Find the Latest Status about परिणामस्वरूप from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, परिणामस्वरूप.
N S Yadav GoldMine
कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है !! 🎊🎊 एन एस यादव।। {Bolo Ji Radhey Radhey} राजा के पुत्र के पेट में रहने वाले सांप:- 🐍 एक नगर में देवशक्ति नाम का राजा रहता था। उसके पुत्र के पेट में किसी तरह सांप चला गया। सांप राजा के पुत्र के पेट में ही अपना बिल बनाकर रहने लगा। उसके कारण उसका शरीर दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा था। बहुत उपचार करने के बाद भी उसका स्वस्थ नहीं सुधर रहा था। यह देख राजपुत्र अपना राज्य छोड़ कर किसी दूसरे राज्य में चला गया और वहां के एक मंदिर में भिखारी की तरह रहने लगा।उस राज्य के राजा की दो पुत्रियां थी। वे दोनों जब भी अपने पिता को प्रणाम करती तो प्रणाम कहते हुए पहली पुत्री कहती है – महाराज! आपकी जय हो। 🐍 आपकी कृपया से इस राज्य में सुख हैं। दूसरी लड़की प्रणाम करते समय कहती है – महाराज आपके कर्मो का फल भगवन आपको दे। दूसरी पुत्री का प्रणाम सुनकर राजा को गुस्सा आ जाता था। एक दिन राजा ने क्रोध में आकर मंत्री से कहा – इस कटु वचन बोलने वाली लड़की को किसी गरीब परदेशी के साथ भेज दो। मंत्रियों ने उस लड़की का विवाह मदिंर में रहने वाले उसी राजपुत्र से करवा दिया जिसके पेट में सांप रहता था। 🐍 वह लड़की अपने पतिधर्म के अनुसार राजपुत्र की बहुत सेवा करती थी। दोनों ने उस राज्य को छोड़ दिया थोड़ी ही दूर जाने पर वह आराम करने के लिए एक तालाब के किनारे ठहरे। वह लड़की राजपुत्र को तालाब के किनारे छोड़ कर खाने पिने का सामान लेने लिए गयी। जब वह वापिस लोटी तो उसने दूर से देखा कि उसका पति एक बाम्बी के पास सोया हुआ है और उसके मुहं से एक काला सांप निकल कर बाम्बी से निकले सांप के साथ बाते कर रहा था। 🐍 बाम्बी से निकला सांप कहता है- अरे दुष्ट! तू क्यों इस सुन्दर राजकुमार के जीवन को बर्बाद कर रहे हो। पेट वाला सांप कहता है – तू भी तो इस बिल में स्वर्ण कलश को दूषित कर रहे हो। बाम्बी वाला सांप कहता है – तू समझता है कि तुझे कोई राजकुमार के पेट में मार नहीं सकता ? कोई भी व्यक्ति उबली हुयी राई देकर तुझे मार सकता है। पेट वाला सांप बोला – तुझे भी तो तेरे बिल में गरम तेल डालकर मार सकता है। 🐍 इस तरह बात चित करते हुए वह एक दूसरे के भेद खोल देते हैं। वह लड़की उनकी सुनी हुयी बातों को जानकर उन्हें उसी प्रकार मार देती है। परिणामस्वरूप उसके पति का स्वास्थ्य भी ठीक हो जाता है और स्वर्ण कलश मिलने से वे धनवान भी बन जाते हैं। दोनों राजकुमार के देश चले जाते है और अपनी सारी कहानी बतातें हैं राजकुमार के माता पिता उनका स्वागत करते हैं। कहानी की शिक्षा:-🐍 इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए। भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है। ©N S Yadav GoldMine #raindrops कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है !! 🎊🎊 एन एस यादव।। {Bolo Ji Radh
KP EDUCATION HD
KP GK EDUCATION HD video recording HD video recording HD video recording HD video ©KP EDUCATION HD आइए एआई-जनित सामग्री की दुनिया में उतरें और उन कानूनी नतीजों का पता लगाएं जो रचनात्मकता और धोखे के बीच पतली रेखा पर चलने वालों का इंतजार करत
Ravi Shankar Kumar Akela
धारा 498A के प्रभाव धारा 498A के अन्तर्गत कानूनी कार्रवाई के परिणामस्वरूप दोषी पाए जाने पर पति और ससुरालवासी न्यायिक निकाय के आदेश के अनुसार सज़ा का सामना कर सकते हैं। इससे महिलाओं को समाज में सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया है। धारा 498A भारतीय दंड संहिता में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क़दम है। धारा 498A के तहत ज़मानत का प्रावधान भी है, जिससे दोषी पाए जाने पर गिरफ्तारी के बाद भी व्यक्ति अदालत के आदेश अनुसार बाहर निकल सकता है। धारा 498A के तहत सज़ा और ज़मानत का प्रावधान भारतीय कानून के अनुसार तय किया जाता है, जिससे दोनों पक्षों को न्याय मिलता है । ©Ravi Shankar Kumar Akela #Mulaayam धारा 498A के प्रभाव धारा 498A के अन्तर्गत कानूनी कार्रवाई के परिणामस्वरूप दोषी पाए जाने पर पति और ससुरालवासी न्यायिक निकाय के आदे
N S Yadav GoldMine
कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है जरूर पढ़िए !! 🌸🌸 {Bolo Ji Radhey Radhey} राजा के पुत्र के पेट में रहने वाले सांप :- 🐍 एक नगर में देवशक्ति नाम का राजा रहता था। उसके पुत्र के पेट में किसी तरह सांप चला गया। सांप राजा के पुत्र के पेट में ही अपना बिल बनाकर रहने लगा। उसके कारण उसका शरीर दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा था। बहुत उपचार करने के बाद भी उसका स्वस्थ नहीं सुधर रहा था। यह देख राजपुत्र अपना राज्य छोड़ कर किसी दूसरे राज्य में चला गया और वहां के एक मंदिर में भिखारी की तरह रहने लगा।उस राज्य के राजा की दो पुत्रियां थी। वे दोनों जब भी अपने पिता को प्रणाम करती तो प्रणाम कहते हुए पहली पुत्री कहती है – महाराज! आपकी जय हो। 🐍 आपकी कृपया से इस राज्य में सुख हैं। दूसरी लड़की प्रणाम करते समय कहती है – महाराज आपके कर्मो का फल भगवन आपको दे। दूसरी पुत्री का प्रणाम सुनकर राजा को गुस्सा आ जाता था। एक दिन राजा ने क्रोध में आकर मंत्री से कहा – इस कटु वचन बोलने वाली लड़की को किसी गरीब परदेशी के साथ भेज दो। मंत्रियों ने उस लड़की का विवाह मदिंर में रहने वाले उसी राजपुत्र से करवा दिया जिसके पेट में सांप रहता था। 🐍 वह लड़की अपने पतिधर्म के अनुसार राजपुत्र की बहुत सेवा करती थी। दोनों ने उस राज्य को छोड़ दिया थोड़ी ही दूर जाने पर वह आराम करने के लिए एक तालाब के किनारे ठहरे। वह लड़की राजपुत्र को तालाब के किनारे छोड़ कर खाने पिने का सामान लेने लिए गयी। जब वह वापिस लोटी तो उसने दूर से देखा कि उसका पति एक बाम्बी के पास सोया हुआ है और उसके मुहं से एक काला सांप निकल कर बाम्बी से निकले सांप के साथ बाते कर रहा था। 🐍 बाम्बी से निकला सांप कहता है- अरे दुष्ट! तू क्यों इस सुन्दर राजकुमार के जीवन को बर्बाद कर रहे हो। पेट वाला सांप कहता है – तू भी तो इस बिल में स्वर्ण कलश को दूषित कर रहे हो। बाम्बी वाला सांप कहता है – तू समझता है कि तुझे कोई राजकुमार के पेट में मार नहीं सकता ? कोई भी व्यक्ति उबली हुयी राई देकर तुझे मार सकता है। पेट वाला सांप बोला – तुझे भी तो तेरे बिल में गरम तेल डालकर मार सकता है। 🐍 इस तरह बात चित करते हुए वह एक दूसरे के भेद खोल देते हैं। वह लड़की उनकी सुनी हुयी बातों को जानकर उन्हें उसी प्रकार मार देती है। परिणामस्वरूप उसके पति का स्वास्थ्य भी ठीक हो जाता है और स्वर्ण कलश मिलने से वे धनवान भी बन जाते हैं। दोनों राजकुमार के देश चले जाते है और अपनी सारी कहानी बतातें हैं राजकुमार के माता पिता उनका स्वागत करते हैं। कहानी की शिक्षा :- 🐍 इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए। भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है। ©N S Yadav GoldMine #Ladki कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है जरूर पढ़िए !! 🌸🌸 {Bolo Ji Radhey Radh
Triveni Shukla
गुरुजी ने कहा - किसी भी कार्य को पूरे समर्पण के साथ करना, यह समझकर कि अमुक कार्य इश्वर प्रदत्त है। (अनुशीर्षक में) #teachersday 💠 गुरुजी के तीन अमृत वचन 💠 गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर अपने "विद्या वाचस्पति" की उपाधि-अर्जन के दौरान शोध-मार्गदर्शक परमपूज्
Kulbhushan Arora
सभी को प्रणाम🙏🏼🙏🏼, सबको किया, हैरान परेशान, आपकी दुआओं का, दिल से बहुत शुक्रिया 🙌🙌, प्रार्थनाओं दुआओं का प्रभाव, औषधीय प्रभाव होता है, आप सभी ने जो प्रार्थनाएं की, परिणामस्वरूप उपस्थित हूं प्रसन्नचित हूं कुलभूषण #yqquotes
Ashok Mangal
जनहित की रामायण - 79 आये दिन जाते है हम सरकार में अपने अपने काम से । दफ्तरों में दिखता सबकुछ अधूरा जनसुविधा के नाम पे ।। बातें बनाते सरकारी महकमों को दोष देने की अक्सर । 'कोई नहीं सुनेगा' सोच के छोड़ते शिकायत का अवसर ।। बहुत बार कुछ नहीं होता इक्के-दुक्के प्रयास से । बारंबार ध्यान दिलाएं, दुनिया टिकी है आस पे ।। 'कर' रुप में हम ही भरते रक़म सरकारी कोष में । उपरी चढावा भी चढ़ाते, जल्दबाज़ी के जोश में ।। कभी-कभी डरते भी रहते अफसर हो न जाये नाराज़ । कहीं बिगाड़ न दे वो हमरे भावी कामकाज ।। हर कोई अपनी अपनी समस्याओं में घिरा है । इसीलिये जनहित का ढ़ोल नहीं बज पा रहा है ।। ( अनुशेष में अनवरत...) (अनुशेष) मेरा परिवार गत 24 वर्षों से जनहित जाप करता है । हमरी आँखों में जनहित स्वाह होता खटकता है ।। काम हो जाने पर असीम आनन्द मिलता है । अफ
Abhay Bhadouriya
श्री राम कथा भाग- 3 (राम जन्म) ॐ गणेशाय नमः रिद्धि सिद्धि सहिताए नम : सूर्य वंश के राजा दशरथ की जग में जय जयकार थी नगरी अयोध्या में तब सुख संपदा की भरमार थी फिर भी एक
विष्णुप्रिया
गृहस्थ और वैराग्य के मध्य उलझे कुछ विचार, कुछ भाव, कुछ मान्यताएं, और, उनका उत्तर खोजती मैं... इसी उधेड़बुन में यह कहनी रच गई... ' हिमाद्रि ' कैप्शन में पढ़े... हिमालय....यह....नाम सुनते ही तीव्र अद्यात्मिक ऊर्जा का संचार सा होने लगता है मेरे भीतर । फिर भी आज तक हिमालय दर्शन का सौभाग्य, प्राप्त ना हो
विष्णुप्रिया
क्षितिज पर है सूर्य एकाकी, रात्रि में है चंद्र, ढलते तरुओ से पर्ण एकाकी, और नयन से अश्रुकण, फिर तुम किसकी बाँट जोहते, हे मानव के प्राण हंस, चलो अकेले ध्येय को अपने, मापो धरती ओ.... गगन अनन्त । जीवन के इतने अनुभवो में मैंने बस इतना ही जाना है, कि.... अक्सर विकट परिस्थितियों में, जीव स्वयं को अकेला ही पाता है.... हाँ देखने में आस पास