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Deep Ved
Armaan Ali
तेरे हाथा का बनके रुमाल आऊंगा जे मिली जिंदगी दोबारा मै फेर तने चाहूंगा #अरमान तेरे हाथा का बनके रुमाल आऊंगा....
sîdňôôr.
कदे सपना बनके आज्या ज जिंदगी विच नहीं आ सकदा,, ❣️❣️❣️❣️❣️ कदे सपना बनके आज्या ज जिंदगी विच नहीं आ सकदा
Samarth Ranjeet
होकर मायूस न यूँ शाम की तरह ढलते रहिये.. जिंदगी एक भोर है सूरज की तरह निकलते रहिये.. ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे धीरे धीरे ही सही मगर लक्ष्य की ओर चलते रहिये.. सुप्रभात ©Samarth Ranjeet सुबह का विच #S #R_quotes #motivate #thought #Success
SAnjeeV STatus king
फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें... अगली बार आऊंगा मैं तेरी जात का बनके फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें... अगली बार आऊंगा मैं तेरी जात का बनके
Nehru Katariya {ajnabi}
फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें ....... अगली बार आऊंगा मैं तेरी "कौम" का बनके .......!! फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें ....... अगली बार आऊंगा मैं तेरी "कौम" का बनके ..!!
B.L Parihar
चाहे प्रेम में रख, चाहे रख मुझे वार में, चाहे सृजन में रख, चाहे रख मुझे संहार में,, चाहे मिलन में रख, चाहे रख मुझे वियोग में,,, चाहे खुशी में रख, चाहे रख मुझे तू सोग में,,,, चाहे बंदगी में रख, चाहे रख मुझे बन्दिशों में,,,,, मै तो हूं तेरे मन की दबी सी चाह सी कहीं से भी उग आऊंगा,,,,,,,, हां, कहीं से भी उग आऊंगा मैं, तेरे थके मन को छांव देने प्रेम की तेरे रुके कदमों को राह देने नए सफर की तेरी मायूस आंखो में सपने देने नए जीवन के... हां, तेरे लिए मै कभी भी कहीं से भी उग आऊंगा।।।।। ©B.L Parihar #आऊंगा
Sunil Sharma...
मेरे दिल मेरी ख्वाहिशों में रहोगे तुम .. ताउम्र प्यार बनके या दर्द बनके .... दिल के एहसास बस अब तुम्हारे साथ...!! # प्यार बनके य दर्द बनके
DANVEER SINGH DUNIYA
पागल मेरी मौत भी तेरे मंझर से जुड़ी है फर्क इतना है कि मुकद्दर समझ लेते हैं तुमरे इन जुल्मों का क्या करें मोहतरमा मेरे गम भी तो समुद्र से भी गहरे होते हैं ©DANVEER SINGH DUNIYA बनके
Rajendra Kumar Ratnesh
खेतों की पगडंडियों पर, लड़खड़ाकर चलने । बंधु मैं लौट कर आऊँगा फिर। भेड़, बकरियां, गाय-भैंसों की, धूल उड़ाते झुण्ड को देखने, नदी किनारे बगुले की , मछली पकड़ते झुण्ड को देखने। बंधु मैं लौट कर आऊँगा फिर। भूला नहीं वो पुरानी खेलें-गिल्ली-डंडा, आंख- मिचौली उपले की बंदूकें, कालिख पोते, डरावनी डकैतों वाली मुखड़ा। बंधु मैं लेकर यादें लौटकर आऊँगा फिर। दादी, माँ के हाथों की वो स्वादिष्ट व्यंजन खाने, पापा की जेब से, मां की साड़ियों के पल्लू में बंधे, सिक्के चुराने।। बंधु मैं ये सब दोहराने लौटकर आऊँगा फिर। चैन की सांसें लेने, वृक्षों की छांव में सोने, वो सुहावनी मौसम में, हर फसलों की सौंधी लेने। बंधु मैं लौट कर आऊँगा!! - राजेन्द्र कुमार मंडल सुपौल (बिहार) ratneshwriter@gmail.com ©Rajendra Kumar Ratnesh #लौटकर आऊंगा