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Nandkishor Yadav
बेजुबान शायर shivkumar
#fathers_day #father #FathersDay #fatherslove #father बाप बेटी का #रिश्ता बड़ा प्यारा होता है दुनिया के हर रिश्ते से न्यारा होत #कविता #बेटियां #अभिमान #शान
read moreDevesh Dixit
शत्रु (दोहे) शत्रु छिपे आस्तीन में, हो कैसे पहचान। मुख पर मीठे हैं बने, बनते ये अनजान।। पीछे से चालें चलें, रचे नये षड्यंत्र। कैसे इसको मात दें, सोचें कोई तंत्र।। जीवन ये शतरंज है, शत्रु निभाता रीत। कोशिश उसकी ये रहे, कैसे पाऊँ जीत।। घुस आते कुछ देश में, करते फिर उत्पात। फर्ज वे शत्रु का निभा, देते हैं आघात।। सैनिक अपने वीर हैं, खूब चटाते धूल। शत्रु सभी फिर भागते, जो है उन्हें कुबूल।। शत्रु दिखे जब सामने, हो सकती तब जीत। अपनों में जो हैं घुसे, क्या कर पाएँ मीत।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #शत्रु #nojotohindi #nojotohindipoetry शत्रु (दोहे) शत्रु छिपे आस्तीन में, हो कैसे पहचान। मुख पर मीठे हैं बने, बनते ये अनजान।। पीछे से च
#शत्रु #nojotohindi #nojotohindipoetry शत्रु (दोहे) शत्रु छिपे आस्तीन में, हो कैसे पहचान। मुख पर मीठे हैं बने, बनते ये अनजान।। पीछे से च #Poetry #sandiprohila
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White पर्यावरण (दोहे) देखा पर्यावरण को, विचलित होता मीत। नष्ट कर रहा यह सभी, नहीं समझता रीत।। कैसी हालत कर रहे, देखो ये नादान। वृक्ष सभी ये काट कर, बनते हैं अनजान।। दूषित भी ये कर रहे, हम सब की जो शान। इसने ही पाला हमें, ये ही है वरदान।। दाता ने हमको दिया, ये सुन्दर संसार। पाया पर्यावरण को, है अपना शृंगार।। धरती माता रो रहीं, देखा जो ये हाल। मिटता पर्यावरण है, ऐसा फैला जाल।। सोच समझ सब खो चुके, कैसे हों आबाद। बैठे हैं जिस डाल पर, उसे करें बर्बाद।। जीवों को भी हो रही, अब दिक्कत यह खास। भटक रहे वे ग्राम को, रखते उनसे आस।। भोजन की विपदा बड़ी, वो भी हैं भयभीत। मानव संकट है बड़ा, होगी कैसे जीत।। ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #पर्यावरण #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry पर्यावरण (दोहे) देखा पर्यावरण को, विचलित होता मीत। नष्ट कर रहा यह सभी, नहीं समझता रीत।।
#पर्यावरण #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry पर्यावरण (दोहे) देखा पर्यावरण को, विचलित होता मीत। नष्ट कर रहा यह सभी, नहीं समझता रीत।। #Poetry #sandiprohila
read moreAnkur tiwari
White आओ ना एक नई शुरुआत करते हैं दो चार पल बर्बाद एक साथ करते हैं इंस्टा, FB पर तो बहुत कर लिया मिलो कभी रूबरू बात करते हैं इतने दिनों में कुछ जाना तो होगा कौन हैं कैसा है पहचाना तो होगा यूं ही तो नही कर लेते हो सहज बातें तुमने भी कुछ जांचा पहचाना तो होगा सबके साथ खुलकर नही होती हैं बातें जब जज़्बात मिलते हैं तो होती है बातें यूं दिनभर बिज़ी रहने की जरूरत है क्या जब मन हो तभी तो की जाती है बातें सब बातें तो करते है पर दर्द सुनता कौन है बेवजह किसी के सपने खुद बुनता कौन है स्वार्थ से वशीभूत इस दुनियां में अंजान कद्र शरीफों की सराफत का करता कौन है पर इतने समय में जो भी देखा सुना और जाना है अपने अनुभवों से तुमको ही अंदाजा लगाना हैं बार बार जो प्रेम है प्रेम हैं की बात करते हो तुम गर कह दूं प्रेम हैं तो क्या ये रिश्ता निभ पाना है हैं तुमको भी पता ये जमाने की बंदिशें और रीत हां अच्छे बन सकते है हम एक दूजे के मनमीत पर अपने स्वार्थ में परिवारों को जलाना उचित है क्या जिन्होंने आज तलक हमे संभाला उन्हें रुलाना उचित हैं क्या @mr_master__sab ©Ankur tiwari #love_shayari आओ ना एक नई शुरुआत करते हैं दो चार पल बर्बाद एक साथ करते हैं इंस्टा, FB पर तो बहुत कर लिया मिलो कभी रूबरू बात करते हैं इत
#love_shayari आओ ना एक नई शुरुआत करते हैं दो चार पल बर्बाद एक साथ करते हैं इंस्टा, FB पर तो बहुत कर लिया मिलो कभी रूबरू बात करते हैं इत #Poetry
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White जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था पर उसने इंकार कर दिया , दिल को मेरे तार तार कर दिया स्वप्न सजाएं थे जो मैंने ,उन स्वप्नों को राख कर दिया फिर भी मैंने पूछा उससे ,कमी क्या हैं मुझको बतलाओ क्यों प्रेम स्वीकार नहीं हैं ,कोई कारण तो समझाओ उसने कहा राम चाहिए मुझे , शादी करके आराम चाहिए मुझे शौक मेरे सब पूरे हो जाए ,ऐसा कोई राजकुमार चाहिए मुझे तुम तो ठहरे सामान्य से लड़के ,ये सब तुम ना कर पाओगे जीवन भर मेहनत करते करते ही,एक दिन यूं ही तुम मार जाओगे फिर क्यों तुम्हें स्वीकार करूं मैं ,क्यों खुद पर धिक्कार धरूं मै मिल जायेगा मुझे कोई रईसजादा,तो फिर तुमसे क्यों प्यार करूं मैं उसकी बातें सुन दिल भर आया था,मैं खुद अंदर ही अंदर मर आया था बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला मैने ,आंखों में आंसू भी भर आया था तबसे ना किसी से प्यार हुआ ,ना कभी कोई इज़हार हुआ मैं जान गया रीत दुनियां की,और खुद से एक इकरार हुआ पैसे की दुनिया हैं तो फिर ,पैसा ही मुझे कमाना है जिस जिस ने भी ठुकराया हैं ,उस उस को एक दिन दिखाना हैं पाया ही सबकुछ नही हैं पर ,दुनियां पीछे इसके पागल है अब नही रही तव्वजो सीरत की ,पैसे और सूरत पर सब घायल हैं ©Ankur tiwari #Night जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था पर उसने इंकार कर दिया , दि