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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- तेरा मेरा यार मिलन कल हो जायेगा । फिर तो सुख जीवन में हर पल हो जायेगा ।। धक-धक करती धड़कन मुझसे क्या कहती है। तू उसके पैरों की पायल हो जायेगा ।। उनकी बात न पूछो तुम हम दीवानो से । एक नज़र देखे जिसको घायल हो जायेगा ।। उनसे मिलने को जो इतना तड़प रहा है । मुझको लगता है वो पागल हो जायेगा ।। मत छेड तार इस दिल के आज अदाओ से । ये तेरी चाहत का क़ायल हो जायेगा ।। मुरझाती फसलों से क्या उम्मीद करेंगें । कौन यहाँ पे है जो बादल हो जायेगा ।। बात प्रखर की मानेगा जब तू जीवन में । सच कहता हूँ तू भी निश्छल हो जायेगा ।। ०९/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- तेरा मेरा यार मिलन कल हो जायेगा । फिर तो सुख जीवन में हर पल हो जायेगा ।। धक-धक करती धड़कन मुझसे क्या कहती है। तू उसके पैरों की पायल
_Ram_Laxman_
कालिज वार मोर दिल हा धक - धक होवत रिहीस हे । फेर का पाय के यार,,, मोर मन हा कल अंदर - अंदर बिक्कट रोवत रिहीस हे ।। ©_Ram_Laxman_ कालिज वार मोर दिल हा धक - धक होवत रिहीस हे । फेर का पाय के यार,,, मोर मन हा कल अंदर - अंदर बिक्कट रोवत रिहीस हे ।। #Hindi #hindi_poetry
HINDI SAHITYA SAGAR
चले आओ कि दिल मेरा तुम्हारे बिन न लगता है, ज़माने में भला कोई मुहब्बत ऐसी करता है। अगर तुम सामने हो तो दिल मेरा धक-धक करता हैं। न हो ग़र सामने तो मन तुम्हें ही ढूंढा करता हैं। ©HINDI SAHITYA SAGAR चले आओ कि दिल मेरा तुम्हारे बिन न लगता है, ज़माने में भला कोई मुहब्बत ऐसी करता है। अगर तुम सामने हो तो दिल मेरा धक-धक करता हैं। न हो ग़र सामन
Anjali Singhal
Anand vishnushali
king
तुझे जब धड़कनों में बसाया तो … धड़कने भी बोल उठी.. 😇 अब मज़ा आ रहा हैं धक-धक करने में …. ©Irshad Khan तुझे जब धड़कनों में बसाया तो … धड़कने भी बोल उठी.. 😇 अब मज़ा आ रहा हैं धक-धक करने में#Chess
Ravi Sharma
यूं दिल की गहराई में थकन बड़ी ही होती है दिल धक धक धक धक करता है और सांस अकेली होती है सांसो की उलझन तुम समझो उसको तो चलना होता है जीने मरने के द्वंद में देखो यह सांस सहेली होती है ©Ravi Sharma #boat यूं दिल की गहराई में थकन बड़ी ही होती है दिल धक धक धक धक करता है और सांस अकेली होती है सांसो की उलझन तुम समझो उसको तो चलना होता है जी
Sandeep mishra official