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Deep Gandhi
..मां कूष्मांडा मंत्र.. वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥ ॐ कूष्माण्डायै नम: सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। ©Deep Gandhi मां कूष्मांडा मंत्र वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥ ॐ कूष्माण्डायै नम: सुरासम्पूर्णकलश
संवेदिता "सायबा"
atrisheartfeelings
मसक समान रूप कपि धरी। लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी॥ नाम लंकिनी एक निसिचरी। सो कह चलेसि मोहि निंदरी॥ जानेहि नहीं मरमु सठ मोरा। मोर अहार जहाँ लगि चोरा॥ मुठिका एक महा कपि हनी। रुधिर बमत धरनीं ढनमनी॥ पुनि संभारि उठी सो लंका। जोरि पानि कर बिनय ससंका॥ जब रावनहि ब्रह्म बर दीन्हा। चलत बिरंच कहा मोहि चीन्हा॥ बिकल होसि तैं कपि कें मारे। तब जानेसु निसिचर संघारे॥ तात मोर अति पुन्य बहूता। देखेउँ नयन राम कर दूता॥ तात स्वर्ग अपबर्ग सुख धरिअ तुला एक अंग। तूल न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सतसंग॥ #sundarkand #sunderkand #ananttripathi #atrisheartfeelings #devotional #goodmorning मसक समान रूप कपि धरी। लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी॥ नाम लंक
Nitin Kr Harit
सबकी अपनी अपनी दुनिया सबकी अपनी अपनी सोच, कोई रहता चुप चुप गुमसुम, कोई करता नित उदघोष । कोई हंसता कोई रोता, कोई रहता नित अतिशान्त, सबकी अपनी अपनी बोली, सबके अपने अपने प्रांत । स्वप्न अलग हैं, भाव अलग हैं, किंतु जैसे रुधिर रंग एक , एक ही रखना अपनी माटी, देश प्रेम में सब संग एक ।। follow@aaina.nkharit सबकी अपनी अपनी दुनिया सबकी अपनी अपनी सोच, कोई रहता चुप चुप गुमसुम, कोई करता नित उदघोष । कोई हंसता कोई रोता, कोई रहता नित अतिशान्त, सबकी अपनी
AB
" विजयदशमी " #cinemagraph दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन
Vicky Anand (Captain)
'मेरा मानना है, अमृत कुछ नही बस देवताओं के प्याली की चाय है। और इंसानी दुनियाँ में चाय ही प्रेम का संवाद कर सकती है।' ""मैं चाय प्रेमी हूँ, यक़ीनन आप भी होंगे, अन्यथा तो आप इस जीवन के महानतम सुख को भोगे बग़ैर ही परलोक सिधार जाएंगे!" आप सभी को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की प्याली भर शुभकामनाएं।☕☕... चाय के साथ-चाय पर विशेष लेख अनुशीर्षक में पढ़े :- - चाय की प्याली उठाते ही अनहद सुकूँ तारी हो जाता है, शुरुआत आँखों से ही होती है, हर प्यार की तरह। आज हमारी चुस्की की गुफ़्तगू के इतर होठों ने ब
vasundhara pandey
यूँ तो लिखते हैं न कितने, शिज़िर और साज़ पर, लिख गये कुछ कर गये नाम, अमर भारत मात पर। मिट गये कितने न जाने, कुर्बां हुये वंदे मातरम् के नाम पर। वंदे मातरम् । 🇮🇳 यूँ तो लिखते हैं न कितने, शिज़िर और साज़ पर, लिख गये कुछ कर गये नाम, अमर भारत मात पर। मिट गये कितने न जाने, कुर्बां हुये वंदे मातरम् के नाम
Divyanshu Pathak
4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन का पोषण , माता चन्द्रघण्टा (7) से सृष्टि के कौतूहल और चमत्कारों के रुप में दर्शन कर चुके हैं। आज देवी दर्शन का चौथा दिन है दुर्गे मैया के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहते हैं।वे ऋतुओं की स्वामिनी हैं और हमारे देश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ 6 ऋतुयें होती हैं। ऋतुओं के अनुसार मुख्य फ़सल भी 6 ही हैं। सनातन परंपरा के अनुसार शास्त्रों को षड्दर्शन ( सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व-मीमांसा और उत्तर मीमांसा ) कहते हैं। भगवान सूर्य की उपासना भी छठ को की जाती है। शिशु को प्रथम बार दुग्धपान छठवें दिन कराया जाता है।छठी का दूध याद दिलाने का तात्पर्य भी यही है। हमारे शरीर में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास छठी इन्द्रिय से ही होता है। हीरे की आकृति भी षट्कोण वलय होती है। इंद्र के वज्र में भी 6 कोण हैं।योग और उपासना में भी षट्चक्रों ( मूलाधर, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्ध और आज्ञा ) का विशेष महत्व है। भ्रमर 6 पाँव होने के कारण षडपद कहलाते हैं। साहित्यिक कृतियों में 6 पदों वाले छंद (गीत-छंद) का ख़ास स्थान हैं। तो आओ माता कूष्मांडा के साक्षात दर्शन करते हैं। कैप्शन पढ़ें---- 4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन क
Shravan Goud
ॐ देवी कुष्मांडाय नमः सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥ या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 🌹🌹🙏🙏 ॐ देवी कुष्मांडाय नमः सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥ या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रू
Alok Vishwakarma "आर्ष"
जन्मदिन के शुभ अवसर पर भेंट स्वरूप 108 पंक्तियों की यह अनिर्वचनीय व अनुपम कविता "Happy Birthday Dear Vanila" प्रखर जगती के हित अवकाश में, तिमिर अज के निमित आकाश में । पहर प्रगति के ऋत्य प्रकाश में, उदय रश्मि सवित निशि न