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Rameshkumar Mehra Mehra
Unsplash किसी के साथ इतना...... दूर भी मत जाओ..! कि आते बकत.....!! रस्ता पूछ-पूछ कर आओ... ©Rameshkumar Mehra Mehra # किसी के साथ इतना,दूर भी ना जाओ,कि आते बकत,रस्ता पूछ-पूछ कर आओ.....
# किसी के साथ इतना,दूर भी ना जाओ,कि आते बकत,रस्ता पूछ-पूछ कर आओ.....
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White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreनवनीत ठाकुर
"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी दिल दर्द से भर गया, हर बार तुमसे जो उम्मीदें थीं, इस बार भी ख्वाबों की तरह बिखरा। "तेरी कसमों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
#नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
read moreनवनीत ठाकुर
तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
read moreनवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
read moreनवनीत ठाकुर
मेरे दिल के हर कोने में है ग़म, अगर मैं न भी रहूं तो रोना मत। मेरे बाद भी तुम मुस्कुराना, याद आ भी जाए तो खोना मत। ©नवनीत ठाकुर मेरे दिल के हर कोने में है ग़म, मैं अगर न रहूं तो रोना मत।
मेरे दिल के हर कोने में है ग़म, मैं अगर न रहूं तो रोना मत।
read moreAnukaran
माना कि अलग हूँ मैं आप से, अपने से पहले हर पल दूसरों की सोंचता और करता हूँ। शायद मुझे देख, जीवन की कला सीख रहा है। ©Anukaran #GoldenHour माना कि अलग हूँ मैं आप लोगों से, अपने से पहले हर पल दूसरों की सोंचता और करता हूँ। शायद मुझे देख, जीवन की कला सीख रहा है।
#GoldenHour माना कि अलग हूँ मैं आप लोगों से, अपने से पहले हर पल दूसरों की सोंचता और करता हूँ। शायद मुझे देख, जीवन की कला सीख रहा है।
read moreAnukaran
White चल अभी कुछ और हिसाब बाकी है, ऐ जिंदगी! कुछ कदम चला हूँ, और कुछ बाकी है ऐ दोस्त। ©Anukaran #चल अभी कुछ और हिसाब बाकी है, ऐ जिंदगी! कुछ कदम चला हूँ, और कुछ बाकी है ऐ दोस्त।
#चल अभी कुछ और हिसाब बाकी है, ऐ जिंदगी! कुछ कदम चला हूँ, और कुछ बाकी है ऐ दोस्त।
read moreVandana Rana
उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ। ©Vandana Rana उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।
उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।
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