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Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ
#CTK -Funny 0r Die
पप्पू को नहाते वक़्त पड़ोस की लड़की ने देख लिया काफी हंगामे के बाद मामला कोर्ट पहुँचा जज साहब:- आखिर तुम चाहते क्या हो? पप्पू:- बदला न्याय और बदला दोनों पर्यायवाची हैं। #CTK
Manjul
किसी ने पूछा मुझसे की चांद का पर्यायवाची क्या है.. मैनें नाम तुम्हारा बता दिया.. ©Manjul Sarkar #चांद #नाम #पर्यायवाची #L♥️ve #Hindi #nojohindi #hindi_poetry
Mahima Jain
•| पर्यायवाची कविता |• ' गर्व ' जिसको करना था, ' घमंड ' था उसने कर लिया। ' मान ' सम्मान सब मिट गया, ' अहंकार ' भी चकनाचूर हुआ।। मेरी पहली पर्यायवाची कविता। ❤️ शब्द - अहंकार पर्यायवाची - गर्व, घमंड, मान ____________________________________________ Challange done for -
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आपसी मनमुटाव बदल गया स्वरूप परिवार का बदल गया हर एहसास जब से आया आपसी मनमुटाव रिश्तों में,अब नहीं रहा वो पहला सा सम्मान जबसे आया आपसी मनमुटाव, क्षीण होते परिवार बदल रहे सबके मनों-भाव,ग़ैरो पर प्रेम लुटाते अपनों को कराते अलगाव का एहसास जबसे आया आपसी मनमुटाव,गलती जानें परवरिश की या हुई विचारों की ग़ैरो से करते फूलों सा अपनों को कांटो से कम न समझे जबसे आया आपसी मनमुटाव,रहना मिलकर परिवार से भूल न जाना मोल शोभा देते है बागबान की बगिया में हर रिश्ते के फूल,परिवार से हो जुदा जब थामे ग़ैरो का दामन,करें नित जो परिवार की बुराई,ग़ैर हैं फायदा उठायें,होती जग हँसाई जब पहुँचे घर की चौखट के बाहर पनपता आपसी मनमुटाव, हुआ करती थी जिस घर आंगन खुशी भरी वार्ता- लाप,जानें फैला कैसा सन्नाटा जबसे हुआ आपसी मनमुटाव। 16.आपसी मनमुटाव..27.04.2021 #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #KKr2021 #kkआपसीमनमुटाव #tarunasharma0004 #yourquotedidi
निशब्द