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अल्पेश सोलकर
अनोळखी असतानाही कधी तिचा बेस्ट फ्रेंड बनलो कळलेच नाही... बेस्ट फ्रेंड बनून कधी प्रियकरासाठी पात्र झालो हे ही कळले नाही... अनोळखी असतानाही कधी तिचा बेस्ट फ्रेंड बनलो कळलेच नाही... बेस्ट फ्रेंड बनून कधी प्रियकरासाठी पात्र झालो हे ही कळले नाही...
अनोळखी असतानाही कधी तिचा बेस्ट फ्रेंड बनलो कळलेच नाही... बेस्ट फ्रेंड बनून कधी प्रियकरासाठी पात्र झालो हे ही कळले नाही...
read moreअल्पेश सोलकर
अनोळखी असतानाही कधी तिचा बेस्ट फ्रेंड बनलो कळलेच नाही.....! बेस्ट फ्रेंड बनून कधी प्रियकरासाठी पात्र झालो हे ही कळले नाही......! अनोळखी असतानाही कधी तिचा बेस्ट फ्रेंड बनलो कळलेच नाही... बेस्ट फ्रेंड बनून कधी प्रियकरासाठी पात्र झालो हे ही कळले नाही...
अनोळखी असतानाही कधी तिचा बेस्ट फ्रेंड बनलो कळलेच नाही... बेस्ट फ्रेंड बनून कधी प्रियकरासाठी पात्र झालो हे ही कळले नाही...
read moreVijay Vidrohi
बेईमानों के फूल फल रहे धंधे यहां इमानदारो को नहीं कहीं ठौर है जुल्म ज्यादती हो रही लाचारों पर बद-हालातें मुझे रही झकझोर है ©Vijay Vidrohi #लाचार
Tafizul Sambalpuri
जब कागज़ के पन्नों में लिखे चन्द शब्द दास्तान बयां करती है तो जीते इन्सान की पुकार आखीर क्यू सुनाई नहीं देता ये उस इन्सान की लाचारी है या हमारी समझ नहीं आता ©Tafizul Hussain Sambalpur Odisha लाचार
लाचार #विचार
read moreDevesh Dixit
भेद-भाव के व्यवहार का दस्तक दिया घाव का ऐसा हुआ विस्तार कि मासूमियत हुई लाचार आरोपियों की खान का जुर्मों की दुकान का ऐसा हुआ विस्तार कि अबला हुई लाचार जरा-जरा सी बात का आकार लेती प्रहार का ऐसा हुआ विस्तार कि रिश्ते हुए लाचार दिन दहाड़े लूट का बेगुनाहों के खून का ऐसा हुआ विस्तार कि इंसानियत हुई लाचार ऐसे घिनोने कृत्यों का विलंब से मिले निर्णयों का ऐसा हुआ विस्तार कि समाज हुआ लाचार कानूनी व्यवस्था का राजनीति कि समस्या का ऐसा हुआ विस्तार कि देश हुआ लाचार #लाचार
Abhishek Pandey
White एक शख्स के आगे यारों, वो इस कदर लाचार हैं। बस उन्ही की गली में, रुसवा हुए हर बार हैं।। उनसे तो डायल न होते, दस अंक उम्मीद के। प्रेम में पागल इन्ही के, मिस्ड कॉल की बौछार हैं।। ©Abhishek Pandey #लाचार
Singh Manpreet
उसे मुझ पर जरा भी तरस नही आया मैं भूखा था भूखा ही हूँ अबतक उसके दिदार का. किसी ने धोखे से लेकर तोड दिया दिल यारों फिर से मुझ लाचार का. ©Singh Manpreet लाचार
लाचार #शायरी
read moreNadaan Shayar : Samaria Jatin
पंछी मै, एक पिंजरबंद परिंदा | होते हुए भी नही हूं जिन्दा || उड़कर जाना चाहता हूं सब के पास | बस मे नही कुछ,दिख भी नही रही कोई आस || क्या करूं व्यक्त,भावना कोई समझता नही | कितनी भी करूं मसक्कत मेरी कोई सुनता नही || नही जीनी ये जिंदगी,जहाँ सब के साथ नही रह सकता | है ये एक ऐसी जंग जिसे मै लड़ भी नही सकता || :-Jatin #लाचार
Trapti
लाचार हो गए अपने कुछ अरमानों से इस कदर क्यां करें जब बेवजह लगने लगे जिंदगी होते हुए भी ठेरों वजह अगर लाचार
लाचार
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