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Rupali >------->>Verma
Mukesh Poonia
Life Like जिन पेड़ों ने पतझड़ सहे है बसंत भी उन्ही पेड़ों पर लौटता है . ©Mukesh Poonia #Lifelike जिन #पेड़ों ने #पतझड़ सहे है #बसंत भी उन्ही #पेड़ों पर #लौटता है
Ƈђɇҭnᴀ Ðuвєɏ
हर दर्द सहे हंसकर जबतक वो, लगती सबको बेचारी है, हो जब बात आत्मसम्मान की, फिर बन जाती दुर्गा नारी है कर देती है बलिदान खुद को बस अपनों की खुशी के लिए समझे ना कीमत हर कोई इसकी, देती जाने कितनी कुर्बानी है हर फर्ज़ निभा जाती, हर बार झुक जाती, फिर भी जाने क्यूं सबकी अराति है बस प्यार के दो बोल ही काफी है उसको फिर देखो नारी कितनी प्यारी है कभी मोम सी पिघल जाए, कभी ज्वाला सी धधक जाती पर हो जाए जब हद से पार व्यभिचार, फिर वो बन जाती झांसी की रानी है अपने घर के बगिया की वो कोमल ठंडी छाया है, करो सदा सम्मान उसका, चलता है संसार उससे, मौत भी उससे हारी है.... ©Ƈђɇҭnᴀ Ðuвєɏ #womens_day हर दर्द सहे हंसकर जबतक वो,लगती सबको बेचारी है, हो जब बात आत्मसम्मान की,फिर बन जाती दुर्गा नारी है कर देती है बलिदान खुद को बस अ
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
सफर मे तुम होते तो, कुछ बात होती, यूँ ही तनहा सफर मे, किससे दिल की बात कहें। दर्द हो या ना हो, क्या फर्क है, दर्द सहें या न सहे, किससे अब दिल की बात कहें। #कलमसत्यकी ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी #RoadTrip सफर मे तुम होते तो, कुछ बात होती, यूँ ही तनहा सफर मे, किससे दिल की बात कहें। दर्द हो या ना हो, क्या फर्क है, दर्द सहें या न सहे,
प्रेम कुमार रावत
ये मया हा ना भाचा पिक्चर, कहानी मे बने लागथे जी ... 😟 सिरतोन मा मया करके देख आधा आधा रात के उठ के रोये ला पढ़थे...🥲🥲🥲 ©cg_poet_ prem _kumar #onenight ये मया हा ना भाचा पिक्चर, कहानी मे बने लागथे जी ... 😟 सिरतोन मा मया करके देख आधा आधा रात के उठ के रोये ला पढ़थे...🥲🥲🥲
ज़हर
ज़हर कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं। बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं। अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नहीँ कहता। फटी चादर की गलती हो तो सारे बोल जाते हैं। हवाओं की तबाही को सभी चुपचाप सहते हैं। च़रागों से हुई गलती तो सारे बोल जाते हैं। बनाते फिरते हैं रिश्ते जमाने भर से अक्सर। मगर जब घर में हो जरूरत तो रिश्ते भूल जाते हैं। कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। ©ज़हर ज़हर कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा ए
Sk
पतझड़ हुए बिना पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते, कठिनाई और संघर्ष सहे बिना अच्छे दिन नही आते. ©Sk पतझड़ हुए बिना पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते, कठिनाई और संघर्ष सहे बिना अच्छे दिन नही आते.
Satish Kaushal
उन्हें लगता रहा हम पागलों सा हाल बना बैठे है, पर उन्हें क्या मालूम उन्ही के लिए हम अपना सब कुछ गवां बैठे हैं। मुझसे नजरें फेर कर चलने वाले, कभी मेरी तारीफ़ करते थकते नहीं थे, चांदनी रात होती थी पर हमे देखे बिना वो चमकते नही थे। आज सिलसिला ये है की अपना पागलों सा हाल हो गया है, हम बिखर से गए किसी के लिए और वो मालामाल हो गया है। ©Satish Kaushal #अपना कहने वाले आजा बेगाना किए है,गम सहे उम्र भर जिनके लिए..वो ही आज दर्द पे दर्द हमको दिए है...।
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
अब बेरहम वक्त के दिलासे में नहीं आएंगे,हम मुसलमान है,ऐसे वक्त के झांसे में नहीं आएंगे//१ हम ना अंधे हैं,ना गूंगे बहरे है,पर लगते तो कुछ तेरे है,हम किसी दल के दिलासे में नहीं आएंगे//२ ऐसे वक़्त में यह गवारा हो नहीं सकता,सितम इतने किए है,के अब दोहरे खुलासे में नहीं आएंगे//३ जरा उन मकतूलो की ख़ैर ख्वाही तो पूछिए साहब, के अब हम किसी कातिल के फांसे में नहीं आएंगे//४ मुख्तसर अल्फाज में सब कसीदे लिख नहीं सकते,ये दर्दों अलम इतने सहे,के अब तेरे कासें में नहीं आएंगे//५ आपने जिस तरह की है मुसलमानो से नफरत,अबकी लगता है"शमा" वो सियासत में ढोल तासे से नहीं आएंगे//६ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Wochaand अब बेरहम वक्त के दिलासे में नहीं आएंगे, हम मुसलमान है,ऐसे वक्त के झांसे में नहीं आएंगे//१ हम ना अंधे हैं,ना गूंगे बहरे है,पर लगते