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Kapilhttps://youtube.com/@malatikapilvlog6203?si=8E6cwdIcU7nuEuBdhttps://youtub@malatikapilvlog6203

घुघटा #Love

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Vishnu Vermaa

#सुख सुं जीणा भूलग्या राजस्थानी कविता #poem

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rao sahab

*मरण तै पहल्यां "जीणा" ह न्यू जुकर में चाहूँ* *# #Shayari

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*खुद__को__खुद*

 *में__मिलाने__लाया__हु*

*शराबी__हु__साहब*

*खुद__को__डुबाने__आया__हु*
 rao sahab *मरण तै पहल्यां "जीणा" ह न्यू जुकर में चाहूँ*

*#

beimaan फकीर

एकला ए जीणा सीख लिया 😑😶♠️🗿

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RS Sumit Sipper

#कह सुमित सिप्परिया #कलम म दम प। के #बस इब कुछ #ग़लत काम नी करणा। #पत्थर धर के दिल त काडदयो #अग्निपथ न। जीणा है थम न #कसाई के #हाथ नी मरणा। #Society

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Teरa PरeeT Saकshi

ओ किन्ना बेबश होया होवेगा जो जीणा वी चाहन्दा होवे ते जीण नूं दिल वी ना करे ओ केहो जेहे हलातां च गुजरिया होवेगा जीने चुम फन्दे नु गल नाल लाय

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ओ किन्ना बेबश होया होवेगा जो जीणा वी
चाहन्दा होवे ते जीण नूं दिल वी ना करे 
ओ केहो जेहे हलातां च गुजरिया होवेगा
जीने चुम फन्दे नु गल नाल लाया होवेगा...
टुटदियां नब्ज़ा ओ दियां नु देख ओ फन्दा 
वी रोया होवेगा... ओ किन्ना बेबश होया होवेगा जो जीणा वी चाहन्दा होवे ते जीण नूं दिल वी ना करे 
ओ केहो जेहे हलातां च गुजरिया होवेगा जीने चुम फन्दे नु गल नाल लाय

parveen mati

#देह देह से या दो दिन की कितणा गुमान करें ले यो ज़माना ढूंढ ने से ना मिले हरि अब तो छाण लिया यो समाणा कह लखमीचंद कितणी बार हृदय मै से हर #Thinking #कविता #Haryanvi #deshi #ragni

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#देह 

देह से या दो दिन की 
कितणा गुमान करें ले यो ज़माना
ढूंढ ने से ना मिले हरि 
अब तो छाण लिया यो समाणा
कह लखमीचंद कितणी बार
हृदय मै से हरि का ठिकाणा
जीणा मरणा फल कर्मों का
कुछ ना है यो मिलणा-मिलाणा
धूल थी धूल होना पड़ै
राख थी और राख का ए बाणा

प्रवीण माटी

©parveen mati #देह 

देह से या दो दिन की 
कितणा गुमान करें ले यो ज़माना
ढूंढ ने से ना मिले हरि 
अब तो छाण लिया यो समाणा
कह लखमीचंद कितणी बार
हृदय मै से हर

दि कु पां

तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों... ----------------------------------------- संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, निष्प्रभाव हो जो तू जी #दिनेशपांडेय

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तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, 
निष्प्रभाव हो जो तू जीणा चाहे..
संस्कार विहीन, हो उघड़ जो तू इस्तेहार बण
होर्डिंग्स पर चिपकण चाहे..
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
संस्कारों को बुद्धि दंभ से जो तू बंधण माणे
रिश्तों के अनुबंधों से आज़ादी जो तू चाहे.. 
हो मुक्त, बन उन्मुक्त तू संसार में जीवण चाहे 
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
दारू संग सिगरेट जो फूकण चाहें और 
गुड़गुड़ावण हुक्का संग लडको बारों मा..
कपड़े छोटे पहन जो बदन खुला दिखावण चाहवे
और चाह नग्न दिखण की निमण लागे
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों... तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
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संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, 
निष्प्रभाव हो जो तू जी

दि कु पां

"तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों..." संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, निष्प्रभाव हो जो तू जीणा चाहे.. संस्कार विहीन, हो उघड़ जो तू #YourQuoteAndMine #CollabChallenge #lilyerotic #collabwithlilyerotic #दिनेशपांडेय

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"तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों..."
See captions.. "तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों..."

संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, 
निष्प्रभाव हो जो तू जीणा चाहे..
संस्कार विहीन, हो उघड़ जो तू

दि कु पां

Collab on this #MnMpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 "तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों..." संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ स #yqbaba #YourQuoteAndMine #erotica #moansandmoons #mnmnapowrimo #Mnmpicprompt7

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"तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों..."

संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, 
निष्प्रभाव हो जो तू जीणा चाहे..
संस्कार विहीन, हो उघड़ जो तू इस्तेहार बण
होर्डिंग्स पर चिपकण चाहे..
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...

संस्कारों को बुद्धि दंभ से जो तू बंधण माणे
रिश्तों के अनुबंधों से आज़ादी जो तू चाहे.. 
हो मुक्त, बन उन्मुक्त तू संसार में जीवण चाहे 
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...

चाह बॉयफ्रेंड के संग घुमण की जो तू राखे
और रात बीतावण की रिस्टोरेंटन मा, 
अश्मिता दांव लगा जो तू नभ में उड़ना चाहे..
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...

दारू संग सिगरेट जो तू फूकण चाहें और 
चाहे गुड़गुड़ावण हुक्का संग लडको बारों मा..
कपड़े छोटे पहन जो तू बदन खुला दिखावण चाहे
चाहे चाह नग्न दिखण की जो तुझको निमण लागे
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...

  ::::::::दिनेश कुमार पाण्डेय:::::::
 Collab on this #mnmpictureprompt and add your thoughts to it! 😊

"तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों..."

संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ स
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