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Anuj Ray
मम्मी की सारी उम्र शायद , साड़ी पहन कर ही गुज़र गई। उनके अरमान तमन्ना सब , घर की चारदीवारी में ही मर गई। अब सबको अपनी पसंद का, पहनने का अधिकार मिल चुका है। इसलिए अपनी बेटी को स्कर्ट पहने देख बड़ी खुश नज़र आती है। मगर अब शहरों का माहौल, पहले से बहुत अधिक बदल चुका है। उनकी बेटी बहुत ही खूबसूरत है, किसी को दीपिका,किसी को प्रियंका नज़र आती है। और यही बेलगाम आज़ादी, पता ही नहीं चलता ,एक दिन सर पर चढ़ जाती है। और फ़िर अंज़ाम वही, जो किसी ने सोचा नहीं होता, टुकड़ों में खबर आती है। ©Anuj Ray # टुकड़ों में ख़बर आती है
# टुकड़ों में ख़बर आती है #न्यूज़
read moreBobby(Broken heart)
टुकड़ों टुकड़ों में जीना मुहाल है ऐसा तो नहीं कि मेरे दिल के दर्द से तू अनजान है बस वक्त वक्त की बात है वक्त की हर चाल देख परेशान हूं मौसम भी बदलते हैं कुछ वक्त लेते हैं लेकिन तेरे बदलने की रफ़्तार देख मैं हैरान हूं💔💔 Bobby broken heart टुकड़ों टुकड़ों में जीना....#bobby_sadeyes #confused
टुकड़ों टुकड़ों में जीना....#bobby_sadeyes #confused
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
"तेरी यादों के सहारे दिन कट जाता है कट जाती है रात वो पल सुकून भरा होता है जब होती है सपने में तुझसे संजीदा मुलाकात टूटते ही सपना तुझसे मिलने को दिल करता है सच है सखी विरह में प्रेम पलता है खुदा मेहरबान होगा जल्द मिलेंगे हम दोनों दिल से दिल लगाकर उड़ेल देंगे इक दूजे को अपना संचित प्यार करके बयां दिल का हर जज़्बात।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #Youme सच है सखी बिरहा में प्रेम पलता है
Ayush kumar gautam
या ख्वाजा तेरा मर्तबा पीरों में सबसे ऊंचा है रूह तो मेरी पाक है नहीं बस जिस्म ही समूचा है तेरी चौखट चूमने की क्या जरुरत जहां दिल से पुकारा वहीं से तेरा नाम चहुं ओर गूंजा है शायर आयुष कुमार गौतम या ख्वाजा.............
या ख्वाजा.............
read moreLokesh Mishra
जरूरत से ज्यादा सीधा होना भी अपराध है, हर कोई है जान के पीछे,दौड़ता अंधा होकर इंसान है, घर पर कब्जा,जमी पर कब्जा,कब्जा सरे बाजार है, नजरों में होकर नंगा,गिरा हुआ इंसान है, ईर्ष्या,द्वेष,घर घर में पलता,पलता आज बेईमान है, जाना क्या है लेकर यहां से,भूलता इंसान है, रह जाना है सब यहीं पर,घमंड में इंसान है, मिट्टी मिट्टी हो जायेगा,आखिरी घर शमशान है, #cinemagraph नजरों में होकर नंगा,गिरा हुआ इंसान है, ईर्ष्या,द्वेष,घर घर में पलता,पलता आज बेईमान है, जाना क्या है लेकर यहां से,भूलता इंसान ह
#cinemagraph नजरों में होकर नंगा,गिरा हुआ इंसान है, ईर्ष्या,द्वेष,घर घर में पलता,पलता आज बेईमान है, जाना क्या है लेकर यहां से,भूलता इंसान ह
read moreAnuj Ray
हम अकेले ही अपने दर्द में ,तन्हाइयों से जूझते रहते हैं। दिल के टुकड़ों के लिए फिर भी, दिल में प्यार लिए फिरते हैं। जो बढ़कर हैं हमें जान से भी प्यारे, कहे तो तोड़के ला दे चांद तारे। क्यों हमारा दर्द दिखाकर किसी का दिल दुखाएं, ये तो अपना नसीब है प्यारे। ये किसी की निशानी है अमानत के तौर पर, जो सहेज अपने संग लिए फिरते हैं। ©Anuj Ray # दिल के टुकड़ों के लिए फिर भी,
# दिल के टुकड़ों के लिए फिर भी, #ज़िन्दगी
read moreVEER NIRVEL
दोस्त तो बहुत हैं "ज़िंदगी" में मगर, जिगर के टुकड़ों की अलग ही बात है.. #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 ©VEER NIRVEL दोस्त तो बहुत हैं "ज़िंदगी" में मगर, जिगर के टुकड़ों की अलग ही बात है.. #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛
दोस्त तो बहुत हैं "ज़िंदगी" में मगर, जिगर के टुकड़ों की अलग ही बात है.. #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 #Shayari
read morepramod malakar
बांटकर खुद को टुकड़ों में, खत्म हो जाओगे तुम खून बहाकर भी अपना हिन्दुत्व को खत्म कर जाओगे तुम। नामोनिशान नहीं छोड़ेंगे धरती पर सनातन का, अपनी संस्कृति अपनी सभ्यता मिटा जाओगे तुम। खुद टुकड़े टुकड़े करके अपने भविष्य का, दुनिया से विदा हो जाओगे तुम। भविष्य में बच्चों कि चिंता क्यों करना, जेहादी कट्टर पंथियों के हवाले कर जाओऊ तुम। जातियों में बांट कर खुद को धरती से, बहुत जल्द ओझल हो जाओगे तुम। बेटी , बहन , बहू मां का रिश्ता, इस्लाम धर्म में सब भुला जाओगे तुम। मौज उड़ाओगे अपने घर में अपनो के संग, बूर्का पहना कर बिस्तर सजाओगे तुम। बांटकर खुद को टुकड़ों में,खत्म हो जाओगे तुम।। ############################ प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #बांट कर खुद को टुकड़ों में।
बांट कर खुद को टुकड़ों में।
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