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Shakuntala Sharma
पूजा की शादी नजदीक थी और उसके बडे भाई को दहेज की रकम का इंतजाम करना था। लड़के वाले दहेज में मोटी रकम मांग रहें थे। और पूजा भी हो उसी लड़के से प्यार करती थी। आखिर पूजा का भाई मजबूर था । वह अपनी बहन की खुशिया ही चाहता है । पर वह यह भी जानता था । कि दहेज के लोभी लोग पूजा को कभी खुश नही रख पायेंगे । पूजा के बडे भाई ने लाख कोशिश की पर दहेज की रकम का इंतजाम नही कर पाया । अतः में पूजा के बड़े भाई ने हताश होकर कहा कि में दहेज के लोभी लोगों को अपनी बहन का हाथ नही दे सकता। चाह मेरी बहन कँवारी क्यो ना रहे जाये । ©Shakuntala Sharma # दहेज के लोभी लोगों को में अपनी बहन नही दे सकता ।
# दहेज के लोभी लोगों को में अपनी बहन नही दे सकता । #प्रेरक
read morePoonam Saini
#mytopic // तो फिर क्यों देते हो दहेज ! कृपया दहेज लोभी दूर रहें #HeartfeltMessage
read moreBharti Prajapat
Devesh Dixit
आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।। जीवन में उलझन बड़ी, रहती है दिन रात। कैसे करूँ बखान मैं, मिलता है आघात।। समाधान जब हो कभी, मिलता है आराम। मुक्ति मिले आघात से, संकट है नाकाम।। देता जब कोई कभी, हमको है आघात। व्याकुल मन उसका रहे, खाता भी वह मात।। दें वो ही आघात हैं, जिस पर हो विश्वास। धन के लोभी से हमें, रहे न कोई आस।। .............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आघात #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।। जीवन म
#आघात #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।। जीवन म #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।। जीवन में उलझन बड़ी, रहती है दिन रात। कैसे करूँ बखान मैं, मिलता है आघात।। समाधान जब हो कभी, मिलता है आराम। मुक्ति मिले आघात से, संकट है नाकाम।। देता जब कोई कभी, हमको है आघात। व्याकुल मन उसका रहे, खाता भी वह मात।। दें वो ही आघात हैं, जिस पर हो विश्वास। धन के लोभी से हमें, रहे न कोई आस।। .............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आघात #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।। जीवन म
#आघात #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आघात (दोहे) आशा जिससे हो हमें, दे वो ही आघात। पीड़ा होती है बहुत, व्याकुल हैं जज्बात।। जीवन म #Poetry #sandiprohila
read moreEr.Shivampandit
जल्दी में हों तो बनारस मत आना..... बनारस की नींद धीरे-धीरे खुलती है ..... आहिस्ता-आहिस्ता जागता है यह शहर ©Er.Shivam Tiwari #बनारस जल्दी में हों तो बनारस मत आना..... बनारस की नींद धीरे-धीरे खुलती है ..... आहिस्ता-आहिस्ता जागता है यह शहर .... यह दुबई नहीं कि दिन