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Mohan Sardarshahari
अभिभावक तो हमेशा ही कुछ बड़प्पन दिखा जाते हैं जाते समय सिर मुंडवा कर एक रूप नया दे जाते हैं।। Missing father seeing my new look ©Mohan Sardarshahari अभिभावक
Parasram Arora
अभिभावक हमारे अभिभावक ही हमारे असली तीर्थ है जहाँ जाकर हमारे मन शांत होते है अभिभावक ही हमारे ईश्वर है ज़ो हमेँ दैहिक दैविक और भौतिक तापों से बचाते है अभिभावक हमारे जीवन का एक मात्र ऐसा ब्रिज है जिससे परिवार क़े सभी प्राणी उस पार पहुंचते हैँ अभिभावक..हमारे . किसी माली की मानिंद हैँ ज़ो रिश्तों कीमाला अपने हाथों से गूंथ कर एक सुदृडमाला बनाते हैँ अभिभावक हमारे एक पवित्र नदी की तरह हैँ जिसमे नहा कर हम अपनी देह और दिळ को पवित्र बनाते हैँ ©Parasram Arora अभिभावक.....
Sri batsa Meher
अध्यक्ष और अभिभावक 🌹🌹🌹🌷🌹🌹🌹 एक अभिभावक ने विद्यालय के अध्यक्ष को कहा , सार आप को कितना साल हुआ है ? अध्यक्ष ने कहा, मुझे पचास लगभग साल हुआ है । फिर उन्होंने अभिभावक को कहा आपको कितना साल हुआ है ? उन्होंने कहा , ये अश्चार्ज की बात है । मुझे भी पचास साल हुआ है । लेकिन अभी तक मेरा मूछ , दाढ़ी और बाल नहीं पका है । लेकिन आपका ( हात डाल के हस कर कहा ) अध्यक्ष ने कहा , आपके बच्चे को हम संभाल कर कर के और पढ़ा कर कर के हमारा सबकुछ पकने के साथ बाल भी गया है । आपका तो कोई चिंता नहीं है । सब चिंता तो हमे दे दिया है । आपका बाल कैसे पकेगा । आप आजाद के पंछी तरह घूम रहे है ।अभी मेरे ऊपर हस रहे है। अभिभावक चुप हो कर कहा, सार, मुझे माफ़ करना। please sorry. ©Sri batsa Meher अध्यक्ष और अभिभावक
Madhav Chaudhary
पैर जिनके छूकर रखा उसने हर मंज़िल पर कदम आज उन्हीं पैरों में चप्पल नहीं है... #ख़याल #माँ #अभिभावक #hindiquote
राज घोष
बहुत उन्माद का समय है मेरे दोस्त कुछ किताबें पढ़ना और ईश्वर को याद करना वैसे नहीं जैसे सरकारें और उनके हरकारे कर रहे हैं एक मुहल्ले के दादा की तरह नहीं एक मित्र की तरह कुछ सिनेमा देखना और रुलाइयों को याद करना कैमरा पा कर फूटने वाली नहीं वे जो कैमरा देख सकपका कर चुप होने लगती हैं और प्रॉडक्ट-सेल्समैन के बीच फैले बाज़ार के कल्लोल को निस्पृह भाव से देखती रहती हैं चेहरों को किनारे से ज़रा-सा खुरचना और पहचान कर वापिस चिप्पी लगा देना कुछ अच्छा संगीत ना और उनमें बहते यूटोपिया पर सूखी हँसी हँसना थोड़ी-थोड़ी बात करना डरना बहुत-बहुत लेकिन ज़ाहिर कम करना सीखना उस दिसंबर बच गए लोगों से और इस जनवरी वैसे ही बचे रहना खूब अश्लील चुटकुले सोचना और मुझे सुनाना तुम फरवरी में मुझसे मिलना। ©राज घोष मित्र को पत्र
Ansari
दिन में। घर की जिम्मेदारिया😌 सोने नहीं और रात को मेरी अधूरी ❣️ मोहब्बत 🥀🥀🥀 ©Ansari उसामा अंसारी प्रधानमंत्री को पत्र या फिर किसी को पत्र ब्रश
Shivraj Solanki
प्रिय मौत मंजिल तो तुम ही थे मेरी पता नही क्या पाने को दौड़ रहा था । तुम बिना सकून नही मैं तो जॉब पाकर खुश हो जाऊंगा सोच रहा था पर जब जॉब मिली तो ना जाने कितनी समस्या बढ़ गई, सच में तुम्हारे बिना किसी को भी कही भी सकून नही मिल सकता इस जिंदगी से तो मौत बेहतर होगी उसके बाद किसी बेहतर की तलाश ना होगी दि ल टूटा आशिक ©Manshiv khatik मौत को पत्र #Memories
जगदीश निराला
आदरणीय राष्ट्रपति जी, आप पूरे राष्ट्र के पति हैं. एक पति का धर्म होता है. पूरे परिवार को संतुष्ट रखे. उसके बच्चे रोजगार को ना तरसे परिजन भूखें ना सोऐं। परिवार को कोई आतंकवादी न डराऐं ना कोई दग़ाबाज़ छल पाऐं। परिवार भी तभी संघटित रहता है परिवार का स्वामी जब अपनों का ख़याल अच्छी तरहां रखता हे तो परिजनो को भी गर्व होता है अपने पिता या पति पर। पूरा राष्ट्र आपमें श्रद्धानत् हे अब आप ही देखे. परिजनों का भला बुरा । मेने पत्र लिखा हे.बुरा ना माने आपका एक नागरिक राष्ट्रपति जी को पत्र