भी बहुत टूट कर रोया हैं चूँकि धरती ने अपने कई लालों को खोया हैं #NojotoQuote आज बादल भी बहुत टूट कर रोया हैं चूँकि धरती ने अपने कई लालों को खोया हैं. #nojoto #nojotohindi #pulwamaattack #barish #aasu
Chanchal Singh 'Sakshi'
ऋषभ देव
कलम जब जब उठेगी मेरी, तब- तब राणा की जवानी लिखेगी, चिनवा दिया जिनको दीवारों में, उन शहज़ादों की कहानी लिखेगी, छिप गए जो इतिहास के पन्नों में, उन वीरों की बलिदानी लिखेगी। अमर गौरव गाथा का गुनगान करेगी, हर युग में सत्य का अनुष्ठान करेगी, कलम जब जब उठेगी मेरी, तब तब मां भारती के लालों का जसगान करेगी। "एहसास"🇮🇳 कलम जब जब उठेगी मेरी, तब- तब राणा की जवानी लिखेगी, चिनवा दिया जिनको दीवारों में, उन शहज़ादों की कहानी लिखेगी, छिप गए जो इतिहास के पन्नों में
Rishika Srivastava "Rishnit"
लालों में वो लाल बहादुर.. भारत माता के वो प्यारे, कष्ट अनेकों सह कर जिसने जीवन को अपने सँवारे। (अनुशीर्षक में पढ़ें) लालों में वो लाल बहादुर.. भारत माता के वो प्यारे, कष्ट अनेकों सह कर जिसने जीवन को अपने सवारे। निर्धनता उन्होंने देखी थी दया दिखाते जो निर्ध
Dharm Desai
I love chainsmokers but I hate'em #dharm_desai It is an example of byaj stuti alankar in English... व्याजस्तुति अलंकार हिंदी गीति-काव्य का एक अनूठा अलंकार है. सामान्यत: किसी की निंदा कर
Shubhi Mahajan
होली का था त्योहार, फरमा रहा था मैं आराम, पड़ी जरूरत दूध की, निकला मास्क पहनकर मैं। उतारा मास्क तो देखा चेहरा, रंगा हुआ मैं लालों लाल, मेरे
रजनीश "स्वच्छंद"
अभी बाकी है।। पर हैं कतरे गए, उड़ने की चाहत बाकी है। ख़ुदा भी बदले गए, अब भी इबादत बाकी है। ज़ंज़ीर पड़े पैरों में, सर उम्मीद का बोझा, पैर हैं जकड़े गए, चलने की आदत बाकी है। प्रेम किया सबसे, सब अपने घर को गए, बातें खत्म हुईं, होना दिल का आहत बाकी है। ना नेता रहा, ना था मैं कोई अभिनेता ही, इंसां आम रहा, क्यूँ उनकी सियासत बाकी है। ईमां भी तौला गया, बोली भी लगती रही, सब मैं हार गया फिर भी लियाक़त बाकी है। बुज़ुर्गों का कर्ज रहा इस पीढ़ी के लालों पर, ब्याज हुआ चुकता फिर भी लागत बाकी है। भावों का दरिया हूँ बस लिखता ही जाऊंगा, शब्दों को दूँ मैं विराम सबकी इजाज़त बाकी है। ©रजनीश "स्वछंद" अभी बाकी है।। पर हैं कतरे गए, उड़ने की चाहत बाकी है। ख़ुदा भी बदले गए, अब भी इबादत बाकी है। ज़ंज़ीर पड़े पैरों में, सर उम्मीद का बोझा, पैर हैं
Parul Sharma
अनुच्छेद 370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव होता है देश भक्तों पर और जवानों के तन पे जख्म पलते है। दुश्मन की कायरता का मनोबल बढ़ता है जब कानूनी शिकंजे ढीले पड़ते हैं। मुस्तैद सैन्यबल भी टूट जायेगा जब देश में दोहरे नियम चलते है। माँ-बाप*समान परवरिश करते हैं सभी लालों की तो कश्मीर में पृथक नियम क्यों रहते है।*(भारत और भारत के नियम कानून) शाहदत पे और कितने सैन्यबल बली चढ़ाओगे देखो कितने लाल अनुच्छेद 370 की वेदी चढते हैं । अनुच्छेद 370 हटाओ या इसे संशोधित करो जख्म यूँ ही नहीं नासूर बनते हैं। असल में शहादत और वीरता से जुड़ेगे हम तभी जब अपने नियम को हम स्वस्थ व पक्का कर लेते हैं। पारुल शर्मा जय हिन्द। जय भारत। वंदे मातरम् अनुच्छेद 370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव होता है देश भक्तों पर और जवानों के तन पे जख