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शून्य(ब्राह्मण)
प्रेम प्राप्त नहीं किया जा सकता.. प्रेम कभी आश ,उम्मीद नहीं करता.. प्रेम पाबन्दियों को सामने नहीं रखता.. प्रेम शरीर से कोई स्वार्थ नहीं रखता.. प्रेम आत्मा को आत्मा से मिलाता है.. प्रेम तपस्या की भांति ही ईश्वर को मिलाता है! #Krishna#प्रेम #अर्थ#परिभाषा
Ek villain
अग्निवीर योजना के बाद इसके सफल और त्रिभुज के रेवंत पर विशेष ध्यान देने को बहुत आवश्यकता है हाल ही में रूस यूक्रेन के बीच लंबे युद्ध ने भारत के लिए बहु आयामी चुनौतियों को समझने का अवसर दिया है हमारे दो शत्रु चीन और पाकिस्तान 1947 के बाद से कभी भी विश्वसनीय नहीं रहे और भारत की शांति की पहल और प्रयासों का उन्होंने हमारी कमजोरी के रूप में आकलन किया और अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोगी किया चीन और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का सामना करने के लिए थल वायु और नौसेना का समय यह बहुत आवश्यक है पाकिस्तान युद्ध में अकेला नहीं है अमेरिका पाकिस्तान दोनों पर गंभीर चुनौती है और साहित्य की ओर से रूस और फ्रांस हमारे आधुनिक वायुसेना के लड़ाकू विमान और सप्लाई चीन के पहले कभी नहीं कहीं और भारतीय से टकराते हैं उन पर अधिक विश्वास और निर्भरता उचित नहीं है नए सीडीएस निश्चित रूप से तीनों सेनाओं का आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण के लिए समर्थक समूह के रूप में अपने कार्यकाल में बहुत सफलतापूर्वक पूर्ण करेंगे ©Ek villain #सैन्य शक्ति का हो आधुनिकीकरण #we
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
दृष्टांत सहित शास्त्रों के संकेत 1. पुण्य का अवसर खो देना ही पाप है भारतीय षड्दर्शनों के पूर्वमीमांसा दर्शन के अनुसार भी संध्या, नित्यअग्निहोत्र आदि नित्य कर्मों का पूण्य नहीं लगता परंतु संध्याकाल में संध्या आदि नहीं करने (ईश्वर का चिंतन छोड़कर प्रपंच का चिंतन करने)से पाप जरूर लगता है। यहूदी धर्म में तालमुद ग्रंथ अनुसार भी ईश्वर नहीं पूछेगा की पाप क्या क्या किया है अपितु पता करेगा कि पूण्य क्या क्या नहीं किया अर्थात पूण्य के कितने अवसर गवां दिए उनका ही दंड देगा। 2.स्वस्थता का लक्षण ("मैं शरीर हुँ "इस भ्रम की निवृत्ति ) आयुर्वेद के अनुसार भी तनाव रहित शरीर इतना हल्का होता है कि शरीर का पता ही नही चलता ,को ही स्वास्थ्य माना गया है क्योंकि पैर में काटा चुभने पर पैर का एवं शिरदर्द होने पर शिर का पता चलता है। एवं दार्शनिकों के अनुसार तो व्यक्ति को मोक्ष जो व्यक्ति की वास्तविक अवस्था मानी गई है उसमें शरीर के साथ तादात्म्य किसी के भी द्वारा माना ही नही गया है। और तो और चार्वाक् दर्शन में भी शरीर छूटने को ही मोक्ष मानने से उपरोक्त लक्षण उनके सिद्धान्त में भी घटता है । पाप एवं पूण्य की शास्त्रीय परिभाषा
पाप एवं पूण्य की शास्त्रीय परिभाषा
read moreअद्वैतवेदान्तसमीक्षा
समीप एवं सुदूर की शात्रोक्त परिभाषा
समीप एवं सुदूर की शात्रोक्त परिभाषा #nojotophoto
read moreDr.Dinesh sonkar
कभी आशा कि खुशी कभी निराशा का गम कभी कुछ खोने का डर कभी कुछ पाने का आश शायद यही परिभाषा है जिंदगी का परिभाषा है जिंदगी का
परिभाषा है जिंदगी का
read moreKartikey Singh
जिस बहन का नही है कोई भाई...... जिस बहन का नही है कोई भाई..... हाज़िर हैं उसके लिए मेरी कलाई....... और इज़्ज़त करो हर उस बहन की.... क्या फर्क पड़ता हैं...... कि वो अपनी है या पराई ! 😊 #रक्षाबंधन का पवित्र एवं सही अर्थ #nojotoHindi #love_u_all_my_sis😘😘
#रक्षाबंधन का पवित्र एवं सही अर्थ #nojotohindi love_u_all_my_sis😘😘
read moreSandeep Gupta
मुस्कुराना हर लड़की की अदा है जो इसे प्यार समझे वह गधा है 😃😀😃 ©Sandeep Gupta जीवन का परिभाषा है😗 #soulmate
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
सत्संग का अर्थ
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