Find the Latest Status about परिदृश्य अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, परिदृश्य अर्थ.
Usha Dravid Bhatt
परिदृश्य ऊंचे ऊंचे वृक्षों को देख उठते हैं प्रश्न मन में क्या मानव की इच्छाएं इनसे भी ऊंची हैं। शायद हां ! हरे भरे वनों की जगह सर्वत्र कंक्रीट के जंगल उग आए, हवा दूषित हो गई, कभी स्वच्छंद घूमने वाले गगनचुंबी इमारतों में कैद होगए। स्वप्न खेत, खलिहान,आंगन चौबारों, मकानों से गुजरते हुए फ्लैटों में सिमट कर रह गए। स्वच्छ हवा ,पानी का अधिकार खुद खोते गए। नहीं बालपन खेलता गलियों में ना जवानी उमंग उत्साह से उड़ रही, बुढा़पा घुटन और मायूसी का दोष आंखों को दे रहा, इमारतों के सघन वन को दृष्टि बाध्यता कह रहा। ये सब मानव की ऊंची उड़ान का परिणाम है। कौन जिम्मेदार है बिकते खेत खलिहान का, पश्चिमी सभ्यता से बेजार महत्वाकांक्षा ने माफियाओं का दास बना दिया। गुलाम बने फिर रहे हैं माफियाओं के दिखाए सब्जबागों में, छले जा रहे हैं निरुद्देश्य अर्थ की कामनाओं में । भूले अपनी संस्कृति दिशाहीन हो गये, प्राकृतिक सुख साधन लुप्तप्राय हो गये, ठगे रह गए हैं , तरसते स्वप्न पुकारते हैं, ए खूबसूरत खोये ख्वाब लौट आ इस धरा पर ! प्रकृति आज भी वही है, इन्तजार है छोड़कर जाने वालों का, मानव विहीन धरती बंजर ही कहलाती है । ©Usha Dravid Bhatt परिदृश्य पलायन ,मानव मूल्यों की अवहेलना, अपनी संस्कृति की विमुखता से उपजते परिणाम।