Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पिंजरे वाले झूमर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पिंजरे वाले झूमर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पिंजरे वाले झूमर.

    LatestPopularVideo

अभिषेक सिंह

Ruchika

पिंजरों में बंद पंछी, कुछ लोगों को बहुत ही भाते हैं,
ना जाने कैसे वो उनकी बेबसी को, नज़रअंदाज़ कर पाते हैं।
किसी को नज़रबंद कर यूँ, ना जाने वो कौन सी खुशी पा जाते हैं,
बड़े रौब से उनका परिचय,  घर आने वालों से कराते हैं।
 पर उनकी खुशी आसमान में उड़ान लेने में है, क्यों नहीं समझ पाते हैं,
 पिंजरे में कौन खुश रह पाता है, पंछी भी बेबस हो, समय ही बीताते हैं।

 पिंजरों में बंद इन पंछियों  की बेबसी, कुछ लोग तो समझ पाते हैं,
पर इंसान बंद हैं जिन पिंजरों में, वो तो नज़र भी नहीं आते हैं।
कुछ अपने बनाए पिंजरे, तो कुछ दूसरों के बनाए होते हैं,
फसा रहता हैं इन पिंजरों में वो, दिल में बेबसी के साए होते हैं।
ज़्यादातर, जो कहने के लिए होते हैं अपने, ये पिंजरे, उन्हीं के बनाए होते हैं
और कभी-2 हम अपना सबसे बड़ा दुश्मन बन, खुद को ही पिंजरे में बिठाए होते है। #पिंजरे

Saurav Das

खुल के जीना चाहिए, आसमान छूने को कहते हो!

फ़िर पिंजरे से रिहा क्यों नहीं कर देते हो!!

©Saurav Das #पिंजरे 

#jharokha

Rajesh rajak

पिंजरे से,,

read more
जब दो महिलाएं,मिलती हैं,आपस में,
सिर्फ चूल्हे,चौके तक ही सीमित नहीं होता वार्तालाप,
बातें मुख से होती हैं,
आंखों में आसूं होते हैं,हृदय करता है विलाप,
नहीं बहिन हम इंसान कहां,हम तो पुरुष के इशारों पर चलते हैं,
हमारे अरमान कहां,,सम्मान कहां,
पुरुष ही तय करता है,हमारी सीमा,
किससे बात करोगी, मित्रों में पुरुष मित्र नहीं,नहीं,
ये तो हो नहीं सकता,मर्द है वो,,
हाड़ तोड़ता,मद पीकर,फिर भी खुश रहना है,
संग उसी के जी कर,
बहिन, मै अपना विवेक पति नाम के पिंजरे में कैद रखती हूं,
महिला सशक्तिकरण,लंबे भाषण,
कुछ व्याख्या,कुछ व्याकरण,
हां बहिन,कब मिलेगी मुक्ति,कब ख़तम होगा,
पुरुष बाद से निजीकरण,
हम पुरुष के इशारे पर चलने वाले रोबोट न रहें,
न रखें कैद अपना विवेक,पुरुष के पिंजरे में,
हम भी इंसान हैं,स्वतंत्र रहें, पिंजरे से,,

Arora PR

पिंजरे का पंछी #कविता

read more

नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)

# पिंजरे का पंछी । #कविता

read more

Parasram Arora

#पिंजरे का पंछी........

read more
कितने पारंगत होते हैँ  ये 
पिंजरे  मे  बंद  तोते 
जो नामों को  दुहराते हैँ  निश्चित ही 
खुद को भी  और 
दूसरों को भी भरमाने का ही काम 
कर रहे हैँ 
वे शायद  नहीं जानते क़ि  इस  नाम 
दुहराने  की कला   क़ि वजह से 
उन्हें ताउम्र  पिंजरे मे ही बंधक बन कर 
रहना   पड सकता है 
और खुदा न खस्ता   किसी दिन  पिंजरे का 
मुँह  खुला भी  रह गया  तो वो  उड़ना    चाहते 
हुए भी  उड़ नहीं पायेगा  क्योंकि तब तक 
उसके  पँख  उड़ना  भूल  चुके होंगे

©Parasram Arora #पिंजरे का पंछी........

Usha Dravid Bhatt

पिंजरे का असर #कविता

read more
जब लौटा  वो कैद काट कर
आजाद  खगों को कर बैठा ,
वर्षों से आवाद पिंजरों को 
घर से बाहर  लगा बैठा ,

पंख फैलाते उड़ चले पखैरू
ज्यों  नाप रहे हों  फैले नभ को ,
पा न सकेंगे  ओर  छोर  गगन का 
रहा जीवन पूर्ण समर्पित पिंजरों को ।। पिंजरे का असर

Parasram Arora

पिंजरे का परिंदा #कविता

read more
मुझे उस परिंदे से बेइंतहा  मुहब्बत हो गई थी
जिसेमैंने अपनी ख़ुशी के लिये उसे पिंजरे सहित
खरीद कर घर के आँगन में  लटका दिया  था
नित्य उससे बाते करता  और उसकी  मधुरतम चहकते
गीतों को सुनकर आत्मविभोर हो जाता था  .
फिर वो दिन भी आया  ज़ब मेरी आँख  आकाश
में उड़ते परिंदो पर पड़ी ज़ो  पूरी मस्ती से  चहकते हुए आकाश की ऊंचाईया  नाप रहे थे
तब मुझे अहसास हुआ कि.उन मुक्त स्वच्छन्द 
परिंदो की च हकने की त्वरा  और मिठास मेरे पिंजरे वाले परिंदे से. कितनी 
अलग थी
और तब मुझे  समझ में आया कि प्यारऔर ख़ुशी बँधन में नही है
प्यार और ख़ुशी मुक्ति  और  स्वछंदता  की  उपज हैँ

©Parasram Arora पिंजरे का  परिंदा

Parasram Arora

पिंजरे का पंछी.

read more
पिंजरे का पंछी
लम्बे समय से वहाँ रहते रहते
अब ऊब चुका हैँ  और मुक्ति
के लिये पिंजरे की सलाखे
तोड़ रहा हैँ
अब वो दिन दूर नही ज़ब  वो  बाकी
सलाखों को  तोड़ने में भी सफलहोगा
और  खुद को  इस पिंजरे के बंधन से
आज़ाद  कर  खुली  हवा में साँसे भी 
ले  सकेगा

©Parasram Arora पिंजरे का पंछी.
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile