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Ram Yadav
ओ कॉरपोरेट सत्ता धारियों तुम इन त्यौहारों को कैसे मना सकते हो????? लाभ से मानव श्रम विभाजित करने वालों........ देखो तुम्हारे मजदूर या गांव के किसान भाग रहे हैं अपनी धरती से मिलने ट्रेनों बसों में भर भर कर उस धरती से मिलने... जो यूरिया से दब गई सल्फास से मिट गई फैक्ट्रियों के नालों से सिंच कर चिमनियों की उगलती राखों की सांस लेकर केचुओं, गौरैया, बैलों की लाशों वाली हरित क्रांति में मानव जाति को अल्पायु कर.... लेकिन तुम चिंता मत करो ये वापस आयेंगे तुम्हारी अर्थवादी दुनियां में ।।।।।।। फसलों के उल्लास वाले पर्वों को मनाते मनाते ये गरीब किसान अब रईस मजदूर हो चुके हैं।।।। हरि ॐ 11.11.23 ©Ram Yadav #अध्यात्म #भारत #दिवाली #पर्यावरण #परिवार #संस्कृति
Pankaj Singh Chawla
दीपोत्सव के इस त्यौहार में, कुछ नई उमंगे जगाते है, चलिए पर्यावरण को बचाते है, जीवन के कुछ साल बढाते है, वातावरण को स्वच्छ बनाते है, खुशहाल दीवाली मनाते है, आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल बनाते है।। #दीपोत्सव #दिवाली #diwali #पर्यावरण #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo #pchawla16
#दीपोत्सव #दिवाली #Diwali #पर्यावरण #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo #pchawla16
read moreपवन सोनकर
हमने जल बचाना कितना सीखा की हम विश्व जल दिवस मना रहे हैं हमने अपनी हवाओं को भी बहने ही कहाँ दिया जो शुद्ध हवा का अनुसन्धान कर रहे हैं और वृक्षों की कटाई पर हमारा दिल कहाँ पसीजा जो हम पर्यावरण बचाने की बात करते हैं हम सभ्य होने के लिए कितना नीचे गिरते जा रहे और इस तरह हो रहा है एक सभ्यता का पतन ©पवन सोनकर #पर्यावरण और समाज
Deepak Vashisth
जीवन का आधार है ,प्रकृति पर्यावरण का निर्माण है प्रकृति ,आओ मिलकर पेड़ लगाएं तभी हमारा जीवन बचाएगी प्रकृति, हमारी हर सांस का एहसान है प्रकृति ©Deepak Vashisth पर्यावरण और प्रकृति से हमारा रिश्ता #पर्यावरण #MothersDay2021 #प्रकृति
पर्यावरण और प्रकृति से हमारा रिश्ता #पर्यावरण #MothersDay2021 #प्रकृति #कविता
read moreSunita Bishnolia
पर्यावरण (दोहे) हरी-भरी धरती रहे,नीला हो आकाश, स्वच्छ बहे सरिता सभी,स्वच्छ सूर्य प्रकाश।। पेड़ों को मत काटिए,करें धरा श्रृंगार। माटी को ये बांधते,ये जीवन आधार।। सुनीता बिश्नोलिया©® शुद्ध हवा में साँस लें,कोई न काटे पेड़। आस-पास भी साफ़ हो, सभी बचाएँ पेड़।। धरती माता ने दिए,हमें अतुल भण्डार, स्वच्छ पर्यावरण रखें, मानें हम उपकार।। कानन-नग-नदियाँ सभी,धरती के श्रृंगार। दोहन इनका कम करें,मानें सब उपहार।। साफ-स्वच्छ गर नीर हो,नहीं करें गर व्यर्थ। कोख न सूखे मात की, जल से रहें समर्थ। धूल-धुआँ गुब्बार ही,दिखते चारों ओर। दूषित-पर्यावरण हुआ,चले न कोई जोर।। कान फाड़ते ढोल हैं,फूहड़ बजते गीत, हद से ज्यादा शोर है,खोये मधुरिम गीत। हरी-भरी खुशहाली के,धरती भूली गीत। मैली सी वसुधा हुई,भूली सुर संगीत।। पर्यावरण स्वच्छ राखिये,ये जीवन आधार, खुद से करते प्यार हम,कीजे इससे प्यार। #सुनीता बिश्नोलिया #जयपुर #पर्यावरण #स्वच्छ #पर्यावरण
Diwan G
जगमगाते दियों की दमक है, चमचमाते घरों की चमक है। स्वादिष्ट पकवानों की महक है, मुस्कुराते चेहरों की रौनक है।। यही तो मजा है दिवाली का। Happy Diwali... दीप और दिवाली #दीप #प्रकाश
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
सूखी धरती फटी दर्द से करती है चित्कार यह। मेरी हरियाली लौटा दो कर दो तुम उपकार यह।। हरे भरे जो वृक्ष रहेंगे जन-जीवन मुस्काएगा। धरती झूमेगी खुशियों से मस्त पवन लहराएगा।। सुखी रहूंगी मैं सुख से जो तुम भी तो सुख पाओगे। मेरे साथ नहीं तो तुम भी ऐ मानव दुःख पाओगे।। वृक्ष अगर होंगे तब ही तो शुद्ध हवा जल पाओगे। आज सुखी खुशहाल रहोगे तुम कल भी सुख पाओगे।। वृक्ष न होंगे धरती पर तो श्वाँस कहाँ से लोगे तुम। छाया ठंडी कहाँ पाओगे कैसे फल पाओगे तुम।। हरे भरे ये वृक्ष हैं गहने वृक्ष है धरती का सिंगार। मानव जीवन को प्रकृति का मिला है ये अनुपम उपहार।। धरती की रक्षा करनी है पर्यावरण बचाना है। आओ यह संकल्प करें हम घर-घर वृक्ष लगाना है।। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #पर्यावरण
Ram Yadav
उसकी ज़िद थी जिबाह करने की फिर जिरह से क्या हासिल होता 😌 एक घुटी आह के साथ.... उसको देखा और गर्दन झुका दी 😔 हरि ॐ www.theforestrevolution.blogspot.com ©Ram Yadav #पर्यावरण