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Himaani
White मत सोच जमाना क्या कहेगा जमाने का काम है कहना यह तो उम्र भर कहता रहेगा ©Himaani #sad_shayari जमाने का काम कहना है
ਸੀਰਿਯਸ jatt
Shubham Bhardwaj
White तेरे बिना मुझको, कोई खुशी गवारा नही। यह नही कि जमाने में,कोई भी हमारा नही।। ©Shubham Bhardwaj #Dosti #यह #नही #कि #जमाने #में #कोई #भी
R...Khañ
White कोई उसको, कोई इसको और ना जाने यहां कौन किस-किस को दग़ा देकर यह कहता हैं! बदलना जरूरी हैं खुद को ऐसा इस 'नए जमाने' का पीढ़ी कहता हैं ©R...Khañ #नए#जमाने🌎 Ramjan Ali
ਸੀਰਿਯਸ jatt
White आज के ज़माने ने उल्फतो के मयीने बदल दिए, जो सनम जीने मरने की कसमें खाते थे आज वो हमारी मौत की दुआ करते है ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #Romantic वाह रे जमाने तेरी क्या मिसाल दूं!
Himaani
White शिकायतें बहुत हैं मुझे अपनों से पर क्या फायदा अब कहने से जब अपने ही अपने ना हो सके अब क्या उम्मीद करूं इस जमाने से ©Himaani #Couple क्या उम्मीद करूं जमाने से
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी उम्र मेरी कब ढल गयी खुद ही में खोयी रही मेरी वेफुफी आज शर्मिंदी भरी है जमाने की आवाज सुनी ही नही है एक साथी चुनने की अहमियत मैने दी ही नही चंचलता और गुमान इतना था कि खुद से बड़ा किसी को समझा ही नही आज अहसास हुआ खुद को हकीकत का तब मुँह छिपाने के अलावां कुछ बचा ही नही प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #aaina जमाने की आवाज सुनी ही नही #nojotohindi
Aliyah Khan
जमाने में तंहा चलना सिख लिया हमने, जमाने के भिडों से ख़ुद ही को अलग कर लिया हमने। साबिया रब्बानी ©Aliyah Khan #तंहाई #जमाने #शायरी
Aliyah Khan
जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता, हो अपना या बेगाना कोई भी साथ नहीं रहता, *२ हैं इस दिल में दर्द कितने कोई भी तोल नहीं सकता, मैंने देखा है नज़दीक से हर रिश्ते को अजमा के *२ सहारा देने के लिए कोई भी पास नहीं आता। *२ हर आंसू को पि कर के, ख़ुद ही को है मनाया, बनी हुं मोम से पथर कैसे,ये कोई बता नहीं सकता , सही हुं दर्द कितने कोई भी तोल नहीं सकता। जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता, और जो तुम ये कहते हो कोई यार या प्यार ढुंड लो, सुनो मैं भी ये कहती हुं कोई भी साथ नहीं रहता। मुसीबत देख के पहले अपने ही निकलते हैं, पराए फिर भी आ कर के सहारा बन जाते हैं जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता।*३ साबिया रब्बानी ©Aliyah Khan #poem जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता