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Devesh Dixit
मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां
#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां #Love #sandiprohila
read moreArshad Siddiqui
White कुछ नेकिया इस तरह से भी कमाएं खून का रिश्ता एक ऐसा भी बनाएं पुण्य कर्मों में एक कर्म रक्तदान भी है अपने लहू से दूसरों का जीवन बचाएं arshad siddiqui ©Arshad Siddiqui #Blood कुछ नेकिया इस तरह से भी कमाएं खून का रिश्ता एक ऐसा भी बनाएं पुण्य कर्मों में एक कर्म रक्तदान भी है अपने लहू से दूसरों का जीवन बचाएं
अदनासा-
White रक्तदान श्रेष्ठ दान लहू कहो ख़ून कहो कहो रूधिर या फ़िर रक्त हर जान बच सकती है जब मिले वक्त पे रक्त ©अदनासा- #हिंदी #रक्त #रक्तदान #रूधिर #ख़ून #लहू #Blood #WorldBloodDonorDay #Instagram #अदनासा
Devesh Dixit
मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां
#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां #Poetry #sandiprohila
read more꧁ARSHU꧂ارشد
ज़ख़्म पे ज़ख़्म खा के जी ... अपने लहू के घूँट पी , आह न कर लबों को सी ... इश्क़ है दिल्लगी नहीं ... ©꧁ARSHU꧂ارشد ज़ख़्म पे ज़ख़्म खा के जी..अपने लहू के घूँट पी .. आह न कर लबों को सी..इश्क़ है दिल्लगी नहीं..... FAKIR SAAB(ek fakir) jhanvi Singh shabnur D
ज़ख़्म पे ज़ख़्म खा के जी..अपने लहू के घूँट पी .. आह न कर लबों को सी..इश्क़ है दिल्लगी नहीं..... FAKIR SAAB(ek fakir) jhanvi Singh shabnur D #Shayari
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .... इस जीवन का मोल अदा हो , मातु-पिता की कर सेवा । इस सेवा से ही पहले तो , हमने चखा बहुत मेवा ।। बिन कर्म किए फल मिले हमें , नहीं किया था अभिलाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .... तुम ही जननी तुम जगदम्बा , मुझको कर दो अब श्रीधर । पड़ा रहूँ मैं शरण तुम्हारी , मातु हमें अब दे दो वर ।। मैं भी सेवा करूँ तुम्हारी , उठती मन में अभिलाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ...। तुम ही साथी तुम ही देवी , तुमसे आज छुपाऊँ क्या । शीतल पावन दूध तुम्हारा, पीकर मैं इठलाऊँ क्या ।। जो बनकर लहू दौड़ता है , क्या दूँ उसकी परिभाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ..... रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #motherlove गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की ग
#motherlove गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की ग #कविता
read moreDevesh Dixit
मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां
#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां #Poetry #sandiprohila
read moreAnkur tiwari
Black कुछ होता है दिल के भीतर कुछ बाहर से ही खलता है जब नैन तेरे मुझको देखे दिल मेरा बड़ा मचलता है कभी यादों में कभी वादों में हर बार यूं ही आ जाते हो बस गए हो कुछ यूं रग रग में लहू सा दौड़े जाते हो साज श्रृंगार तुम्हारा यूं तो कितना पावन लगता हैं सजती हो तुम सादगी से रूप मनभावन सा लगता हैं मेरे स्वप्नों में आने वाली तुम वही परी मस्तानी हो जिससे मुझको हैं प्रेम हुआ तुम मेरी वही दीवानी हो ©Ankur tiwari #Morning कुछ होता है दिल के भीतर कुछ बाहर से ही खलता है जब नैन तेरे मुझको देखे दिल मेरा बड़ा मचलता है कभी यादों में कभी वादों में हर बार