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RituRaj Gupta
हौंसला नहीं होता, फांसलो से तय, ये तय होता है, दिमाग में कोंधती असंख्य सकारात्मक विचारों को मिलाकर, और इंद्रियों पर नियंत्रण पा कर, जिससे पा सकोगे मंजिल, बिना परिणाम की चिंता किए !! पेश है एक नई कविता :: हौंसला नहीं होता, फांसलो से तय, ये तय होता है, दिमाग में कोंधती असंख्य सकारात्मक विचारों को मिलाकर,
Krish Vj
बलात्कार:_ चिंतन चिंतन:_ मनुज उस विधाता की सबसे सुंदर कृति हैं । कर्म इंसान को अच्छा और बुरा बनाते है । कर्मों के पीछे हमारी सोच और संस्कार जिम्मेद
DURGESH AWASTHI OFFICIAL
भक्ति क्या है? भक्ति से क्या लाभ है? * भाव सहित खोजइ जो प्रानी। पाव भगति मनि सब सुख खानी॥ मोरें मन प्रभु अस बिस्वासा। राम ते अधिक राम कर दासा॥ भावार्थ:-जो प्राणी उसे प्रेम के साथ खोजता है, वह सब सुखों की खान इस भक्ति रूपी मणि को पा जाता है। हे प्रभो! मेरे मन में तो ऐसा विश्वास है कि श्री रामजी के दास श्री रामजी से भी बढ़कर हैं॥ भक्ति की भावना से ही हम इस सत्य को अनुभव करते हैं, कि ईश्वर ने हमे कितना कुछ दिया है।वह हमारे प्रति कितना उदार है। इससे हमें अपनी लघुता और उसकी महानताका बोध होता है, अपनी इच्छाओं और इंद्रियों पर नियंत्रण की शक्ति प्राप्त होती है ,और दूसरे जीवों के प्रति प्रेम काभाव पैदा होता है। भक्ति कैसे की जाती है? शास्त्रों में हमें अनेक प्रकार के भक्ति मार्गों का वर्णन मिलेगा।हमारे श्रीरूप गोस्वामी जी ने भक्ति के 64 तरीके बताए हैं। प्रहलाद ने श्रीमद््भागवत में भगवान को प्रसन्न करनेके 9 तरीके बताए हैं। ये हैं श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन व दास्य भाव आदि। श्री चैतन्य चरितामृतमें भगवान के ही मुख से कहलायागया है कि मैं पाँच तरह से बहुत प्रसन्न होता हूँ। ये हैं साधु-संग, नाम-कीर्तन, भगवत्-श्रवण, तीर्थ वास औरश्रद्धा के साथ श्रीमूर्ति सेवा। वे आगेकहते हैं कि इन पांचों में से यदि किसीमार्ग का अवलंबन श्रद्धा के साथ कियाजाए तो वह हृदय में भगवत प्रेमउत्पन्न करेगा। इस विषय में महाप्रभुकहते हैं कि नवधा भक्ति के नौ अंगों में से किसी एक अंग का भी आचरणकरने से भगवत-प्रेम की प्राप्ति होसकती है। परन्तु इन नौ अंगों में भीश्रवण, कीर्तन व स्मरण रूप श्रेष्ठ है। इन सभी मार्गों में श्रेष्ठ भक्ति मार्ग कौन सा है? सरल भक्त-जीवन मेंकेवल नामाश्रय ही सर्वोत्तम साधन हैभगवान की प्राप्ति का। नवधा भक्ति मेंभी श्रीनाम के जाप और स्मरण कोसर्वश्रेष्ठ बताया गया है। यदि निश्छलभाव से हरिनाम का कीर्तन किया जाएतो अल्प समय में ही प्रभु की कृपाप्राप्त होगी। नाम संकीर्तन करना हीभगवान् को प्रसन्न करने का सर्वोत्तमतरीका है, यही सर्वोत्तम भजन है। जिसयुग में हम रह रहे हैं, इस में तोभवसागर पार जाने का यही एक उपायहै। शास्त्र तो कहते हैं कि कलिकाल मेंएकमात्र हरिनाम संकीर्तन के द्वारा हीभगवान की आराधना होती है। नाम संकीर्तन का सुझाव किन ग्रंथों में दिया गया है? श्रीमद्भागवत कहता है कि कलियुग में श्रीहरिनाम-संकीर्तनयज्ञ के द्वारा ही आराधना करनाशास्त्रसम्मत है। वे लोग बुद्धिमान हैं जोनाम संकीर्तन रूपी यज्ञ के द्वारा कृष्णकी आराधना करते हैं। रामचरित मानसमें भी कहा गया है कि कलियुग में भवसागर पार करने के लिए राम नामछोड़ कर और कोई आधार नहीं है। कलियुग समजुग आन नहीं, जो नरकर विश्वास। गाई राम गुण गनविमल, भव तर बिनहिं प्रयास। पावन पर्बत बेद पुराना। राम कथा रुचिराकर नाना॥ मर्मी सज्जन सुमति कुदारी। ग्यान बिराग नयन उरगारी॥ भावार्थ:-वेद-पुराण पवित्र पर्वत हैं। श्री रामजी की नाना प्रकार की कथाएँ उन पर्वतों में सुंदर खानें हैं। संत पुरुष (उनकी इन खानों के रहस्य को जानने वाले) मर्मी हैं और सुंदर बुद्धि (खोदने वाली) कुदाल है। हे गरुड़जी! ज्ञान और वैराग्य ये दो उनके नेत्र हैं॥ नाम संकीर्तन में कथा श्रवण काक्या महत्व है? जीवन में ऐसाअक्सर देखने को मिलता कि किसीव्यक्ति या स्थान को हमने देखा तकनहीं होता, परन्तु उनके बारे में समाचारपत्रों व पत्रिकाओं में पढ़ने से हमें काफीआनंद मिलता है। ठीक इसी प्रकारभगवद धाम, आनन्द धाम, वहाँ केवातावरण या प्रभु की लीलाओं के बारेमें सुन कर हमें आनंद प्राप्त होता है, हमारा चित्त स्थिर होता है और चंचलमन भटकने से रुकता है। ये कथाएंहमारे वेद-शास्त्रों में वर्णित हैं, जिन्हेंपढ़ने या सुनने से हमें भगवान केविषय में कुछ जानकारी भी प्राप्त होतीहै। भजन -कीर्तन करने से क्याहोता है और इसे किस प्रकार करनाचाहिए? गोस्वामी जी कहते हैं किआप भक्ति का कोई भी मार्ग अपनाएं, उसे श्रीनाम कीर्तन के संयोग से हीकरें। इसका फल अवश्य प्राप्त होता हैऔर शीघ्र प्राप्त होता है। सब कहते हैंकि भगवान का भजन करो.....भजनकरो! तो क्या करें हम भगवान काभजन करने के लिए? सच्चे भक्तों केसंग हरिनाम संकीर्तन करना ही सर्वोत्तम भगवद भजन है। सच्चे भक्तों के साथमिलकर, उनके आश्रय में रहकर नाम-संकीर्तन करने से एक अद्भुत प्रसन्नताहोती है, उसमें सामूहिकता होती है, व्यक्तिगत अहंकार नहीं होता और उतनीप्रसन्नता अन्य किसी भी साधन सेनहीं होती, इसीलिए इसे सर्वोत्तमहरिभजन माना गया है। ||आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र:|| ©Surbhi Gau Seva Sanstan #BookLife भक्ति क्या है? भक्ति से क्या लाभ है? * भाव सहित खोजइ जो प्रानी। पाव भगति मनि सब सुख खानी॥ मोरें मन प्रभु अस बिस्वासा। राम ते अधिक
GOPAL KRIS. ROY OFFICIAL
मन को नियंत्रित करना सीखें, एक दिन आप विश्व विजेता होंगे। शुभरात्रि मन पर नियंत्रण।।।।।
Be Positive Always happy
जो मनुष्य इंद्रियों पर काबू रखता है उसकी बुद्धि स्थिर होती है। जिसकी बुद्धि स्थिर होगी, वह अपने क्षेत्र में बुलंदी की ऊंचाइयों को छूता है और जीवन के कर्तव्यों का निर्वाह पूरी ईमानदारी से करता है। ©Be Positive Always happy #NightRoad #खुद पर नियंत्रण
Ek villain
क्रोध को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है महावीर स्वामी के अनुसार पृथ्वी पर सबसे भयंकर विष क्रोध क्रोध का एक प्रकार से मानसिक हिंसा क्रोध को एक भी नहीं पागलपन नहीं कह सकते हैं हमारे मनीषियों ने क्रोध की तुलना आदमी से क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी अन्य व्यक्ति पर फेंकने की नियति से पकड़ लेने के सामने जिसमें धारक स्वयं भी चलता है क्रोध की अग्नि दिखाई नहीं देती प्रदोष का ज्वलन हमारे संबंध शहाबुद्दीन सुविधाओं एवं मर्यादाओं को जलाकर खाक कर दे दिया करो और आधी दुनिया एक समान है जिनके शांत होने के बाद ही पता चलता है कि उसे कितनी क्षति पहुंची है करोड़ होना भी बहुत सरल परी के जयपुरी उचित उचित उचित नहीं है ऐसे में बेहतर तरीके से जीवन व्यतीत करने के लिए क्रोध पर नियंत्रण आवश्यक है एक व्यक्ति को क्रोध क्रोध के कारणों का पता लगाकर नियंत्रण करने की प्रवृत्ति आत्महत्या करनी चाहिए करोड़ से बचने पर ही आत्मिक विकास संभव है करो उसको पूरा जानकर जो व्यक्ति करो और उसको कम करने की साधना करते हैं वह जीवन में सुख व शांति का अनुभव करते हैं इसलिए करोड़ को आज ही अलग मन ध्यान देना चाहिए उसे नियंत्रित करने का सबसे उत्तम उपाय मौन रहना गुस्से को मुंह से काबू किया जा सकता है यदि स्वभाव में क्रोध की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है तो रोज ध्यान भी करना चाहिए क्रोध रूपी अग्नि कोई योग रूपी शीतल जल से शांत किया जा सकता है ©Ek villain #क्रोध पर नियंत्रण #navratri
sonia
किसी भी विवाद में आप जब भी क्रोधित होते हैं तो "सच का मार्ग" आपसे तभी छूट जाता है और आप सिर्फ अपने आप को बचाने का प्रयास करने लगते हैं! क्रोध पर नियंत्रण जरूरी है
Ek villain
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ऑनलाइन गेम एक गंभीर मुद्दा है गत दिनों में इसकी लत के कारण भोपाल में 11 वर्षीय लड़के ने आत्महत्या कर ली ऐसे दुखद घटना को रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए कानून ला रही है इसका मसौदा तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा इसके अंतर्गत ऑनलाइन गेमिंग संचालित करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए प्रावधान किए जाएंगे आज देश में ऑनलाइन गेमिंग की गिरफ्त में आने वाले आबादी का ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है पिछले साल जुलाई के मध्य प्रदेश के छतरपुर में ऑनलाइन गेम के ₹40000 गंवाने पर 23 वर्षीय लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी जनवरी 2021 में मध्य प्रदेश के सागर जिले में में भी इसी प्रकार का एक मामला सामने आया एक पिता ने फ्री फायर गेम की लत के कारण अपने 12 साल के बेटे से मोबाइल फोन छीन लिया तो उसने फांसी लगा दी देश में ऑनलाइन गेम के चक्कर में अरे का मामला भी सामने आया राजस्थान के नागौर जिले में मोबाइल फोन और वीडियो गेम खेलने से कर्ज में डूबे 16 वर्ष 12 वर्ष अपने चचेरे भाई की हत्या कर उसे जमीन में गाड़ दिया भारतीय समाज में इसी प्रकार की घटना बेहद शर्मनाक स्थिति को बच्चों का भविष्य की सुरक्षा बनाए रखने की संगठन के अनुसार काल के दौरान बच्चों की ऑनलाइन गेम ऑनलाइन गेम एक परिवार के बच्चे में ज्यादा देखने को मिल रही है भारत में करीब 30 करोड़ गेम खेलते हैं यह आंकड़ा बढ़कर हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है जरूरी होता है काफी प्रभावित रहा है ©Ek villain # ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण जरूरी #hills
Ek villain
देश में होने वाले आम चुनाव में तमाम राजनीतिक दल लगभग 60 70 हजार करोड रुपए यूं ही खर्च कर देते हैं या राज्य विधानसभा चुनाव में भी करीब इतना ही खर्च हो जाता है अगर दोनों को मिलकर देखा जाए तो लगभग सवा लाख करोड रुपए के आसपास राजनीतिक दल खर्च कर यह जाते हैं आप देश के एक चुनाव में प्रचार अभियान भी 5 वर्ष के केवल एक ही बार संचालित होगा चर्चा खर्च घटाकर आधा रह जाएगा इतने धन की बचत होगी कि देश की दशा दिशा सब सुधर जाएगी इस तरीके से प्रयोग लोगों को अच्छे स्तर मिलने लगेंगे यह कहना न होगा कि देश में चुनाव को सहमति प्रदान करने वाला देश की प्रगति चार चंद लोग आ सकते हैं देश में नियमित अंतराल होते रहते हैं ©Ek villain #संसाधनों की बर्बादी पर नियंत्रण #adventure
Ek villain
दोनों महापुरुषों का जो राजनीति में परिवाद भ्रष्टाचार जातिवाद के इस्तेमाल के लिए विरोध शास्त्री की बनियानी पर वह समाजवाद को शासन का मुख्य आधार बनना चाहते थे मगर इन दिनों मानव समाजवादी राजनीति का पर्याप्त बन गया है परिवारवाद भ्रष्टाचार और जातिवाद दरअसल 11 अक्टूबर और 12 अक्टूबर को समाजवादी राजनीति के कितने पूरा रोज नेताओं द्वारा जेपी लोहिया के कर्मा जयंती पर पुण्यतिथि मनाई जाने का अवसर था इसलिए यह विमर्श के केंद्र में आया कि आखरी और आंदोलन से निकले नेतागण जो बिहार व उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्ता के केंद्र में रहे उनके विचारों को कितनी अहमियत देने दे पाएंगे ©Ek villain #राजनीति में परिवारवाद पर नियंत्रण #Save