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खामोशी और दस्तक

#hands आज का दिन उदासी से भरा था ना ज्यादा काम था और ना ही मौसम अच्छा था ना गर्मी ना ठंड उमस भरा था दिन आज का और उमस सा भरा था दिल में भी #लव

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K R SHAYER

#दिल कु दे परमिशन मम्मी मन्म KR की आव sana naaz udass Afzal Khan Bishnu kumar Jha gaTTubaba जादूगर #लव

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Vedantika

Day: 4 “एक लड़की भीगी-भागी सी” “सोती रातों में जागी सी” “मिली एक अजनबी से” “कोई आगे ना पीछे” “तुम्हीं कहो ये कोई बात है........ओ” “एक लड़की भ

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“एक लड़की भीगी-भागी सी”
“सोती रातों में जागी सी”
“मिली एक अजनबी से”
“कोई आगे ना पीछे”
“तुम्हीं कहो ये कोई बात है........ओ”
“एक लड़की भीगी-भागी सी.......”

मॉनसून कैफे में किशोर कुमार का यह सुरीला गीत कैफे के माहौल को खुशनुमा बना रहा था। बाहर झमाझम बारिश हो रही थीं। हवा का रुख कैफे की ओर होने की वजह से बारिश का पानी कैफे के दरवाजे पर आ रहा था जिसकी बूंदे दरवाजे पर एक अलग ही दर्पण बना रही थी।

 Day: 4

“एक लड़की भीगी-भागी सी”
“सोती रातों में जागी सी”
“मिली एक अजनबी से”
“कोई आगे ना पीछे”
“तुम्हीं कहो ये कोई बात है........ओ”
“एक लड़की भ

Trivedi Abhishek

कुछ शब्द बालिकाओ के लिए... सभी को अपने हिसाब से लाइफ़ जीने की आजादी है और अच्छी बात भी है पर कुछ लोग होते हैं जो अर्थ का अनर्थ बना देते हैं.. #yourquote #mentality #yqbaba #MyThoughts #yqdidi #bachaparty

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पहले पहले जब yq पर लिखना शुरू किया तो अच्छा 
लगता था अपने मन की बात को बेबाक होकर लिख लेते थे... 
फ़िर थोड़ा दुसरो के कोट को पढ़ना शुरू किया 
और ये भी अच्छा लगा... 
जैसे जैसे yq के नये फ़िचर आते गये अच्छा लगता 
पर विगत कुछ दिन से कुछ बाते देखकर मन थोड़ा 
विचलित हुआ जिस पर लिख रहा हूँ 
अगर कुछ गलत लगे तो क्षमा प्रार्थी हूँ...

(............full piece in Caption) कुछ शब्द बालिकाओ के लिए...
सभी को अपने हिसाब से लाइफ़ जीने की आजादी है और अच्छी बात भी है पर कुछ लोग होते हैं जो अर्थ का अनर्थ बना देते हैं..

Rabindra Kumar Ram

शायद .…... शायद क्या??? साथ या खौफ?? माफ़ी बिना परमिशन लिए कोलैब कर दिया 👏 #Fear #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #sannata #yqthoughts #banarasi_writes #coronavirus

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" Har taraf sanato ka shor hai , 
Jane hum manaw kis galti ka khamyaja bhugat rahe hai ,
Hum insaan hi insaan ki hasti mitane pe lage hai. " 

                        --- Rabindra Ram शायद .…...
शायद क्या???

साथ या खौफ??

माफ़ी बिना परमिशन लिए कोलैब कर दिया 👏

Hrishabh Trivedi

25 जून 1975 भारत की राजनीति काल का सबसे घिनौना दिन। उस रात को कुछ ऐसा हुआ था जो न तो इसके पहले कभी हुआ था और ना ही इसके बाद आज तक। इसी तारीख #Reality #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqhindi #Emergency

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इंदिरा और आपातकाल
(Read in caption) 25 जून 1975 भारत की राजनीति काल का सबसे घिनौना दिन। उस रात को कुछ ऐसा हुआ था जो न तो इसके पहले कभी हुआ था और ना ही इसके बाद आज तक। इसी तारीख

Hrishabh Trivedi

नोट:- जिन्होंने इस सीरीज के पहले तीन पार्ट नहीं पढ़े हैं, वो पहले उन्हें पढ़े वर्ना कहानी समझ में नहीं आएगी। इस पर क्लिक करें👉👉 सफर_मायानगर #story #TrueStory #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqtales #सफर_मायानगरी_का #hr_story

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सफ़र मायानगरी का(भाग4)
😊अनुशीर्षक में पढ़े😊 नोट:- जिन्होंने इस सीरीज के पहले तीन पार्ट नहीं पढ़े हैं, वो पहले उन्हें पढ़े वर्ना कहानी समझ में नहीं आएगी। इस पर क्लिक करें👉👉 #सफर_मायानगर

Hrishabh Trivedi

नोट:- जिन्होंने इस सीरीज के पहले दो पार्ट नहीं पढ़े हैं, वो पहले उन्हें पढ़े वर्ना कहानी समझ में नहीं आएगी। इस पर क्लिक करें👉👉 सफर_मायानगरी #story #yqbaba #yqdidi #yqtales #astheticthoughts #सफर_मायानगरी_का #hr_story

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सफ़र मायानगरी का(भाग3)
 😊अनुशीर्षक में पढ़े 😊 नोट:- जिन्होंने इस सीरीज के पहले दो पार्ट नहीं पढ़े हैं, वो पहले उन्हें पढ़े वर्ना कहानी समझ में नहीं आएगी। इस पर क्लिक करें👉👉 #सफर_मायानगरी

AB

हॉस्टल में पढ़ा करती थी तो बचपन में खासा अनुभव नहीं था कि घर में सब कैसे रहते,.. ' गांव का माहौल ', परन्तु गांव लौटने कि तीव्र इच्छा हमे

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" व्यास मेरी प्रकृति "
 ( अनुशीर्षक ) 
    हॉस्टल में पढ़ा करती थी तो बचपन में खासा अनुभव नहीं था कि घर में सब कैसे रहते,.. ' गांव का माहौल ', परन्तु गांव लौटने कि तीव्र इच्छा हमे

Secret Quotes

दिवस दाखवते ती मला तिला भीती होती पहिली आज बिनधास्त आहेत शेवटी पैसा आहेत मोठे लोकं आहेस ते फिरायला गेले म्हणून नाही बोलत मी पण ज्या लोकांसोब

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  चार दिवसांचे जीवन...
"काही दुखा:त गेले तर"
"काही भांडणात गेले"
"काही त्रासात गेले"
खरं तर जीवनातले
"तीन दिवस गैरसमजात गेले"
उरलाय बस एकच दिवस
मग तो कसा जातोय पुढे
   माहित नाहीये काहीच...
   -AS Patil✍️ दिवस दाखवते ती मला तिला भीती होती पहिली
आज बिनधास्त आहेत शेवटी पैसा आहेत मोठे
लोकं आहेस ते फिरायला गेले म्हणून नाही बोलत मी
पण ज्या लोकांसोब
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