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TheDavidPathak
‘’प्यार ही एकमात्र ऐसी आग है, जिसका कभी बीमा नहीं करवाया जा सकता‘’ देवाकथन... ‘’प्यार ही एकमात्र ऐसी आग है, जिसका कभी बीमा नहीं करवाया जा सकता‘’ #Night "अवयव" की कलम से Hariom@Kumawat...©️...🖋 Yash Verma #sudha007 S
Satya Prakash Upadhyay
हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते? कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार करता जाता है इस कवच के सारे अवयव तब तक उसके अपने होते हैं जब तक उनसे किसी प्रकार का भय न हो,जब उसे किसी भी अंग से डर का अनुभव होता है ,उसे वो तुरत "अपने" से पराये बना देता है,चाहे सांसारिक बंधनों के अनुसार वो उसका सबसे क़रीबी हीं क्यों ना हो। अब जब अपने के बारे में जानकारी हो चुकी तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते। हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते? कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार कर
Vikas Sharma Shivaaya'
शुक्र गायत्री मंत्र : -ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुवंशजाताय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात || विष्णु सहस्रनाम-एक हजार नाम -(प्रतिदिन 11 नाम) आज 12से 22 नाम 12 मुक्तानां परमा गतिः: सभी आत्माओं के लिए पहुँचने वाला अंतिम लक्ष्य 13 अव्ययः अविनाशी 14 पुरुषः पुरुषोत्तम 15 साक्षी बिना किसी व्यवधान के अपने स्वरुपभूत ज्ञान से सब कुछ देखने वाला 16 क्षेत्रज्ञः क्षेत्र अर्थात शरीर; शरीर को जानने वाला 17 अक्षरः कभी क्षीण न होने वाला 18 योगः जिसे योग द्वारा पाया जा सके 19 योगविदां नेता योग को जानने वाले योगवेत्ताओं का नेता 20 प्रधानपुरुषेश्वरः प्रधान अर्थात प्रकृति; पुरुष अर्थात जीव; इन दोनों का स्वामी 21 नारसिंहवपुः नर और सिंह दोनों के अवयव जिसमे दिखाई दें ऐसे शरीर वाला 22 श्रीमान् जिसके वक्ष स्थल में सदा श्री बसती हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र गायत्री मंत्र : -ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि:
Satya Prakash Upadhyay
बंधन श्रद्धा ,विश्वास और समर्पण दर्शाता है कि उसका किससे और कितना मजबूत बन्धन है। माँ का संतान से ,भक्त का भगवान से या प्रेमियों का आपस मे इन सारे बंधनो के मूल में बस प्रेम ही होता है। प्रकृति में भी हर एक अवयव दूसरे के बिना सम्पूर्ण नही और नाही उनका अस्तित्व ही रह पाएगा। इसमे स्वार्थ नही अपितु कुछ देने की भावना ही है,जैसे सूर्य की ऊर्जा धरती पर जीवन का आधार है। प्रेम और प्रकृति का बन्धन तो स्वतः हो जाता है, परन्तु कुछ बन्धन मनुष्य के द्वारा समाज को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए "सामाजिक बन्धन" लगाए जाते हैं। ये समय के साथ परिवर्तित होता जाता है वहीं प्राकृतिक बन्धन अपने आप मे सम्पूर्ण है उसमें थोड़ा भी परिवर्तन विनाशकारी ही होता है। तात्पर्य यह है कि बन्धन आवश्यक है परंतु जिन बंधनो का निर्माण हमने किया है बस उसी में हम परिवर्तन करने के उतने हीं अंश में अधिकारी हैं जिसमें कि दूसरे पक्ष की भी रजामंदी हो ताकि उसकी भावनाएं आहत न हों। satyprabha💕 श्रद्धा ,विश्वास और समर्पण दर्शाता है कि उसका किससे और कितना मजबूत बन्धन है। माँ का संतान से ,भक्त का भगवान से या प्रेमियों का आपस मे इन सार
sandy
1) पोट तेव्हा घाबरते जेव्हा तुम्ही सकाळी नाष्टा करत नाही. २)मूत्रपिंड घाबरतात जेव्हा तुम्ही २४ तासात १० ग्लास पाणी पीत नाही. ३) पित्ताशय घाब
pooja d
भक्तांचा कैवारी उभा विटेवरी कर कटावरी पांडुरंग।। एकनाथा घरी चाकरी जो करी नित्य पाणी भरी तो श्रीहरी।। कनवाळू माझा तो लाडका माझा समस्त भक्तांचा तो विठ्ठल।। नमस्कार मंडळी, पहिल्याच दिवशी दिलेल्या उत्स्फूर्त प्रतिसादासाठी आपण सर्वांचे मनःपूर्वक आभार व अभिनंदन...! बाराखडीच्या अभूतपूर्व यशानंतर ग
yogesh atmaram ambawale
दुखः सारे हारे नाम तुझे घेता तूच विघ्नहर्ता गजानना. नमस्कार मंडळी, आपण सर्वांना व आपल्या परिवारास गणेशोत्सवाच्या हार्दिक शुभेच्छा..! बाराखडीच्या अभूतपूर्व यशानंतर गणेशोत्सव - २०२२ आपण साजरा क
yogesh atmaram ambawale
देव तू लाडाचा साऱ्या ह्या जगाचा इश तू साऱ्यांचा गणाधीशा. नमस्कार मंडळी, आपण सर्वांना व आपल्या परिवारास गणेशोत्सवाच्या हार्दिक शुभेच्छा..! बाराखडीच्या अभूतपूर्व यशानंतर गणेशोत्सव - २०२२ आपण साजरा क
sandy
#माणसाने_मनावर_प्रेम_करावे_की_शरीरावर_करावे.. तन भी सुंदर मन भी सुंदर, तू सुंदरताकी मुरत है, किसी और को शायद कम होगी, मुझे तेरी बहोत जरु