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Raj Shekhar Kumar

Dedicated to Vershu Verma Ma'am...मैंम,आपको फ़ेसबुक पे देखता हूँ.आप इतने सोशल काम करती हैं....कभी किसी बृद्ध की सेवा,कभी किसी पेशेंट की सेवा,

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कितने अच्छे लोग होते हैं,जो सबका भला करते हैं
हमने तो सुना है,ऐसे काम तो बस ख़ुदा करते हैं Dedicated to Vershu Verma Ma'am...मैंम,आपको फ़ेसबुक पे देखता हूँ.आप इतने सोशल काम करती हैं....कभी किसी बृद्ध की सेवा,कभी किसी पेशेंट की सेवा,

Divyanshu Pathak

"एक अनदेखा ठहराव" 💐💐💐💐💐💐 मुझे अच्छा लगता हैं मन का आवारा पन विचारों की स्वच्छन्दता भावनाओ का प्रस्फुटित होना। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 मुझे अच्छा लगता है अ #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kksc22 #एकअनदेखाठहराव #पाठकपुराण

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मुझे अच्छा लगता हैं
मन का आवारा पन
विचारों की स्वच्छन्दता
भावनाओ का प्रस्फुटित होना।

मुझे अच्छा लगता है अनुबंधों को तोड़ना
रूढ़ियों को छोड़ना
अनुभवों को जोड़ना

बृज की मस्ती देव भूमि की भक्ति
धोरारी धरती की शक्ति
मुझे अच्छी लगती है।

मुझे 'प्रेम' करना पसन्द है ।
'वियोग' से 'योग' की ओर जाना भी
मुझे 'कृष्ण' भी पसन्द है 'राधा' भी ।

मुझे आद्या पसन्द है मुझे यौवनं भी
मुझे 'क्षर' भी पसन्द है तो 'अक्षर' भी "एक अनदेखा ठहराव"
💐💐💐💐💐💐
मुझे अच्छा लगता हैं
मन का आवारा पन
विचारों की स्वच्छन्दता
भावनाओ का प्रस्फुटित होना।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
मुझे अच्छा लगता है अ

Divyanshu Pathak

मेरी अपनी पसन्द..... : : कृष्ण - ऐश्वर्य (ज्ञान और कर्म का मिला जुला स्वरूप) राधा - प्रेम की सरलता (व्यवहारिक रचनाशीलता) प्रेम - सामंजस्य (स #पंछी #पाठकपुराण #येरंगचाहतोंके

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मुझे अच्छा लगता हैं
मन का आवारा पन
विचारों की स्वच्छन्दता
भावनाओ का प्रस्फुटित होना।

मुझे अच्छा लगता है अनुबंधों को तोड़ना
रूढ़ियों को छोड़ना
अनुभवों को जोड़ना

बृज की मस्ती देव भूमि की भक्ति
धोरारी धरती की शक्ति
मुझे अच्छी लगती है।

मुझे 'प्रेम' करना पसन्द है ।
'वियोग' से 'योग' की ओर जाना भी
मुझे 'कृष्ण' भी पसन्द है 'राधा' भी ।

मुझे आद्या पसन्द है मुझे यौवनं भी
मुझे 'क्षर' भी पसन्द है तो 'अक्षर' भी मेरी अपनी पसन्द.....
:
:
कृष्ण - ऐश्वर्य (ज्ञान और कर्म का मिला जुला स्वरूप)
राधा - प्रेम की सरलता (व्यवहारिक रचनाशीलता)
प्रेम - सामंजस्य (स

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

बेटा किसको कर रहा , चुम्बन क्या मालूम । चूम तनय को सुन प्रथम , मातु रही है घूम ।।१ ऋतुओं में हेमंत को , करते सभी पसंद । भोर किरण प्यारी लग #कविता

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बेटा किसको कर रहा , चुम्बन क्या मालूम ।
चूम तनय को सुन प्रथम , मातु रही है घूम ।।१

ऋतुओं में हेमंत को ,  करते सभी पसंद ।
भोर किरण प्यारी लगे , चले पवन भी मन्द ।।२

ठिठुरन ऐसी हो रही , हुए बृद्ध लाचार ।
अग्नि जलाकर चार जन , बैठे है वह द्वार ।।३

कुहरा ने ढाया कहर , दिखे नही कुछ और ।
तिलहन की डूबी फसल , नहीं आम में बौर ।।४

सुबह-सुबह अखबार को ,  पढ़कर हैं हैरान ।
बापू कहते नित्य हैं , ले लो तुम संज्ञान ।।५

गर्म चाय का भी मजा , आ जाए फिर खूब ।
आज तुम्हारी मातु का , बिस्कुट जाए डूब ।।६

आ जाएँ जो श्रीमती ,  आज हमारे संग ।
चाय पकौड़ी साथ में , देखें जीवन  रंग ।।७

२४/११/२०२२     -       महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बेटा किसको कर रहा , चुम्बन क्या मालूम ।
चूम तनय को सुन प्रथम , मातु रही है घूम ।।१

ऋतुओं में हेमंत को ,  करते सभी पसंद ।
भोर किरण प्यारी लग

Keshav Kamal

#MothersDay उन लौंडो को भी मदर्स डे की शुभकामनाएं... जो अपने सुख सुविधाओ के लिए अपने माँ को बृद्ध आश्रम छोड़ आएं... ©Keshav Kamal....✍🏻 Mo #ज़िन्दगी #keshav #momlove #keshav_kamal_sayari

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उन लौंडो को भी मदर्स डे की शुभकामनाएं...
जो अपने सुख सुविधाओ के लिए अपने माँ को बृद्धा आश्रम छोड़ आएं...

Take care your mom.
❤🙏

©Keshav Kamal #MothersDay 
उन लौंडो को भी मदर्स डे की शुभकामनाएं...
जो अपने सुख सुविधाओ के लिए अपने माँ को बृद्ध आश्रम छोड़ आएं...
©Keshav Kamal....✍🏻
#Mo

Sudha Tripathi

#Walk प्रेम और दर्द आज सर्वव्यापी हो गया है शायद किसी की तस्वीर देख कर या सामने वाले से नार्मल बात करके अनकंडीशनल लव हो जाता है और अगर सामने #ज़िन्दगी

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प्रेम और दर्द
 कृपया कैप्शन में पढे

©Sudha Tripathi #Walk प्रेम और दर्द आज सर्वव्यापी हो गया है शायद किसी की तस्वीर देख कर या सामने वाले से नार्मल बात करके अनकंडीशनल लव हो जाता है और अगर सामने

AADYA PRODUCTION

बृद्ध पिता के दिल की आह #शायरी

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Priyanjali

आपलोगों के बहुमूल्य सुझावों का प्रतीक्षा रहेग.........🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 देखो नदी कुछ कहती है...... छल छल कल कल जो बहती है.... उदगम से विगम त #Life #experience #जीवन #Water #कविता #river #nojotowriters #अनुभव #NojotoWriter #सीख

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देखो नदी कुछ कहती है......
        छल छल कल कल जो बहती है....
उदगम से विगम तक........   
    शैशवकाल से यौवन होकर अंत तक......
                     सागर में विलीन होकर समाहित होने तक.......        
       देखो नदी कुछ कहती है........      
 बहुत कुछ सिखाती है...........
               छल छल कल कल जो बहती है........!!

उद्गम स्थल शैशव सा चंचलता से भरा.........
मध्यम स्थल यौवन सा उन्माद से गुज़रा......
विगम स्थल में शांत हो जाती है.................
देखो नदी कुछ कहती है......
             छल छल कल कल जो बहती है......!!

उदगम में शिशु सा शोर करती है............
बच्चों सा ही अपनी मनमानी करती है.....
पहाड़ पर्वतों से गिरती है.....
               बड़े बड़े चट्टानों को भी तोड़ देती है.....
  देखो नदी कुछ कहती है.......
छल छल कल कल जो बहती है...........!!

मध्य भाग में यौवन सा उन्माद में चलती है....
   जो मिलता है बहा ले जाती है.....
सही दिशा मिल जाए तो........
   विद्युत को भी जन्म देती है........
   न मिले तो विकराल रूप धारण कर......
    बाढ़ के रूप में प्रचंड विनाश करती है....
देखो नदी कुछ कहती है.................
        छल छल कल कल जो बहती है............!!

विगम स्थल में बृद्ध सा शांत हो जाती है.......!
मानो अनुभवों का सागर लिए......
अपने सफ़र को याद करती है.......
        शैवाल भी उग आते हैं वक्ष में इसके......
    मानो सीना तान आँख दिखाते.........
लेकिन अब थक चुकी है यूँ लड़ते लड़ाते..........!!

इसलिए शांति से किनारे कर उन्हें....
संगम की ओर प्रस्थान करती है......
देखो नदी कुछ कहती है...............
   छल छल कल कल जो बहती है......!!

कुछ धाराएं छूट जाती हैं............
तो कुछ आकर मिल जाती हैं.......
आने जाने को लेकर..................
कोई अभियोग न असंतोष प्रकट करती हैं..........
जाने वाले को जाने देती है..........
                   मातृसमः हृदय से आजीवन जल देकर.....        
उसके प्रवाह को गति देती है......  
देखो नदी कुछ कहती है............
बहुत कुछ सिखाती है...............
छल छल कल कल जो बहती है........!!!!!

©Priyanjali आपलोगों के बहुमूल्य सुझावों का प्रतीक्षा रहेग.........🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


देखो नदी कुछ कहती है......
        छल छल कल कल जो बहती है....
उदगम से विगम त

आयुष पंचोली

समझ नही पाया मैं कभी क्या हैं यह चुनाव का खेल, जनता चुनती हैं नेता अपना या करती हैं, अपने ही हाथों अपने भविष्य से खेल। बहुत से नियम होते है #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayusoi

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समझ नही पाया मैं कभी क्या हैं यह चुनाव का खेल,
जनता चुनती हैं नेता अपना या करती हैं,
अपने ही हाथों अपने भविष्य से खेल।
"आयुष पंचोली"
©ayush_tanharaahi #NojotoQuote समझ नही पाया मैं कभी क्या हैं यह चुनाव का खेल,
जनता चुनती हैं नेता अपना या करती हैं,
अपने ही हाथों अपने भविष्य से खेल।

बहुत से नियम होते है
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