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, , ,, , ©naran ko repost please आई लव अटलजी जिन्होंने हर विलेज पक्की सड़क की नीव रखी प्रधान मंत्री बनके
Mr.HARINARAYAN GURJAR
गांव हमारा शहर से जाकर लिपट गया, हर आदमी कई हिस्सों में बट गया,, कहते हैं लोग पक्की सड़क बन गई मगर,,, जो साया दे रहा था वही पेड़ कट गया। Mr.Harinarayan Gurjar ©Mr.HARINARAYAN GURJAR गांव हमारा शहर से जाकर लिपट गया, हर आदमी कई हिस्सों में बट गया,, कहते हैं लोग पक्की सड़क बन गई म
Rahul Yadav
ये बेवजह ही मसला बनाने वाले लोग हैं मरे हुए को ही तड़पाने वाले लोग हैं कौन कहे अब किसी के हक की बात हक दिलाने में ही हक चुराने वाले लोग हैं रंग लाए नही मेहनत अब मुफलिस मजदूर की सरकारी पद की शफ में ही पद चुराने वाले लोग हैं अब ना दे कोई दुहाई जमाने की ना रब की रूह लूट जिस्म जलाने वाले ही जमाने वाले लोग हैं ©Rahul Yadav भूले है लोग तो कोई बात नहीं हम भी फक्त किसी की याद नहीं रास्तों से यारी अच्छी बात लगी पक्की सड़क में कच्ची पगडंडी सी बात नहीं #LostTrack
Aabha Snowy Slopes
शहर से थक कर मैं गांव लौट रहा था बीच रास्ते मे ही पक्की सड़कों ने गावहीं दे दी की गांव अब शहर बन चुका था #MyTown ©Snowy Slopes शहर से थक कर मैं गांव लौट रहा था बीच रास्ते मे ही पक्की सड़कों ने गावहीं दे दी की गांव अब शहर बन चुका था #City #village #mytown
Mr.HARINARAYAN GURJAR
गांव हमारा शहर से जाकर लिपट गया, हर आदमी कई हिस्सों में बट गया,, कहते हैं लोग पक्की सड़क बन गई मगर,,, जो छाया दे रहा था वही पेड़ कट गया। Mr.Harinarayan Gurjar #poetry #shayar# ©Mr.HARINARAYAN GURJAR गांव हमारा शहर से जाकर लिपट गया, हर आदमी कई हिस्सों में बट गया,, कहते हैं लोग पक्की सड़क बन गई मगर,,, जो साया दे रहा था वही पेड़ कट गय Hari
Sandeep Kothar
अंधेरा.. अब अंधेरा नहीं, उजाला डराता है, तंग गलियां नहीं, अब पक्की सड़क पर चलने को, दिल घबराता हैं, न जाने इसे मेरा वहम कहूं, या मेरी कश्मकश.. बस अब शहरों की, चकाचौंध रोशनी में, हमेशा काला अंधेरा नज़र आता हैं..! संदीप कोठार अंधेरा.. अब अंधेरा नहीं, उजाला डराता है, तंग गलियां नहीं, अब पक्की सड़क पर चलने को, दिल घबराता हैं,
सुसि ग़ाफ़िल
जो जोश का शोर था चारों तरफ दिशाओं में , क्रांति की आवाज़ें गूंज रही थी , लोग कच्ची गलियों से लेकर पक्की सड़कों पर मिसालें ले रहे थे हाथों में! वो मंजर एकदम से तब्दील हो गया लाशों के ढेर में , किसी ना किसी बहाने से आखिर ऐसा क्या हुआ सब लोग डरने लग गए ! लोगों को सांसो से ज्यादा चूल्हे जलने की फिक्र होने लगी! जो जोश का शोर था चारों तरफ दिशाओं में , क्रांति की आवाज़ें गूंज रही थी लोग कच्ची गलियों से लेकर पक्की सड़कों पर मिसालें ले रहे थ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat एक तस्वीर जो आंखों में पूरी है एक तस्वीर जो हाथों से अधुरी है दूर कहीं धुंधली सी चादर ने छिपी बारिश की बूंद है ओस की चादर में लिपटी हसरत जो तस्वीर की कहानी है कुछ पूरी कुछ अधुरी यादों की धूल में लिपटी निशानी है पक्की सड़क पर उतरे निशानों को मिटाती वहीं कहानी है विश्व फोटोग्राफी दिवस की हार्दिक बधाई। अपने शब्दों से एक तस्वीर खींचें। #एकतस्वीर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Yo
Mohammad Arif (WordsOfArif)
बड़े नादान हो जो तुम मेरे दिल में आये हो अब आ गये हो तुम तो छोड़ा आराम कर लो किधर जा रहे थे तुम जरा बताओ हमसे दूर इतनी भी जल्दी क्या है छोड़ा हैरान कर लो चले जाना तुम हमसे बहुत दूर मगर कुछ पल अभी रूको हमको कुछ पल और परेशान कर लो मेरे साथ चलो रास्ते में छोड़ दूंगा पक्की सड़क पर बिछड़ने का वक्त आ गया अब फैसला कर लो चलो अपनी अपनी दुनिया में हम आगे बढें आरिफ कुछ पल और रूको छोड़ा हौसला कर लो बड़े नादान हो जो तुम मेरे दिल में आये हो अब आ गये हो तुम तो छोड़ा आराम कर लो किधर जा रहे थे तुम जरा बताओ हमसे दूर इतनी भी जल्दी क्या है छ