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Tushar dave

#sitarmusic अष्टाध्यायी रुद्री का आठवाँ अध्याय

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Tushar dave

#Flute अष्टाध्यायी रुद्री का मंगलाचरण #बात

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Tushar dave

#Flute अष्टाध्यायी रुद्री का पहला अध्याय #विचार

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Tushar dave

#sitarmusic अष्टाध्यायी रुद्री तृतीय अध्याय के रिक्त मंत्र

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Shrikant Agrahari

माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप #yqbaba #yqdidi #yqmotivation #hkkhindipoetry #yqinspiration #श्रीsnsa

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यदि महेश्वर सूत्र न होता,,
यदि महर्षि पाणिनि न होते ,,
तो व्याकरण का मूल न होता।
शब्दों का कोई समूह न होता।।
लिपि के माध्यम से भावनाओ को 
व्यक्त करने की हमारी,सामर्थ्यता न होती।
अक्षर का मेल न होता,भाषाओ का खेल न होता।

    ©श्रीकान्त अग्रहरि
 Caption me bhi padhe माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप

Parul Sharma

.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी....... माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ......... श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।

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.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।
चर अचर विद्याऔ व शास्त्रों की ज्ञाता, तू जगत उद्धारिणी।
प्रवत्ति अनुपम, अतिसौम्य, भव्य, सादा  शीघ्र फलदायिनी।
ब्रह्मा के समान वेदों की ज्ञाता,दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी।
पारुल शर्म3 .... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।

Shrikant Agrahari

माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #hkkhindipoetry #श्रीsnsa

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हिंदी काव्य कोश संगठन का,
सहृदय कोटि कोटि आभार🙏🙏 माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप

Parul Sharma

.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी....... माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ......... श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।

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.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।
चर अचर विद्याऔ व शास्त्रों की ज्ञाता, तू जगत उद्धारिणी।
प्रवत्ति अनुपम, अतिसौम्य, भव्य, सादा  शीघ्र फलदायिनी।
ब्रह्मा के समान वेदों की ज्ञाता,दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी।
पारुल शर्म3 .... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।

Divyanshu Pathak

🌞☕पंछी☕☕🍹पाठक🤓😃😀😄व्याकरण🍧🍑💞शिक्षा💕🙏 #भारतीय 🙏🌷🌹🌸हरेकृष्ण🌺🏵️🌻🌻संस्कार🐦🍇🍉🍑🍍🔯🕉️🔯 "पूर्वपाणिनि 15 व्याकरण आचार्य" 🔯🕉️🔯🕉️🔯🕉️🔯🕉️🔯🕉️🔯 8.काशकृ

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"व्याकरण"
क्रमशः 03
श्रीशास्त्वाअवतु माअपोह, दत्तात् ते मेअपि शर्म सः !
स्वामी ते मेअपि स हरि:,पातु वाम अपि नौ विभु: !!
सुखं वां नौ ददात्वीस:,पतिर वाम अपि नौ हरि: !
सोअव्याद वो न: शिवं वो नो,दद्यात सेव्योअत्र वः स नः !!

श्री हरि विष्णु इस संसार में मेरी और तेरी रक्षा करे !
वह मुझे और तुझे सुख दे !
वह विष्णु तेरा और मेरा भी स्वामी है !
वह विभु तुम दोनों और हम दोनों की रक्षा करे !
वह ईश्वर तुम दोनों और हम दोनों को सुख दे !
वह हरि तुम दोनों और हम दोनों का स्वामी है
वह तुम्हारी और हमारी रक्षा करे !
वह तुम्हें और हमें सुख दे !
वह इस संसार में तुम सभी का और हम सभी का सेव्य है ! 🌞☕#पंछी☕☕🍹#पाठक🤓😃😀😄#व्याकरण🍧🍑💞#शिक्षा💕🙏 #भारतीय 🙏🌷🌹🌸#हरेकृष्ण🌺🏵️🌻🌻#संस्कार🐦🍇🍉🍑🍍🔯🕉️🔯
"पूर्वपाणिनि 15 व्याकरण आचार्य"
🔯🕉️🔯🕉️🔯🕉️🔯🕉️🔯🕉️🔯
8.काशकृ

अशेष_शून्य

जैसे महर्षि पाणिनी के "माहेश्वर सूत्रों" की उत्पत्ति भगवान् नटराज (शिव ) के "डमरू के नाद" से हुई है; ठीक वैसे ही मेरे जीवन में "संगीत" #yqdidi #yqhindiquotes #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य #प्रेमिकाओं_का_संगीत

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जैसे 
महर्षि पाणिनी के
"माहेश्वर सूत्रों" की उत्पत्ति
भगवान् नटराज (शिव )
के "डमरू के नाद" से हुई है;
ठीक
वैसे ही 
मेरे जीवन में "संगीत" 
की "उत्पत्ति" 
तुम्हारे कंठ से मेरे नाम
के प्रथम वर्ण उच्चारित 
ध्वनि झंकार से हुई है।।

एक प्रेयसी के लिए
उसके प्रेमी की धड़कनों
से बंधी हुई इक बावरी 
सी धुन पर 
बावरी हो कर थिरकना ही
"मोक्ष" है।।
जिसका" संगीत तुम खुद हो"
______________✍️तुम्हारी जोगणिया
       ©Anjali Rai जैसे 
महर्षि पाणिनी के
"माहेश्वर सूत्रों" की उत्पत्ति
भगवान् नटराज (शिव )
के "डमरू के नाद" से हुई है;
ठीक
वैसे ही 
मेरे जीवन में "संगीत"
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