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Bharat Bhushan pathak
Poet Maddy
शायरों की महफ़िल उसको याद करती है, हमेशा उससे मिलने की फ़रियाद करती है......... जब हम पढ़ते हैं ग़ज़ल अपने महबूब पर, उसके बाद तो ये हमारा धन्यवाद करती है.......... ©Poet Maddy शायरों की महफ़िल उसको याद करती है, हमेशा उससे मिलने की फ़रियाद करती है......... #Gathering#Poets#Remember#MeetUp#Read#Gazal#Lover#Thanks......
Sethi Ji
White 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 दिल का कसूर , इश्क़ हुआ जरूर 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 दिल का क्या कसूर होता हैं वोह अपने हालातों के सामने मजबूर होता हैं जो लिखते हैं आज कल बेवफाई के बारे में उनको भी एक बार इश्क़ जरूर होता हैं जब उड़ जाता हैं पंछी तोड़ कर अपना पिंजरा वोही आगे जा कर अपने हुनर के दम पर मशहूर होता हैं क्या कीमत लगाएं अपने जज़्बातों की दोस्तों जब हमारा दिल हर वक़्त बेक़सूर होता हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 ©Sethi Ji 💞💞 इश्क़ का सवाल 💞💞 💞💞 इश्क़ का ख्याल 💞💞 दिल में सवाल , आँखों में ख्याल रखता हूँ अपने ख्वाबों में भी तेरा इश्क़ बेमिसाल रखता हूँ ।। तुम चली
Mahendra
Mehfuza
"अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो यह मुरझाया हुआ चेहरा ना लाना, अपने चेहरे पर मुस्कान लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो खामोशी इख्तियार ना करना, कुछ जुमले मेरी तारीफ में भी कहते जाना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझसे नज़रे ना फेरना, जी भर के मुझे तुम्हें देख लेने देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझे पीठ दिखा कर चले ना जाना, तुम्हें कसकर अपनी बाहों में भर लेन देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो थोड़ा ठहर कर जाना, खुले जब आंख मेरी तो सामने तुम होना। ©Mehfuza #VoteForIndia "अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब
Devesh Dixit
दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही
Ashutosh Mishra
White ना ज़ाने कब हम इतने करीब आ गए यूं ही साथ चलते चलते। अहसास हुआ मगर दूर जाने के बाद कितने अजीब हैं ये प्यार के रास्ते। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #Road ना जाने कब इतने करीब आ गए यूं ही साथ चलते चलते। अहसास हुआ तब जब हम दूर हो गए कितने मासूम हैं ये प्यार के रास्ते। #रास्ते #साथ चलते च
Mahadev Son
जब कोई दूसरा तकलीफ में... कर्मों की सज़ा! जब खुद तकलीफ में.... प्रभु इच्छा! |वह रे इंसान || ©Mahadev Son जब कोई दूसरा तकलीफ में होता है तो कर्मों की सज़ा! जब खुद तकलीफ में तो प्रभु इच्छा! |वह रे इंसान ||