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NEERAJ SIINGH
पहले कैसेट में जब गाने भरवाना पड़ता था तब वो जाकर हमारे प्लेयर में बजता था , सांग्स की चाहत और प्रेम की चाहत , अतरंगी रंग भरा करती थी समा में ,और लता मंगेशकर से लेकर मोहम्मद रफी , और इंडियन पाप सांग्स से लेकर जगजीत सिंह , और बड़े बड़े उस्ताद लोगो के गाने नुसरत फतेह अली खान साब के गाने , देखो ये जो प्रेम ना गानों से लेकर लोक गीतों तक , लोकगीतों से लेकर गजलों तक , गजलों से लेकर कवालियों तक कहाँ कहाँ नही सफर किया , मस्त बात ये है कि आज भी मैं अपने जहन में ये याद रखकर आज लिख रहा हूँ , वो कैसेट के कवर में रंगीन दुनिया का अपना अलग ही क्रेज था , और फिर क्या प्ले , फारवर्ड , रिवाइंड के बटन पर थिरकती उंगलियां उफ्फ .. #neerajwrites कैसेट का जमाना , इश्क पुराना
R.J...Laik Ahmed
मतलाब की दुनिया फरेबी बहुत है, आपस में हम दो हैं, पर किस्मत में सिर्फ एक है ...! ©Laik Ahmed कैसेट हल्का है .... #Cassette
Parasram Arora
कभी हादसे का जो ज्ञापन हुआ लगा जिन्दगी का समापन हुआ कहाडैड जब बाप को पुत्र ने लगा रिश्तो का ये नयापन हुआ बड़ा हो गया कोई परिवार तो सिमट कर बहुत छोटा आँगन हुआ जरा छींक आई मुझे जब कभी बहुत गीला तब मा का दामन हुआ मा का दामन.... (विजय राठौर )
Nature Lover Asha Khanna
है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने डाले गले सर्पों की माला, देह पर भस्मी सजाए मृग छाला उनको पहनाकर,शिवजी को दुल्हा बनाए बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने सज गई बरात सारी,नंदी पर शिवजी विराजे है अनूठी बारात शिव की,देवता गण भी पधारे बज रहे हैं ढोल ताशे, शिवजी चले गौरा को व्याह ने हाथों में मेहंदी लगाकर, फूलों से करें श्रंगार उनका लाल चुनर उनको उड़ाकर,माता को दुल्हन बनाए बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय । ©Nature Lover Asha Khanna #mahashivratri शिव का विवाह
सत्यमेव जयते
शिव जी और पार्वती जी ने एक दिन विचार किया कि अब बच्चों का विवाह करना चाहिए। कार्तिकेय स्वामी और गणेश जी से कहा कि जो इस पूरे संसार का चक्कर लगाकर पहले लौट आएगा, उसका विवाह पहले कराएंगे। कार्तिकेय स्वामी तो अपने वाहन मयूर यानी मोर पर बैठकर उड़ गए। गणेश जी का वाहन चूहा है तो उन्हें अपना दिमाग दौड़ाया। गणेश जी ने तुरंत ही माता-पिता यानी शिव-पार्वती की परिक्रमा कर ली और कहा कि मेरे तो आप दोनों ही पूरा संसार हैं। ये बात सुनकर शिव जी और पार्वती जी बहुत प्रसन्न हो गए। शिव जी ने गणेश जी को प्रथम पूज्य होने का वरदान दे दिया। कार्तिकेय स्वामी संसार की परिक्रमा करके आए तो उन्हें थोड़ा ज्यादा समय लग गया। वापस लौटकर कार्तिकेय स्वामी ने देखा कि गणेश का विवाह हो गया है। पूरी बात मालूम हुई तो कार्तिकेय स्वामी नाराज हो गए। नाराज होकर कार्तिकेय स्वामी क्रोंच पर्वत पर चले गए। ये क्रोंच पर्वत आज दक्षिण भारत में कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर है। इसे श्रीपर्वत भी कहते हैं। माता-पिता ने कार्तिकेय स्वामी को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन कार्तिकेय का गुस्सा खत्म नहीं हुआ। जब बहुत कोशिशों के बाद भी शिव-पार्वती कार्तिकेय स्वामी को मना नहीं पाए तो उन्होंने तय किया कि अब से वे हर माह की अमावस्या पर शिव जी और पूर्णिमा पर पार्वती जी कार्तिकेय से मिलने क्रोंच पर्वत पर जाएंगी। इसलिए श्रीपर्वत के मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में शिव जी और पार्वती जी, इन दोनों की ज्योतियां हैं। मल्लिका यानी पार्वती और अर्जुन यानी शिव जी। इस कहानी का संदेश यह है कि माता-पिता अपनी नाराज संतान को मनाने के लिए पूरी कोशिश करते हैं। बच्चों को भी अपने माता-पिता की भावना का ध्यान रखना चाहिए। बच्चे अलग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते हैं तो माता-पिता को ही उन्हें थोड़ा प्रेम से समझाना चाहिए। ©Kumar Vinod गणेश का विवाह हो