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DR. SANJU TRIPATHI
देवी मां दुर्गा आदिस्वरूपा, आदिशक्ति मां भवानी, महिषासुर मर्दिनि, काली हैं। महिषासुर के अत्याचार से देवों को बचाने को मां विध्वन्सिनी का अवतार हुआ। महिषासुर असुरों के महाराजा रंभ और भैंस के प्रेम योग से उत्पन्न हुआ था। महिषासुर इच्छा अनुसार जब चाहे वह सर जब चाहे मनुष्य बन सकता था। सृष्टिकर्ता ब्रह्मा का महान भक्त था ब्रह्मा के वरदान के कारण वह अपराजिता था। स्वर्ग लोक में देवताओं को सताया आक्रमण कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। पृथ्वी पर भी उत्पात मचाया देवताओं ने त्रिमूर्ति ब्रह्मा,विष्णु,महेश से सहायता मांगी। महिषासुर के प्रकोप को जानकर श्री विष्णु और शिव अत्यधिक क्रोध से भर गए। क्रोध से एक महान तेज प्रकट हुआ अन्य देवताओं के शरीर से भी तेज निकले। तीनों लोक प्रकाशित हुये सारे तेज मिल एक तेजोमय शक्ति का एकाकार हो गए। सभी देवताओं ने अपने तेजों से मिला एक कल्याणकारी देवी मां को उत्पन्न किया। महिषासुर का वध करने के लिए मां विंध्वन्सिनी को महिषासुर मर्दिनि कहा गया। महिषासुर का वध करने के लिए नौ दिनों तक देवी ने अत्यन्त भयंकर युद्ध किया। महिषासुर का वध करके देवताओं को स्वर्ग को सौंपा धरती को दैत्यों से मुक्त किया। -"Ek Soch" #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_durga_namah Time limit till 11:59 pm tonight... No
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मां दुर्गा की नवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री का पूजन नवरात्रि के नवें दिवस करते हैं। सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली मां सिद्धिदात्री को विधि-विधान से पूजते हैं। मां सिद्धिदात्री के पूजन से अष्ट सिद्धियां अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा इत्यादि मिलती हैं। मां की अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ तभी अर्धनारीश्वर कहलाए। सिंघवाहिनी, चतुर्भुजधारी, कमल पद्मासनी सारे दु:खों को हरती और सुखों को प्रदान करती है। नवदुर्गाओं में अंतिम है उपासना से भक्तों की लौकिक पारलौकिक सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। जो मन से ध्याता है उसकी सभी सांसारिक इच्छाओं और आवश्यकताओं का नाश हो जाता है। कृपा-रस-पीयूष का पान करता हुआ विषय-भोग शून्य होकर परम पद को प्राप्त कर लेता है। देवी दुर्गा के इस अंतिम स्वरूप को नवदुर्गा में सबसे श्रेष्ठ और मोक्ष प्रदान करने वाला मानते हैं। श्वेतांबर धारी महाज्ञानी और मधुर स्वरों से भक्तों को सम्मोहित कर मनोवांछित वर देने वाली हैं। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_siddhidatri_namah Time limit till 11:59 p
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नवरात्रि के सप्तम दिवस मां भवानी के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। सप्तमी तिथि होती अति शुभ फलदाई इसलिए मां कालरात्रि शुभंकरी भी कहीं जाती हैं त्रिनेत्रों वाली देवी मां दुष्टों का विनाश करने के कारण ही मां कालरात्रि कही जाती हैं। चतुर्भुजी, श्याम वर्णी विशाल केशों को फैलाए समस्त अंग बिजली के समान तेजवान हैं। काल के मुंह से बचाने वाली, दुष्टों की संहार करने वाली मां महाचंडी का अवतार हैं। खड्ग और खप्पर धारण करने वाली, दुष्टों का लहू चखने वाली का कलकत्ता स्थान है। रक्तदंता है, अन्नपूर्णा है, दु:खहारी, भयहारी, चिंताहारी और समस्त कष्टों को मिटाने वाली हैं। काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, रुद्राणी, चामुंडा, और दुर्गा के विनाशकारी रूपों में से एक हैं। मां कालरात्रि को ध्याने से राक्षस, भूत, प्रेत, पिशाच और सभी नकारात्मक उर्जाओं का नाश होता है। मां कालरात्रि को ध्याने वाले को ज्ञान, शक्ति, धन, सिद्धियां मिलती और पापों विघ्नों का नाश होता है #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_kalratri_namah Time limit till 11:59 pm to
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शारदीय नवरात्रि के षष्ठम दिवस को मां कात्यायनी को श्रद्धा से समर्पित करते हैं। महिषासुर का वध करने वाली देवी मां कात्यायनी को महिषासुरमर्दिनि भी कहते हैं। ऋषि कात्यायन की पूजा से प्रसन्न होकर इनके घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। ऋषि कात्यायन की बेटी होने के कारण मां कात्यायनी के नाम से जगत में प्रसिद्ध हुई। कन्याओं को सुयोग्य वर प्रदान करने वाली विवाह की सब बाधाओं को दूर करती हैं। बेहद उदार स्वभाव वाली मां कात्यायनी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। चतुर्भुज धारी मां एक हाथ में खड्ग दूजे में कमल पुष्प और दो हाथ वर मुद्रा में हैं। मां दुर्गा का स्वरूप अत्यंत दयालु और भक्तों की मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं। सच्चे मन से आराधना करने वाले भक्तों को चक्र जागृत की सिद्धियां प्रदान करती हैं। रोग, शोक, संताप और भय से मुक्त करने वाली अमोघ फलदायिनी मां कात्यायनी हैं। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_katyayani_namah Time limit till 11:59 pm to
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नवरात्रि के चतुर्थ दिवस को ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। जब सृष्टि नहीं थी चारों ओर घोर अंधकार था मां ने अपने ईषत् हास्य से ब्रह्मांड की रचना की। सृष्टि की आदिस्वरूपा, आदिशक्ति, अष्ट भुजाओं वाली हैं और करती प्रेम से सिंह की सवारी हैं। सात हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा धारण करती हैं। आठवें हस्त में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली सिद्ध जपमाला धारण किए रहती हैं। सूर्यमंडल के भीतर लोक में वास करने की क्षमता रखती हैं इन्हें कुम्हड़े की बलि अति प्यारी है। शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति दसों दिशाओं को आलोकित और दैदीप्यमान करती है। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं, सभी प्राणियों और कण-कण में मां कुष्मांडा का ही तेज व्याप्त रहता है। अत्यल्प सेवा से प्रसन्न हो जाती, भक्तों के रोगों शोकों को मिटा आयु,यश,बल और आरोग्य देती हैं। भक्तों को सभी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती, प्रसन्न हो सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_kushmanda_namah Time limit till 11:59 pm toni
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भगवान श्री कृष्ण और बलराम की बहन थी राजरानी सुभद्रा। पिता वासुदेव और माता रोहिणी की लाडली पुत्री थी सुभद्रा। रैवतक पर्वत के प्रसिद्ध उत्सव में घूमने के लिए गयीं थी सुभद्रा। उत्सव में वीर अर्जुन के तेज को देखकर मोहित हो गयीं सुभद्रा। एक दूसरे को देखकर मन ही मन चाहने लगे अर्जुन और सुभद्रा। बलराम ने दुर्योधन के साथ सुभद्रा का विवाह निश्चित था किया। श्रीकृष्ण ने मन की बात जान अर्जुन को अपहरण का उपाय सुझाया। शादी से पहले गौरी मंदिर गयीं वहीं से अर्जुन ने अपहरण कर लिया। श्रीकृष्ण के कहने पर ही सुभद्रा ने स्वयं अर्जुन का रथ था चलाया। इस कारण द्वारपाल न रोक सके, जाकर बलराम को तुरंत बताया। क्रोधित बलराम को हकीकत बताकर श्रीकृष्ण ने क्रोध शांत कराया। श्रीकृष्ण के समझाने पर ही बलराम ने धूमधाम से उनका ब्याह रचाया। सुभद्रा ने द्रोपदी को बड़ी बहन माना, द्रोपदी ने भी सहर्ष गले लगाया। द्रोपदी कृष्ण को अपना सखा व भाई मानती थी छोटी बहन बनाया। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी अर्जुन की पत्नी और अभिमन्यु की मां बन गौरव पाया। वीर अभिमन्यु ने महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह को तोड़ वीरगति पायी। -"Ek Soch" #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #raajrani_subhadra Time limit till 11:59 pm tonight...
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युधिष्ठिर यम के अंशावतार यदुकुल वंश के पांडव और कुंती के सबसे ज्येष्ठ पुत्र थे। युधिष्ठिर अपनी सत्यवादिता और धार्मिक आचरण के कारण धर्मराज युधिष्ठिर कहलाए। युधिष्ठिर भाला चलाने में निपुण थे वह कभी मिथ्या नहीं बोलते थे स्तरीय का साथ देते थे। अद्भुत धैर्य, सहनशीलता,दृढ़ता, नम्रता व दयालुता के साथ प्रजा का उत्तम पालन किया। पिता ने यक्ष बन सरोवर पर सत्य की परीक्षा ली परीक्षा उत्तीर्ण कर सबके प्राण बचाए। द्रोणाचार्य के शिष्य,पांचों पांडवों भीम, अर्जुन,नकुल व सहदेव के सबसे बड़े भ्राता थे। द्रौपदी और देविका पत्नियां थीं द्रौपदी से प्रतिविंध्य और देविका से धौधेय पुत्र हुए। धृतराष्ट्र के बुलाने पर न जाने को नियम विरुद्ध जान दुर्योधन से द्युतक्रीड़ा का खेल खेला। द्युतक्रीडा़ में अपना सारा राजपाट भाई बन्धुंओ सहित द्रौपदी को भी दांव पर लगाया भरी सभा में द्रौपदी का अपमान हुआ तब भी कुछ ना बोले विवशता से सर झुकाए खड़े थे युधिष्ठिर धैर्यसंपन्न, महान ज्ञानी क्षमाशील तपस्वी और श्रीकृष्ण के परम भक्त थे। धर्म को अमरता से श्रेष्ठ माना सत्य के सामने धन राज्य पुत्र व यश का कोई मूल्य न था -"Ek Soch" #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #dharmraj_yudhisthir Time limit till 11:59 pm tonight..
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नवरात्रि के आठवें दिवस मां दुर्गा जी की आठवीं शक्ति मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। मां महागौरी की उपासना से शक्ति मिलती है पाप संताप मिट जाते अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए वर्षों कठोर तपस्या की पूरा शरीर काला पड़ गया था। तपस्या से प्रसन्न हो शिव ने गंगा जल से धोया तभी विद्युत सम कांति मान और गौरवर्णी हो गई। महागौरी रुप में देवी करुणामई, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव की मनोवांछित फल देने वाली है। तपस्या समय सिंह आकर बैठा उठने के इंतजार में तप के बाद, जब देवी उठी सिंह को वाहन बनाया। मां की आयु आठ वर्ष मानते श्वेतवर्ण की उपमा शंख,चंद्र और कुंद के फूल से करते, श्वेताम्बरधारी हैं। बेहद शांत मुद्रा धारण करने वाली स्नेहमयी कृपा बरसाने वालचतुर्भुज धारी हैं वृषारूढ़ा भयहारिणी। मां महागौरी भक्तों के क्लेश मिटाती इन की कृपा से ही भक्तों को अलौकिक सिद्धियां प्राूप्त होती हैं । सर्वत्र व्यापी मां की महिमा, अनंत मनुष्य की वृत्तियों को सत्करके असत् का विनाश करती हैं। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_mahagauri_namah Time limit till 11:59 pm
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नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता का सभी भक्तजन प्रेम पूर्वक पूजन करते हैं। वात्सल्य की मूर्ति स्कंदमाता की पूजा करने से संतान योग की प्राप्ति होती है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी भक्तों को सदा ज्ञान और मोक्ष प्रदान करने वाली है। पार्वती, माहेश्वरी, देवी गौरी, पद्मासना देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा भी कही जाती हैं। भगवान स्कंद अर्थात कार्तिकेय की माता होने के कारण स्कंदमाता के नाम से जानी जाती हैं। देवासुर संग्राम में स्कंद देवताओं के सेनापति बने इसी कारण इन्हें कुमार व शक्ति कहा गया। स्कंद गोद लिए दाई भुजा में, कमल पुष्प किए दो भुजाओं में वर मुद्रा वाली चतुर्भुज धारी हैं। गौर वर्ण सम कांति वाली, कमल के आसन पर विराजमान हैं और सिंह की सवारी करती हैं । सबके मन की बात जानने वाली हैं और सारे ही जगत की माता स्कंदमाता कहलाती है। कालिदास द्वारा रचित रघुवंश और महाकाव्य मेघदूत, मां की कृपा से ही संभव हुए थे । मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है स्कंद माता शारीरिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करती है। भवसागर से पार उतारती मनोवांछित फल देने वाली माता परम सुखदाई हितकारी है। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_skandmata_namah Time limit till 11:59 pm ton
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नवरात्रि के तीसरे दिन धरते हैं सब प्रेम पूर्वक मां चंद्रघंटा का ध्यान। चंद्र के समान मां शीतलता देती, मस्तक पर है अर्धचंद्र तेरे शोभायमान। क्रोध को शांत बनाने वाली, दस हाथों में अस्त्र शस्त्र धारण करने वाली महान। लाल रंग के पुष्पों की अतिप्रेमी, घंटे के शब्दों से हर लेती है सारे दुष्टों के प्राण। सुंदर भावों को लाने वाली, स्वर्ण सी चमके काया, सिंह पर रहती विराजमान। सबकी विपदा को मिटाने वाली, मधुर वाणी बोल कर सबको देती है सदा ज्ञान। शांत है स्वभाव मां तेरा, करती सबका कल्याण, रखती है सदा भक्तों का ध्यान। भवसागर से पार उतारने वाली, करते हैं सभी देवी देवता मां सदा तेरा सम्मान। कांचीपुरम में प्रमुख स्थान तुम्हारा, कर्नाटका में भी है तेरा बहुत ज्यादा मान। मनोवांछित फल देने वाली, नवरात्रों की माता हो तुम, रखती हो सदा मुस्कान। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_chandaghanta_namah Time limit till 11:59 pm to
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