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gaTTubaba
White नया नया इश्क हैं तुम्हारा हमसे मैं तो हर बार नाकाम हूँ दुआं मांगता हूँ तुम्हारी कामयाबी के लिए अंजाम के लिए तैयार मैं, अगर फिरसे नाकाम हूँ ©gaTTubaba #Thinking नया नया इश्क हैं तुम्हारा हमसे मैं तो हर बार नाकाम हूँ दुआं मांगता हूँ तुम्हारी कामयाबी के लिए अंजाम के लिए तैयार मैं, अगर फ
#Thinking नया नया इश्क हैं तुम्हारा हमसे मैं तो हर बार नाकाम हूँ दुआं मांगता हूँ तुम्हारी कामयाबी के लिए अंजाम के लिए तैयार मैं, अगर फ
read moreDiya
White तुम्हारे दिल की धड़कने सुनकर ही तो मैं दौड़ी चली आती हूँ , लगाकर तुम्हें सीने से फिर बहुत सारा प्यार करती हूँ , तुम हो मेरे दोस्त तुम्हें में हर बार कहती हूँ। ©Diya #love_shayari #तुम्हारे दिल की #धड़कने सुनकर ही तो मैं दौड़ी चली आती हूँ , #लगाकर तुम्हें #सीने से फिर बहुत सारा प्यार करती हूँ , तुम हो
#love_shayari #तुम्हारे दिल की #धड़कने सुनकर ही तो मैं दौड़ी चली आती हूँ , #लगाकर तुम्हें #सीने से फिर बहुत सारा प्यार करती हूँ , तुम हो
read moredilkibaatwithamit
White वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही हूँ मैं मैं जिसको चाहता था हकीक़त में पास हो अब ख़्वाब में भी उसको बुलाता नही हूँ मैं ऐसा नहीं वो लौट के आएगा एक दिन फिर भी ये दिल किसी से लगाता नही हूँ मैं अपनों को मुझसे एक ही तक़लीफ़ है जनाब क्यूँ उनके आगे रोता झिझाता नही हूँ मैं चाहत नहीं के इनका मरहम करे कोई यूँ ही किसी को जख़्म दिखाता नही हूँ मैं उस से कहो वो रोज़ मेरा शुक्रिया करे अपनी नज़र से जिसको गिराता नही हूँ मैं ... ©dilkibaatwithamit वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही
वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही
read moreNurul Shabd
मैं फूल भी हूँ, और आग भी – मेरे करीब आने का हक सिर्फ उन्हें है, जो मेरी असलियत समझें। मुझे परखने वाले कई हैं, लेकिन मेरा असली साथ वही निभा सकते हैं जो मेरी उड़ान को समझते हैं। ©Nurul Shabd #मैं #फूल #भी #हूँ #Shayari शायरी attitude
Nurul Shabd
White तेरे बिना मैं जी रहा हूँ, पर हर पल कुछ अधूरा सा लगता है, तेरी खामोशी अब भी दिल में गूंजती है, जैसे तेरा प्यार वापस आता है। ©Nurul Shabd #sad_quotes #तेरे #बिना मैं जी रहा हूँ,
#sad_quotes #तेरे #बिना मैं जी रहा हूँ,
read moreamansingh6295
White मैं जानते हुए भी हर बात, हर बार एक ही भूल करता गया..., परेशानियाँ मुझे सताती रही, मैं उतना उसे कुबुल करता गया...! ©amansingh6295 मैं जानते हुए भी हर बात, हर बार एक ही भूल करता गया..., परेशानियाँ मुझे सताती रही, मैं उतना उसे कुबुल करता गया...!
मैं जानते हुए भी हर बात, हर बार एक ही भूल करता गया..., परेशानियाँ मुझे सताती रही, मैं उतना उसे कुबुल करता गया...!
read moremani naman
Red sands and spectacular sandstone rock formations क्यों है वो लापता समझता हूँ, मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ। ©mani naman #best shayari क्यों है वो लापता समझता हूँ, मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ। मनी नमन
#Best shayari क्यों है वो लापता समझता हूँ, मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ। मनी नमन
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreनवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
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