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Rasika Chalke

Amisha Asole

#पाऊस

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हिरवळ तो वृक्षाचा ,
नाच तो वेलींचा,
साज तो धरतीचा,
मग त्यात वाजा तो पाऊसाचा थेंबाचा,
चाहूल देताहेत आपल्याला 
निसर्गाच्या आनंदाचा!!

©Amisha Asole #पाऊस

Amisha Asole

मिरुगाचा हा पाऊस येताच 
मनात पसरल्या उल्हासाच्या गारा,
पडला पाऊसाचा थेंब अन्
भिजली संपूर्ण वसुंधरा !!

©Amisha Asole #पाऊस

Amita

Sujata Chavan

#पाऊस धारा# #शायरी

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White  //तुषार //

बेधुंद हवा, असा हा गारवा
 अमृती होईल, वर्षा धारा..... 
आडोशी का तु, उभा चातका
 घे अंगावर... तुषार... "जरा".....
Yedu...!!

©Sujata Chavan #पाऊस धारा#

Kumar Azad

dharm कविता काव्य लेखन प्रार्थना मंगलाचरण कुमार_आज़ाद

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अदनासा-

Sita Prasad

nisha Kharatshinde

आज मी अन् तो(पाऊस) #Poetry

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आज मी अन् तो (पाऊस)

तो बरसतच होता मनसोक्त
माझ्याशी गप्पा मारत..
मी ही बाल्कीनीतून हसत
त्याला होते न्याहळत

दिवसभर बोललो आम्ही
सांज व्हायला लागली होती
रात्रीही येणार का रे
हो...गर्जना ऐकू येत होती

कसे गेले वर्ष अखेर
त्याने मला विचारले
फक्त तुझीच प्रतिक्षा
सोड...तूला खूप आठवले

गंधाळल्या दाही दिशा आज
मी ही मंत्रमुग्ध जाहले
त्या चातकासारखीच मी‌ ही
आज खरी तृप्त झाले

तो ही ऐकून हसू लागला
वाट त्यानेही पाहिली होती
अंधार सगळीकडे पसरला 
तितक्यात आईने हाक मारली होती

✍️(निशा खरात/शिंदे)काव्यनिश

©nisha Kharatshinde आज मी अन् तो(पाऊस)

Gurudeen Verma

शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं
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हाँ, तैयार हूँ मैं,
 क्योंकि--------------,
बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को,
जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को,
और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को।

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ,
तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ?
क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ?
क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ?

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक,
आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी,
निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक,
उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें।

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से,
और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास,
मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता,
मुझको अब आगे बढ़ना है।

और इसीलिए, 
हाँ, तैयार हूँ मैं ,
क्योंकि--------------------।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #लेखन
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