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pramod malakar
मायूस मत होना , वक्त बदल जाएगी , लीला अपरंपार है , जीवन संवर जाएगी। तन में प्राण नसीब वाले को मिलती है , फूल और फल जितनी भी ऊंचाई में हो, धरती माता के चरणों में ही गिरती है । चमक प्रमोद के जीवन में भी आएगी, लीला अपरंपार है , जीवन संवर जाएगी।। """"""""""""""'"""""""""""""""""''''''""" प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #लीला अपरंपार है
Insprational Qoute
(Ryhme poem ABABACAD) सचरित्र-सरिता सम उड़ेलती निश्चल मधुर मुस्कान है, जीवनभर ग़मो का टुक हे नारी तू अधरों तले दबाती , पग पग पर दी अग्निपरीक्षा,जलाये तूने अपने सु स्वप्न है, मिलता नहीं सम्मान सम उपहार अपनों की चिंता बस सताती, युगों युगों में तेरी महिमा का बखान है,तेरी शक्ति अपरंपार है, पर कुछ मूर्ख आज भी नही न समझ रहे,धन मोह में तेरी चिता जलाई, कभी बेटी,कभी सहधर्मिणी,कभी ममतामयी माँ तेरे अनेक स्वरूप हैं, जब तेरी सीमा कोई भंग करता है तो तू बन दुर्गा करती दुष्टों का संहार। सचरित्र-सरिता सम उड़ेलती निश्चल मधुर मुस्कान है, जीवनभर ग़मो का टुक हे नारी तू अधरों तले दबाती , पग पग पर दी अग्निपरीक्षा,जलाये तूने अपने सु
यशवंत कुमार
गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे, तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर; हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्ण पूरित, हो धरा पर हर मनुज! ज्ञान-लिप्सा हो हृदय में, बन न पावे कोई दनुज!! हे दयालु! हे कृपालु!, तुम ही खेवनहार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर अज्ञानियों को तार दो ! Read in caption... गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे, तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्
यशवंत कुमार
गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे , तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्ण पूरित, हो धरा पर हर मनुज! ज्ञान-लिप्सा हो हृदय में, बन न पावे कोई दनुज!! हे दयालु! हे कृपालु!, तुम ही खेवनहार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो ! Read Full poem in Caption... गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे, तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्
यशवंत कुमार
गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे , तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता! ज्ञान देकर , हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्ण पूरित, हो धरा पर हर मनुज! ज्ञान-लिप्सा हो हृदय में, बन न पावे कोई दनुज!! हे दयालु! हे कृपालु! तुम ही खेवनहार हो! ज्ञानदाता! ज्ञान देकर, हम अज्ञानियों को तार दो!! हर निरक्षर होवे साक्षर, विद्वान और ज्ञानी बने! तुम्हारी करूणा ने दयामय!, एकलव्य, आरुणि जने!! हम ज्ञान का दीपक जलाएं, ज्ञान के विस्तार को! हे दयामय!, हम पर तेरी करुणा अपरंपार हो!! Continue... Read in Caption. गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे , तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर
ashish gupta
शिव और शक्ति की लीला अपरंपार है जो भी रंगा इसके रंग में उसकी नैया होगी पार है शिवा शक्ति मेरे जीवन का आधार है जिसके के बिना सुना मेरा संसार है ©ashish gupta शिव और शक्ति की लीला अपरंपार है जो भी रंगा इसके रंग में उसकी नैया होगी पार है शिवा शक्ति मेरे जीवन का आधार है जिसके के बिना सुना मेरा संस
Divyanshu Pathak
इन चरणों में फूल चढ़ाएं दीप जलाएं आरती गाएं जब भी तेरे दर पर आएं हम मन वांछित फल पाएं मेरे स्वामी अंतर्यामी इतनी दया रखना शुभकारी शिव शंकर नमामि शंकर ! 💕😊 सृष्टि कल्याण के स्रोत भगवान शिव के विवाह दिवस #महाशिवरात्रि की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। 💕🌹🌺🌺🌹🌹🌹🌺🌺🌺 : हे शिव शंकर त्रिशूल धारी हम है
REETA LAKRA
मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, प्यासों को पिलाया, भूखों को दिया भोजन, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, पर्वत पर दिया प्रवचन, प्रेमी नहीं कोई उसके समान, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, दी उसने चंगाई जब औषधियाँ सब गईं हार, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, निराशों को दी आशा, संसार के सर्वश्रेष्ठ गुरु, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, वह संसार की है ज्योति, मार्ग सत्य और है जीवन, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, बैरी को प्रेम से अपनाना, पड़ोसी से प्यार अपने समान, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, सिखाया अपने पापों कमजोरियों को स्वीकार करना क्षमा माँगना ही नहीं क्षमा करना, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, मेरे पापों के लिए खुद को बलि चढ़ाया, सूली पर प्राण दिया, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, है वह सबसे भला, सदा साथ चला, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, है वह सबका सहारा, है वह सच्चा मसीहा, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, वही तो मेरा चरवाहा, वही तो मेरा रखवाला, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, सेवा करवाया नहीं , सेवा करके दिखाया, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान, मेरा येशु कमाल, मेरा येशु धमाल, मेरा गुरु महान, मेरा येशु महान ।। 👉६९/३६५@२०२१ 👉 २५/०३/२०२१ गुरु कोई भी हो सकता है आदर्श व्यक्ति ईश्वर माता पिता शिक्षक अथवा आध्यात्मिक गुरु। गुरु की महिमा सदैव अपरंपार रहती है। original yreeta-lakra-
अभिलाष सोनी
विषय :- पहली प्रार्थना (04-10-2021) ********************************** हे विधाता, हे सुखदाता, मेरी है बस इतनी अभिलाषा। देना ख़ुशियाँ अपार उसे, जो करें तुम्हारी पहली प्रार्थना। तुम जग स्वामी, बहुआयामी, लीला अपरंपार तुम्हारी। कभी किसी को भूखा न रखना, दिल से है यही याचना। तू दुखहर्ता, तू सुखकर्ता, इस जग का है तू रखवाला। रखना सबको खुशहाल हमेशा, करें तुम्हारी ही साधना। तेरा तुझको सब कुछ अर्पण, जो कुछ है सब तेरा है। देना मुझको इतनी शक्ति, कर सकूँ हालातों का सामना। तू सबके भंडार है भरता, मेरी झोली भी भर देना। देना मुझको इतना ही, कभी किसी से पड़े ना माँगना। विषय :- पहली प्रार्थना (04-10-2021) हे विधाता, हे सुखदाता, मेरी है बस इतनी अभिलाषा। देना ख़ुशियाँ अपार उसे, जो करें तुम्हारी पहली प्रार्थना।