Find the Latest Status about zubair khan 33100 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, zubair khan 33100.
SZUBAIR KHAN KHAN
कृष्ण की वाणी हैं मधुर बुलाती हैं इधर से उधर बसुरी की धुन जिधर भी जाये मगन मुग्ध हर का हों जाये गुकुल वासियों के लिए इक उंगली से गोवर्धन को उठाए श्री कृष्ण की ऐसी लीला भुलकर भी कोई न भुला राधा कृष्ण की कहानी सुनकर हुई मीरा भी दिवानी सब सुख दुख मीरा भूल बैठी बन गई मीरा सन्यासी गुकुल की गलियो में ले जाती हैं सबको ऐसे नहीं ख़बर प्रेम की न"ज़ुबैर" को मिली ऐसी लेखक - ज़ुबैर खांन..... ©SZUBAIR KHAN KHAN writer - zubair Khan
writer - zubair Khan #शायरी
read moreSZUBAIR KHAN KHAN
दीप जलाये सबने खुशी के अयोध्या के राम जो आये चौदह वर्ष का बनवास से गृह में सिया संग वो आये पवन पुत्र हनुमान ने अपना दिल चीर के अपने ही दिल में प्रभु रामचंद्र के दर्शन कराये अयोध्या के राम ने तोड़ दिये सभी वार बुराई के दशानन को ज़मी पर गिराके गिरा दशानन का घमंड अपना सर झुकाये राम भरत शत्रुघ्न ने मिलके सभी ने नैनो में दीपक जलाये दुःख के बहाने छाट गये खुशी के बहाने ये आये दीप "ज़ुबैर" ये जलाके दुश्मन भी गले मिल जाये लेखक - ज़ुबैर खांन..... ©SZUBAIR KHAN KHAN दीपावली WRITER - ZUBAIR KHAN
दीपावली WRITER - ZUBAIR KHAN #कविता
read moreSZUBAIR KHAN KHAN
उमर मांगी मैंने जाकर आसमां वालों से के रहें ज़िंदा मुझ में मेरा दिलबर इश्क़ की बहारो का मेरा मौसम रहें क्यों आधूरा ये उसका प्यार दिलकश अदाओं ने " ज़ुबैर" मुझे घेरा अब रहता हैं दिल बे क़रार ©SZUBAIR KHAN KHAN writer - zubair Khan #KarwachauthFast
writer - zubair Khan #KarwachauthFast #शायरी
read moreSZUBAIR KHAN KHAN
यामी ने यम को तिलक लगाकर वरदान कुछ ऐसा उसने पाया मौत से लड़कर उम्रभर का साथ और भाई का प्यार मांगा रीत चली हैं इसी दिन से बांधा जाता हैं अनमोल धागा रिश्ता है जिदंगी का सभी को सीखलता हैं सबको ऐसा वादा चाहे हों वो अधूरा करता हैं वो हमेशा पुरा रिश्ता अनमोल ईश्वर का देखने को कही नही मिलता खुश रहें "ज़ुबैर"ज़िंदगी हैं मेरी तरफ से दुआ लेखक - ज़ुबैर खान.... ©SZUBAIR KHAN KHAN writer -ZUBAIR KHAN #Bhaidooj
SZUBAIR KHAN KHAN
भुलकर कभी किसीको रुसवा नहीं करना मेरे इलावा किसीसे दोखा नहीं करना रोया मैं जिस पल तेरी जुदाई मैं उससे मेरे जैसा अत्याचार बेवफ़ा नहीं करना कल जो करता था प्यार यार गहरा सोचकर तुमको बहुत याद बार बार करता था लेकिन अब भी वो दुबारा नहीं करना ज़रूरी हो अगर तोहफ़ा अश्कों का तो इसे बहाने न ही चली आना इस दीवाने पर इतना एहसा भी ज़रा भी नहीं करना क़रीब नहीं आना तुम अपने हबीब के काम भी अब तुम्हारे अजीब से भूलकर भी कभी ऐसा नहीं करना वापस लौट आए वो दिन " ज़ुबैर" मगर होता नहीं ज़िंदगी मैं बार बार फिरसे प्यार करके ऐसा नहीं करना लेखक - ज़ुबैर खांन..... ©SZUBAIR KHAN KHAN रुसवा WRITER - ZUBAIR KHAN
रुसवा WRITER - ZUBAIR KHAN #कविता
read moreSZUBAIR KHAN KHAN
2 1 2 2 1 2 1 2 2 2 तुम खुशी नसीब से किया दिल ही को करीब से लिया आस की जो तबीब की फिर वो लकीर से गया ©SZUBAIR KHAN KHAN writer - zubair Khan #Dream