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Anindya Dey
.. अब जितना है उतने को काफी मान लेना सही, ढुंढे कहीं रब्त ओ रफ़ाक़त ग़र लिये मिले कोई .. .. तराशा संग बुत हो तालीम से शख़्स बंदा कहीं, बंदिशें बंदगी की माने के गवां न दे सुन्नत कोई.. .. नुक़्ताची को रंज रहा दौर जो था वो अब नहीं, सहर दोपहर शाम शब फ़न हैं दिन के कहे कोई .. .. 🌱खुशामदीद..💞 रफ़ाक़त माने, अपनत्व, बंधुत्व, अंग्रेज़ी में कहें कॅमपेनियनशिप/companionship.
Aliem U. Khan
कि दिल में दर्द के तूफ़ां फ़क़त यूं ही नहीं उठते, ये एहसासों के मौसम हैं ये हर दिल में नहीं मिलते। मेरी ख़ुशबू चमन के अंजुमन में न मिले शायद, बहुत से गुल बहारों की रफ़ाक़त में नहीं खिलते। #yqaliem #dard #ehsasonkemausam #chaman #khushboo #anjuman #gul #yqbhaijan चमन - flourishing place, Garden Anjuman - orga
Rabindra Kumar Ram
" तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं , फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई , रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें , फिर इस गुमनामी में तु फिर शिद्दत से मिले तो मिले . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं , फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई , रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें , फिर इस गुमनामी मे
Tj_diaries
"इजा मुलाक़ात हुई उनसे, देखी वजाहत नजरें हटी नहीं। माज़िरत...इस ज़हमत के लिए गर हम वज़ाहत न दे सकें, कि हम तो ठहरें रफ़िक़, आपसे रफ़ाक़त की इल्तिज़ा करते हैं।" "इजा (अचानक), वजाहत (मुख मंडल की आभा) माज़िरत(माफ़ी), ज़हमत (कष्ट) वज़ाहत (स्पष्टीकरण) रफ़िक़(दोस्त) रफ़ाक़त(दोस्ती) इल्तिज़ा (प्रार्थना) ©Tejasvi Sidhu "इजा मुलाक़ात हुई उनसे, देखी वजाहत नजरें हटी नहीं। माज़िरत...इस ज़हमत के लिए गर हम वज़ाहत न दे सकें, कि हम तो ठहरें रफ़िक़, आपसे रफ़ाक़त की
Rabindra Kumar Ram
" तमाम हसरतें इस ख्याल से मुकर ना जाये , मैं जो हूं जैसे तेरे सय में कहीं आते आते रह ना जाये , कोई गुफ्तगू कहीं कोई रफ़ाक़त तो कर यार , इक तेरे मिलने के जुस्तजू में कहीं कोई बगावत कर ना जाये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तमाम हसरतें इस ख्याल से मुकर ना जाये , मैं जो हूं जैसे तेरे सय में कहीं आते आते रह ना जाये , कोई गुफ्तगू कहीं कोई रफ़ाक़त तो कर यार , इक
Vedantika
दौर-ए-रफ़ाक़त बड़ा मतलबी हो चला है ज़नाब नकाब-ए-गमगुसार यहाँ उतर जाते है पल भर में ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "रफ़ाक़त" "rafaaqat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है भाईचारा एवं अंग्रेजी में अर्थ ह
Dr Upama Singh
गुजारेंगे रफ़ाकत़ में जिंदगी का सफ़र तन्हाई मगर बाहें फैलाए खड़ी है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "रफ़ाक़त" "rafaaqat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है भाईचारा एवं अंग्रेजी में अर्थ ह
DR. SANJU TRIPATHI
हमारे देश में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्म एक समान है, रहते सभी एक साथ रफ़ाकत से हैं यही इस देश की पहचान है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "रफ़ाक़त" "rafaaqat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है भाईचारा एवं अंग्रेजी में अर्थ ह
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** रफ़ाक़त *** " यूं याद जऱा तुम भी करोगी , मेरा ज़िक्र जऱा तुम भी करोगी , फ़कत ये भी कभी तुम मिलना चाहो , और मैं तुम्हारे सामने से चुपचाप सा गुजर जाऊ , रफ़ाक़त हो की फिर कोई बात हो फिर से कही , मुझे इक दफा पहली जैसी मुहब्बत हो कहीं , दिल कभी इसी ख्याले-ए-आरजू में डुब जाता हैं , मैं तुझमें खोऊ और इस रंजे-ए-गम से निकल ना पाऊं कभी , कर जऱा ख्याल की ख्याले-ए-आरजू फिर से इसी हसरत में हैं , मैं तुझसे मिला हूं पर तुझे उस तरह से मिल नहीं पाया हूं कभी ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** रफ़ाक़त *** " यूं याद जऱा तुम भी करोगी , मेरा ज़िक्र जऱा तुम भी करोगी , फ़कत ये भी कभी तुम मिलना चाहो , और मैं तुम्हारे
Rabindra Kumar Ram
sunset nature *** ग़ज़ल *** *** हिज्र *** " मैं तुमसे मिलते हैं और बिछड़ जाते , अपने चाहतों का एहतियातन आता - पता तो दे , फिर तुझसे कैसे कहा मिला जाये , वाक़िफ हो लो जऱा तुम भी ऐसे में , जाने कब से मुझसे नागवार बने बैठे हो , फिर कहा कैसे तेरी तलाश की जाये , उल्फत के जज्बातों को तेरी रुह की तलब की जाये , मुंतज़िर जाने मैं कब से हू तेरे हिज्र में , अपनी रफ़ाक़त का जायका तो दे , फिर कहा कोई बात हो ग़ैरइरादतन , मुख़्तसर - मुख्तलिफ जाने मैं कब से इस ऐबज में , कर कोई फैसला फिर कोई बात तो हो , ऐसे में तुझसे काफिर कब तक रहा जाये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** हिज्र *** " मैं तुमसे मिलते हैं और बिछड़ जाते , अपने चाहतों का एहतियातन आता - पता तो दे , फिर तुझसे कैसे कहा मिला जाये