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Praveen Jain "पल्लव"

##dayari होता प्रसव पीड़ा जैसा दर्द,लोग हल्के में जाता है #dayari #कविता

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पल्लव की डायरी
मन घायल होकर,तन मन झिझोर देता है
फूटकर ज्वार भाटा,जब उद्देलित कर देता है
कल्पनाओं में शब्दों के बादल उड़ेल देता है
तब भावुक मन रचनायें रच देता है
कलम कागज ले कर बैठो
अंतर्द्वंद बढ़ जाता है
होता प्रसव पीड़ा जैसा दर्द
सृजन नई कविता का हो जाता है
दर्द कवि को उस समय होता
जब लोग कविता को हल्के में ले जाता है
लाईक कमेंड देने में कंजूसी कर जाता है
                                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" ##dayari
होता प्रसव पीड़ा जैसा दर्द,लोग हल्के में जाता है
 #dayari

Rajesh Raana

"यदि ज़िन्दगी में दुःख की अतिरेकता हो तो याद रखे यह सुख के जन्म की प्रसव पीड़ा है।" सुख का जन्म #ज़िन्दगीें #दुःख #अतिरेकता  #सुख  #जन्म #प्रसव #पीड़ा #Nojoto #Nojotohindi #Hindi #Hindinojoto

Praveen Jain "पल्लव"

Thoughts गीत गजल कविता कहना प्रसव है चेतना का तब जन्मती है कविता #nojotohindi

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ଜୀବନ ଦର୍ପଣ

#firstquote हर दु:ख.. एक सुख को जन्म देने की प्रसव पीड़ा है.. सह जाओ..🙏🏼

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हर दु:ख.. एक सुख को जन्म देने की
प्रसव पीड़ा है.. सह जाओ..
  #firstquote
हर दु:ख.. एक सुख को जन्म देने की
प्रसव पीड़ा है.. सह जाओ..🙏🏼

Rajesh Raana

यदि जिंदगी में दुःख की अतिरेकता है , तो याद रखें यह सुख के जन्म की प्रसव पीड़ा है । - राणा © #Motivation #Inspiration #Life #myvoice

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AB

" जब कवि भावनाओं के प्रसव से गुज़रते हैं, तो कविताएं प्रस्फुटित होती हैं,!" - ' आचार्य रामचंद्र शुक्ल ' ( तो बस मैंने भी उन्हीं भावनाओं के प #alpanas

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किसी कवि के पहले मन में उपजती होंगी
अनेकों आकांक्षाएं फिर बुनती होंगी ताने - बाने

कभी उलझती होंगी अंतःकरण की दुविधाओं में 
तो कभी सुलझती विस्मय, सौंदर्य, श्रृंगार,
विभत्स, करुण क्रिया भावों में,

चुन - चुन ढाई आखर प्रेम के और पुष्प हज़ार
संवरती होंगी सजती होंगी किसी नववधू सी अंतर्मन में
मँडराती होंगी रंगीन तितलियाँ फिर सहर्ष ही
उन कविताओं के मन - उपवन में,

लिखी जाती होंगी फिर यह ऋचायें कोमल 
उन्मुक्त गगन में कल्पनाएं कल्पित होने हेतु केंद्र में 
प्रगढ़ता रखती ही होंगी वह निःसंदेह ही
और विपल्व करती होंगी मर्म में

कभी कैद रहती होंगी किताबों के पन्नों में,
कभी अच्छादित होती लहर बन कर अनोकों ह्रदय में

तो कभी स्वर बनती होंगी और निरंतर
बहती रहती होंगी ब्रह्माण्ड में आकाशगंगा में 
अंनत, अशेष, असंख्य संख्या बन !
- 'अल्प '✍️ " जब कवि भावनाओं के प्रसव से गुज़रते हैं, तो कविताएं प्रस्फुटित होती हैं,!"
- ' आचार्य रामचंद्र शुक्ल '

( तो बस मैंने भी उन्हीं भावनाओं के प

Dhingali❤

मातृशक्ति यदि नही बची तो , बाकी यहाँ रहेगा कौन ? प्रसव वेदना, लालन-पालन , सब दुःख-दर्द सहेगा कौन ? मानव हो तो दानवता को त्यागो फिर ये उत्तर

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मर्द कभी बलात्कार नहीं करते  ,
   माँ की कोख शर्मशार नहीं करते ...
      मर्द होते तो लड़कियों पर नहीं टूटते ,
         मर्द होते तो आबरू उनकी नहीं लूटते ..
  कुचलना नामर्दों की निशानी है …
        बेटियां बहन मर्द के साये में पलती हैं ,
               मर्द की जान माँ की दुवाओं से चलती है ...
                  मर्द औरत को देह की मंडियों में नहीं बेचता ,
                     मर्द दहेज़ के लिए उनकी खाल नहीं खींचता ...
                   मर्द बच्चियों के नाजुक बदन से नहीं खेलता ,
                       निर्भया-कांड के बाद क्या बलात्कार बंद हुए ??
                   केन्डललाईट रेली निकालने क्या फायदा ??
                       जब नेता भी बदल गया, कानून भी बदल गया ,
         फिर क्या रात गई , और बात गई !!!! मातृशक्ति यदि नही बची तो ,
बाकी यहाँ रहेगा कौन ?
प्रसव वेदना, लालन-पालन ,
सब दुःख-दर्द सहेगा कौन ?
मानव हो तो दानवता को 
त्यागो फिर ये उत्तर

Sanjay Sharma Saras

*कवित्त* निज मन की पीड़ाएँ जब भी आकुल व्याकुल हो जाती हैं अन्तस् की पीर पराई होने को जब जब अकुलाती है भीतर के चक्षु-कलश मेरे, करते जब जब अभिष

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 *कवित्त*
निज मन की पीड़ाएँ जब भी आकुल व्याकुल हो जाती हैं
अन्तस् की पीर पराई होने को जब जब अकुलाती है
भीतर के चक्षु-कलश मेरे, करते जब जब अभिष

Manoj Nigam Mastana

मातृशक्ति यदि नही बची तो बाकी यहाँ रहेगा कौन? प्रसव वेदना, लालन-पालन सब दुःख-दर्द सहेगा कौन? मानव हो तो दानवता को त्यागो फिर ये उत्तर दो इस #बेटी #शायरी #बेटियां

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मातृशक्ति यदि नही बची तो
बाकी यहाँ रहेगा कौन?
प्रसव वेदना, लालन-पालन
सब दुःख-दर्द सहेगा कौन?
मानव हो तो दानवता को
त्यागो फिर ये उत्तर दो इस
नन्ही से जान के दुश्मन को
इंसान कहेगा कौन?

#बेटियां #बेटी ❤️❤️❤️❤️

©Manoj Nigam Mastana मातृशक्ति यदि नही बची तो
बाकी यहाँ रहेगा कौन?
प्रसव वेदना, लालन-पालन
सब दुःख-दर्द सहेगा कौन?
मानव हो तो दानवता को
त्यागो फिर ये उत्तर दो इस

Preeti Karn

#जननी#कविता #गर्भ ##प्रसव #yqhindi #yqhindiquotes पुष्पधन्वा : कामदेव पाटली: गुलाब , केतकी: केवड़ा कौशेय : रेशमी आसन्नप्रसवा : जिसे

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मैं जनती हूं  कविताएं 
किसी अन्य को
जनक के अधिकार के आधिपत्य से
मुक्त रखती हूं।
सहधर्मिता की  नियमावली  का
अनुपालन नहीं होता
इस सृजन में।
 मैंने अपनी अनुभूतियों की हठधर्मिता 
के  निर्वहन  मात्र से
अपने हृदय गर्भ में
बीज आरोपित किए हैं
जो बसंत और घहराते काले 
मेघ सदृश  पुष्पधन्वा की
धरोहर हैं।
कुसुम कचनार पाटली केतकी 
से झड़ते रस गन्ध से पोषित
स्वाति उत्तराआषाढ नक्षत्रों की
बूंदों से अलंकृत 
मलय पवन के रेशे से
बुने गए कौशेय वसन 
सुसज्जित
मैं आसन्नप्रसवा जनती हूं कविताएं!
                    प्रीति


     #जननी#कविता #गर्भ ##प्रसव
#yqhindi #yqhindiquotes 
पुष्पधन्वा  : कामदेव
पाटली:    गुलाब   , केतकी: केवड़ा
कौशेय :  रेशमी
आसन्नप्रसवा : जिसे
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