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वंदे मातरम् (आदि महादेव )

सभी प्रदेश वासियों को अक्षय तृतीया और परशु राम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
 सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।

©वंदे मातरम् (आदि महादेव ) #भगवा

Sachin Upadhyay

नई कविता ... मेरे गीत का रंग ना देखो #Poetry

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Arshan Naga

#autumn भगवा धारी #न्यूज़

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Kamal Chandra yadav banda

bhaiya ke Sadi भगवा होली #वीडियो

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Gurudeen Verma

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
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क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीत

Gurudeen Verma

शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया
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हम वह मिले तो हाथ मिलाया
 बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।।
बात हुई पलभर के लिए।
हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।।
हम वह मिले तो-------------------।।

इस इंसान को क्या हो गया है।
रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।।
दौड़ रहा है सुख पाने को।
दौलत का भूत यह हो गया है।।
रुकता नहीं करने को विश्राम।
हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

बेच दिया इसने ईमान अपना।
मार दिया इसने इंसान अपना।।
छोड़ दिया है करना शर्म भी।
भूल गया यह भगवान अपना।।
लूट रहा है मुफ़लिसों को।
हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

हमसे मिलन भूल गया वह कल का।
हमसे वादा भूल गया वह कल का।।
झूठा है उसका प्यार और रिश्ता।
हमसे प्यार भूल गया वह कल का।।
उसके लिए अजनबी है अब हम।
हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।।
हम वह मिले तो------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीत

सतीश तिवारी 'सरस'

गीत #कविता

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