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हिमांशु Kulshreshtha
White तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ, ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जाएगा ©हिमांशु Kulshreshtha मरहम...
मरहम...
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी उनके अमृत काल और गारंटी देना बेचैन अब आमजन को कर रहे है हादसों पर लीपा पोती दबंगई खबरों और सच्चाई दिखाने पर कर रहे है बदइंतजामी के सारे रिकार्ड हो चुके कायम सबक सारे खो चुके है अपनी पीठ थपथपाते विज्ञापनों में मगर दिल्ली जैसे रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ व्यवस्था की पोल खोलते है ट्वीट ट्वीट खेल कर मन्त्री गुमराह देश को करते है कुंभ एक आस्थाओं का संगम है जो हमारी संस्कृति को जिंदा रखते है घटित घटनाओं पर बस किसी का नही है मगर इंतजाम और संवेदना से मरहम भर सकते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Raftaar इंतजाम और संवेदना के मरहम भर सकते है
#Raftaar इंतजाम और संवेदना के मरहम भर सकते है
read more꧁༺Kǟjǟl༻꧂ارشد
🌹 .....मरहम यह नहीं कि तुम किसी ज़ख्मों पर फाहा रख दो, मरहम यह है कि तुम ज़ख्म से उठने वाली टीसों में शरीक हो जाओ कि दूसरों के दर्द में शरीक होना नेक रुहों का क़ुर्ब हासिल करना है _ ज़बान से बोल कर लगाए हुए ज़ख्मों पर कोई मरहम कारगर नहीं होता, यह ऐसे ज़ख्म हैं जो नज़र नहीं आते मगर उनकी टीसें रुहों को घायल कर देतीं हैं क्या तुम दो मीठे बोल, बोल कर लोगों के दिलों के ज़ख्म ठीक नहीं कर सकते, दो मीठे बोल ऐसे जादूई मरहम की तरह हैं जो गहरे ज़ख्मों की शिफ़ा करने की सलाहियत से मालामाल हों .... 💞💞💞 ©꧁༺ǟʀֆɦǟɖ༻꧂ 🌹 .....मरहम यह नहीं कि तुम किसी ज़ख्मों पर फाहा रख दो, मरहम यह है कि तुम ज़ख्म से उठने वाली टीसों में शरीक हो जाओ कि दूसरों के दर्द में शरीक
🌹 .....मरहम यह नहीं कि तुम किसी ज़ख्मों पर फाहा रख दो, मरहम यह है कि तुम ज़ख्म से उठने वाली टीसों में शरीक हो जाओ कि दूसरों के दर्द में शरीक
read moredilkibaatwithamit
White वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही हूँ मैं मैं जिसको चाहता था हकीक़त में पास हो अब ख़्वाब में भी उसको बुलाता नही हूँ मैं ऐसा नहीं वो लौट के आएगा एक दिन फिर भी ये दिल किसी से लगाता नही हूँ मैं अपनों को मुझसे एक ही तक़लीफ़ है जनाब क्यूँ उनके आगे रोता झिझाता नही हूँ मैं चाहत नहीं के इनका मरहम करे कोई यूँ ही किसी को जख़्म दिखाता नही हूँ मैं उस से कहो वो रोज़ मेरा शुक्रिया करे अपनी नज़र से जिसको गिराता नही हूँ मैं ... ©dilkibaatwithamit वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही
वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही
read moreSarfraj Alam Shayri
White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!! ©Sarfraj Alam Shayri #Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!
#Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!
read moreBhupendra Rawat
White मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद आयेंगे तुम ही आरम्भ थी और अब तुम ही अंत हो इसका कारण पूछा अगर तुमने तो हम बस मुसकराएँगे हंसी का मुखोटा साथ लाये है जख्म को अपने मरहम बनाएंगे देखते रहना हौसलों को तुम दर्द के सैलाब मे भी कश्ती लेहरायेंगे ©Bhupendra Rawat #Sad_Status मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद
#Sad_Status मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद
read moreबेजुबान शायर shivkumar
हुस्न-ओ-इश्क़ का संगम देर तक नहीं रहता, कोई भी हसीं मौसम देर तक नहीं रहता | लौट जाओ रस्ते से तुम नए मुसाफ़िर हो, प्यार का सफ़र हमदम देर तक नहीं रहता | ऊँचे ऊँचे महलों की दास्ताँ ये कहती है, क़हक़हों का ये आलम देर तक नहीं रहता | दिल किसी का टूटे या घर किसी का जल जाए, बेवफ़ा के दिल को ग़म देर तक नहीं रहता | हो सके तो चाहत की चोट से बचे रहना, वर्ना ज़ख़्म पर मरहम देर तक नहीं रहता | क्यों ग़ुरूर करते हो जा के तुम बुलंदी पर, शोहरतों का ये परचम देर तक नहीं रहता | कौन जाने कब किस पर ज़िंदगी ठहर जाए | कोई रुस्तम-ए-आज़म देर तक नहीं रहता || ©बेजुबान शायर shivkumar हुस्न-ओ-इश्क़ का संगम देर तक नहीं रहता, कोई भी हसीं मौसम देर तक नहीं रहता | लौट जाओ रस्ते से तुम नए मुसाफ़िर हो, प्यार का सफ़र हमदम देर त
हुस्न-ओ-इश्क़ का संगम देर तक नहीं रहता, कोई भी हसीं मौसम देर तक नहीं रहता | लौट जाओ रस्ते से तुम नए मुसाफ़िर हो, प्यार का सफ़र हमदम देर त
read moreBhupendra Rawat
Unsplash तुझे मेरी खामोशी का अंदाज़ा नहीं है अब तेरा, संग रहने का कोई इरादा नहीं है तुझे रास आया है मुझसे जुदा होना मेरा जख्म भी,अब तेरे मरहम का प्यासा नहीं है ©Bhupendra Rawat #lovelife तुझे मेरी खामोशी का अंदाज़ा नहीं है अब तेरा, संग रहने का कोई इरादा नहीं है तुझे रास आया है मुझसे जुदा होना मेरा जख्म भी,अब तेरे म
#lovelife तुझे मेरी खामोशी का अंदाज़ा नहीं है अब तेरा, संग रहने का कोई इरादा नहीं है तुझे रास आया है मुझसे जुदा होना मेरा जख्म भी,अब तेरे म
read moreनवनीत ठाकुर
White ज़ख्म इतने हैं कि मरहम भी कहाँ तक रखते, दर्द ऐसा है कि लफ्ज़ भी शिकायत नहीं करते। हर मोड़ पर इक नया इम्तिहान मिलता है, कभी आँधियाँ तो कभी अश्क राहत नहीं करते। चल पड़े हैं सफर में तन्हा सवालों के साथ, जवाब आने से पहले ही हालात नहीं थमते। गुज़री है ज़िंदगी बस इक छांव की तरह, जो भी छूने की चाह थी, वो हसरत नहीं भरते। राह-ए-इश्क़ में ठहराव का इंतज़ार किसे, ये धड़कनें भी सुकून की इजाज़त नहीं करते। मोहब्बत की राह में हर कदम पर ये जाना, मंज़िलें तो हैं मगर वो क़ुर्बत नहीं करते। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख्म इतने हैं कि मरहम भी कहाँ तक रखते, दर्द ऐसा है कि लफ्ज़ भी शिकायत नहीं करते। हर मोड़ पर इक नया इम्तिहान मिलता है, कभी आँधि
#नवनीतठाकुर ज़ख्म इतने हैं कि मरहम भी कहाँ तक रखते, दर्द ऐसा है कि लफ्ज़ भी शिकायत नहीं करते। हर मोड़ पर इक नया इम्तिहान मिलता है, कभी आँधि
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया, पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया। इसने हर दर्द को कहानी बना दिया, पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया। जो पल साथ थे, वो कहानी बन गए, जो छूटे, वो निशानी बन गए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया, पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया। इसने हर दर्द को कहानी बना दिया, पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।
#नवनीतठाकुर वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया, पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया। इसने हर दर्द को कहानी बना दिया, पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।
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