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Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
White ["आँखें: दिल का आईना"] वो शख़्स भी बड़े कमाल का था, आँखों में देख चेहरा पढ़ लेता था। ©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #love_shayari #आँखें: #दिल का #आईना_ shayari on love motivational shayari love shayari shayari status
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read moreMahesh Patel
White सहेली...... आंखें उसकी सजल है.. बातें उनकी सरल है.. घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है.. कैसे कहूं यारों.. वह गीत है वह मित भी है.. यह दर्द में डूबी हुई.. फिर कोई हमारी गजल है.. लाला..….. ©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....
सहेली... गजल... लाला....
read moreShilpa Yadav
Unsplash आजकल लिख रही हू मनमर्जियां अपनी सच कह नहीं सकती तो झूठ उधार लेती हूं बेशक मैं दर्द ए मुरीद सी भूल जाऊं खुदको अपने शब्दों से लोगों को सुधार देती हूं तरबियत इतनी कि तबियत खराब कर दूं कह दो जरा तो अपनी न सही दूसरों की भी जीवनी को पन्ने पर उतार देती हूं मैं वो शख्श हूं जिसका जमीर जिंदा है सच कह नहीं रकती तो झूठ उधार लेती हूं ©Shilpa Yadav #lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha Neel Vishalkumar "Vishal" Ravi Ranjan Kumar Kausik Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
#lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha Neel Vishalkumar "Vishal" Ravi Ranjan Kumar Kausik Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
read moreGhumnam Gautam
किसी ने फाड़ दी उल्फ़त की वो किताब पुनः बिखर गया है कहीं पर कोई गुलाब पुनः पुनः हुआ है किसी पर दहर का ज़ुल्म-ओ-सितम किसी की आँखों से बहकर गिरे हैं ख़्वाब पुनः ©Ghumnam Gautam #किताब #आँखें #ghumnamgautam
Mohan Sardarshahari
Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari # गजल
# गजल
read moreSatish Deshmukh
White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh गजल
गजल
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