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Gopal Pandit
किसी भी वक्त वो आएगा तो भी तुम उसका क्या उखड़ोगे उसका एक आवाज़ और आंसू से भी तो सैलाब आता है तुमने कैसे सोच लिया तुम उसकी खुशियां उजाड़ोगे #गोपाल_पंडित ©Gopal Pandit किसी भी वक्त वो आएगा तुम उसका क्या उखड़ोगे उसका एक आंसू भी बहे तो सैलाब आता है तुमने कैसे सोच लिया तुम उसकी खुशियां उजाड़ोगे #गोपाल_पंडित #
Gireesh jat
दफनाके खुद को मैंने, नए किरदार में ढाला है, मैंने गिर के संभल के खुद को संभाला है। उखड़ गई हाथों से जब किस्मत की लकीरें, हर घाव को मैंने अपनो सा पाला है। टूट जाने पर हर शख्स से रिश्ता, मैंने हर रिश्ते को दिल मैं संभाला है। ©Gireesh jat दफनाके खुद को मैंने, नए किरदार में ढाला है, मैंने गिर के संभल के खुद को संभाला है। उखड़ गई हाथों से जब किस्मत की लकीरें, हर घाव को मैंने अपन
AJAY NAYAK
मेरे दर्द को भी पहचानकर देख, तुझे तेरा ही दर्द नज़र आएगा मेरी आंखों में झांककर तो देख, आसुओं का महासागर नजर आएगा लोगों की सांसे उखड़ जाती है जब तू बगल से गुजर जाता है एक बार मेरे बगल से भी गुजर तो सही तुझे तेरी सांसे भी उखड़ी नज़र आयेगी! –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Isolation मेरे दर्द को भी पहचानकर देख, तुझे तेरा ही दर्द नज़र आएगा मेरी आंखों में झांककर तो देख, आसुओं का महासागर नजर आएगा लोगों की सां
AJAY NAYAK
हर शाम बस तेरा इंतज़ार रहता है, पता है, तू छुपा है मेरे दिल में ही, फिर भी, तेरी एक झलक की कुछ और ही बात होती है । आंखो को ठंडक मिलती है मन को शुकून मिल जाता है बेचैन सी उखड़ी सांसे भी शांत हो जाती है जब तेरी सांसे, मेरी सांसों से मिल जाती है। मत छुप, यहां–वहां, वहां–यहां मत खेल, मेरे दिल से अंठखेलिया आजा मेरे श्याम, मेरे नयनों के सामने इन बेजान अंखियों से, इंतजार नही होता है। तेरे बदन की खुशबू को तैर जाने दे फिजाओं में तेरे एक एक एहसास को फैल जाने दे फिजाओं में अजय ने भी सुन रखा है, रहिमन, रैदास, सूरदास से तेरे एहसास भर से ही, कायनात जिंदा हो जाती है। हर शाम बस तेरा इंतज़ार रहता है, पता है, तू छुपा है मेरे दिल में ही, फिर भी, तेरी एक झलक की कुछ और ही बात होती है । –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #RadhaKrishna #कविता हर शाम बस तेरा इंतज़ार रहता है, पता है, तू छुपा है मेरे दिल में ही, फिर भी, तेरी एक झलक की कुछ और ही बात होती है ।
PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान'
Gireesh jat
Nisheeth pandey
क्या लिखूँ जब देखा नही महसूस किया नहीं मात पिता का स्नेह मिला नहीं कोमल स्पर्श मात का या पाया नहीं कठोर दुलाड़ पीता का मैं अभागा मन तड़पा मानों दीवार से उखड़े हुए पोस्टर की याद रह रह कर मेरे बिस्तर पर उतरती रहीं व्याकुल मन से मैं सोता रहा हूँ तकिये को सर पे रख कर..... @निशीथ ©Nisheeth pandey #maaPapa क्या लिखूँ जब देखा नही महसूस किया नहीं मात पिता का स्नेह मिला नहीं कोमल स्पर्श मात का या पाया नहीं कठोर दुलाड़ पीता का मैं अभ
PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान'
भूले हुए वो पल, बिखरे हुए वो सपने, बीते लम्हों की खोज में, जुड़ रहे हैं हम। मंजिल की तलाश में, उसे पाने की आस में, आसमान में परिंदों सा, उड़ रहे हैं हम। जाड़ों की रात में, यादों की बरसात में, तुम्हारे ख़्याल में, सिकुड़ रहे हैं हम। ज़िंदगी लंबा सफ़र हैं, जाने कब ख़त्म हो, तेरी यादों के सहारे, अब लड़ रहे हैं हम। ज़मीन से थे जुड़े, 'अरमान' अडिग थे खड़े अब धीरे-धीरे साँस सा, उखड़ रहे हैं हम। ©PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' उखड़ रहे हैं हम #Love #beingoriginal #Shayari #Shayar #viral #Trending Sethi Ji R K Mishra " सूर्य " AviS Krishnadasi Sanatani Balwinder Pa
Ravindra Singh
तू है कि हर बार अधूरी रह जाती है... जब कोई नयी कविता लिखता हूँ तेरे लिये तो ख्वाहिश होती है कि सबसे पहले पढ़े तू । आये पसंद तो करे तारीफ़ , अगर चुभें शब्द तो लड़े तू । मेरी हर एक कविता में तुझे समेटना चाहता हूँ, तू है कि हर बार अधूरी रह जाती है । सच कहूँ तो ये अधूरापन ही तुझसे जोड़े हुए है , तू बिन कहे बहुत कुछ कह जाती है । पता नहीं किस जन्म का रिश्ता है तुझसे , दिल दुखता है बहुत जब मुझसे उखड़े तू । जब कोई नयी कविता लिखता हूँ तेरे लिये तो ख्वाहिश होती है कि सबसे पहले पढ़े तू । ©Ravindra Singh तू है कि हर बार अधूरी रह जाती है... जब कोई नयी कविता लिखता हूँ तेरे लिये तो ख्वाहिश होती है कि सबसे पहले पढ़े तू । आये पसंद तो करे तारीफ
Ravendra