Nojoto: Largest Storytelling Platform

New निसर्गाच्या सानिध्यात एक दिवस निबंध Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about निसर्गाच्या सानिध्यात एक दिवस निबंध from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, निसर्गाच्या सानिध्यात एक दिवस निबंध.

    LatestPopularVideo

Raman Navale

#संध्याकाळ एक निसर्गाच्या सानिध्यातील प्रेम #poem

read more

Ravidesai02

#पाऊस #पाऊसधारा #पाऊस आणि मी #पाऊस कविता #पाऊस माझा सखा सोबती #निसर्ग आणि मी #निसर्गाच्या सानिध्यात #rain

read more

Pradeep

एक ऐसा निबंध है #Comedy

read more

NiKhiL KhUIE .....🖋️

निसर्गाच्या सान्निध्यात

read more
निसर्गाच्या सानिध्यात

निसर्गाच्या सानिध्यात चार दिवस घालवावे
धुंद होऊन जीवन हे जगात राहावे 
गेलेल्या दिवसांना कधीना विसरावे 
आयुष्याच्या धाग्यात त्यांना गुफत राहावे 

कधी कोणास नाहीच दुःखवावे
त्यांना मात्र प्रेमाने जिंकावे 
येणाऱ्या संकटाना नेहमी तोंड द्यावे 
जीवनात पाऊल पुढे सावरून टाकावे 

येणाऱ्या आठवणींना कधी ना भुलावे
मेंदूत साचून त्या हृदयात कोरावेत
हसणाऱ्याना नेहमी हसावतच राहावेत
दुःखात बुडणाऱ्याना सुखात आणावे

तुटलेल्या मित्रांना पुन्हा जवळ करावे 
चार दिवस त्यांच्या सोबतीत घालवावे
पडणाऱ्या पावसात मनसोक्त भिजावे 
कवळ्या उन्हात कधी उभेही राहावेत

                                                  निखिल विठ्ठल खुळे निसर्गाच्या सान्निध्यात

Shilpi

#एक निबंध....मेरे द्वारा लिखी गई।

read more
ह्दय से माने-प्रभु 'श्री राम' को

'त्यौहार'- संस्कृति की विशिष्ट पहचान है।भारत व विदेशों में प्राचिनतम 
समय से चलती आ रही मानवीय संस्कृति व परंपरा का परिचायक है-'त्यौहार'।
हिंदु धर्म व समाज में अनेकों पूजनीय देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य मात्र से नहीं,अपितु पीढ़ियों से चलती आ रही मान्यताओं,श्रद्धा-भक्ती,ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था को मानव जीवन से जोड़ने वाले सभी त्यौहार उस पुल के समान हैं,जिनके ढ़हने मात्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती।स्पष्ट रूप से यह कहे कि-
"त्यौहार मानव समाज की आधारभूत शीला है।"
परंतु वैश्विक महामारी के इस दौर में इस माह तक आने वाले सभी त्यौंहारो को निकटता से देखने समझने का व मनोरंजन और आस्था से संबंधित होने वाली सभी क्रियाकलापों को स्थगित किया जा चुका है,और किया जाएगा।परंतु इसका तात्पर्य यह नहीं कि श्रद्धा-भक्ति के ढांचे को किसी भी प्रकार से तोड़ने का प्रयास भारत सरकार अथवा किसी भी विशिष्ट जन समूह द्वारा किया जा रहा है।केवल प्राणी मात्र को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कुछ समय के लिए हमें शारीरिक क्रियाकलापों को रोकना है,ताकि भविष्य में मानवीय आस्था व संस्कृति को बचाया जा सके।
यहां विचार करने योग्य बात यह है कि मानवीय आस्था केवल शारीरिक क्रियाकलापों से जुडी है?आस्था व श्रद्धा भक्ति 'ह्दय' से निकलने वाली वह सकारात्मक शक्ति है,जो संपूर्ण जगत को ईश्वर से जोडती है।केवल मन ही ईश्वर का दर्पण होता है।मानव नेत्र में वह शक्ति नहीं,जो मन रूपी नेत्र में है।ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ती के फलस्वरूप जो मधुर ध्वनि मानव मन सुन सकता है,उसे सुनने का साहस कर्ण कैसे करेगा?कान तो दिखावा मात्र है।शारीरीक अंग केवल सांसारिक वस्तुओं को आकर्षित करती है,परंतु मन केवल और केवल इश्वर को।
आज संपूर्ण भारत का ह्रदय अयोध्या में अटका पडा है,जहां श्री राम के आगमन के लिए ढेरों तैयारियां चल रही।परंतु सभी देशवासियों को यह स्मरण रखने की आवश्यकता है कि अयोध्या का स्थल इतना तो विशाल नहीं कि संपूर्ण जगत वहां समा जाए,परंतु मन ऐसा अनंत विशाल क्षेत्र है जहां
संपूर्ण जगत के प्रभु श्री राम समा जाए।
अत: श्री राम की भक्ति मन से हो।केवल शारीरीक क्रियाकलाप से नहीं। #एक निबंध....मेरे द्वारा लिखी गई।

somnath gawade

शालेय जीवनात
"मी मुख्यमंत्री झालो तर"..
हा निबंध नसता तर
आज हा सत्तासंघर्ष
उद्भवलाच नसता. #निबंध

YOGESH SINGH

निबंध #कविता

read more

Simran

हेयर स्टाइल by mv

#Diwali पर निबंध# #मीम

read more

Bishnu kumar Jha

फूल पर निबंध #Essay #जानकारी

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile