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Pushpvritiya
जब तुम कभी अपनी "कविताओं" में तराशोगे मुझे.... दर्पण को सटी उस "लाल बिंदी" पर मेरी "भौंहें" उकेरोगे.... जब नेत्र पटो को मूंद ढूंढोगे मुझे..उस "क्षण".... उस क्षण में मैं...हां.."मैं" अपना आकार धरूंगी.... उस क्षण क्षण में आकार मेरा बढ़ता जाएगा.... हां उस "सूक्ष्म" बिंदु पर...जब मुझमें घुलोगे तुम.... मैं बढ़ूंगी पूर्ण तक...."अक्षुण्ण" हो जाऊंगी........... @पुष्पवृतियां . . ©Pushpvritiya जब तुम कभी अपनी "कविताओं" में तराशोगे मुझे.... दर्पण को सटी उस "लाल बिंदी" पर मेरी "भौंहें" उकेरोगे.... जब नेत्र पटो को
Nisheeth pandey
शीर्षक - एक बूंद 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ बरसती बूंदों में भीगे थे तेरे मेरे वो सुहानी रातें ..... लौटकर न तुम आये न आई फिर वो बरसात की रातें ..... बारिश के बूँदों की टिप टिप में ..... आपकी छुवन की याद आती है उन मुलाक़ातो की .... ठंडी ठंडी सी सर्द बरसात की रातें .... करीब आओ फिर से , कुछ करें खुशनुमा बातें ..... महफ़िलें अपनी भी सज़ जाएगी ..... गर आप करीब आ कर मुंस्कुरा जाएंगे ..... बारिश रुक चुकी है.. बूंदे सो चुके हैं ज़मीं की गोद में.... एक बूंद अभी भी जाने किसकी टकटकी लगाए बैठा है तन्हा, आंगन में तनी तार पर.... बरसती बूंदों में भीगे थे तेरे मेरे वो सुहानी रातें ..... लौटकर न तुम आये न आई फिर वो बरसात की रातें ..... 🤔निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey शीर्षक-एक बूंद --- --- बरसती बूंदों में भीगे थे तेरे मेरे वो सुहानी रातें ..... लौटकर न तुम आये न आई फिर वो बरसात की रातें ..... बारिश के बू
jai rangmanch
Anand Paras
नै करू परदा हमरा से, बस तनी-सा निहार ली, नजर उतार दी,नै ते नजर मे उतार ली, आव बैठ: हमरा नियर, हम अप्पन किस्मत सवार ली!! @Anand🙏 ©Anand Paras #BehtiHawaa नै करू परदा हमरा से, बस तनी-सा निहार ली, नजर उतार दी,नै ते नजर मे उतार ली, आव बैठ: हमरा नियर, हम अप्पन किस्मत सवार ली!! @Anand
S Ram Verma (इश्क)
भरे दिन तनी दोपहरी खींचकर उसने हाथ मेरा ; मेरे सिले लबों पर अपने खुले लबों से लिखा था नाम अपना ! @sramverma (इश्क) #भरे #दिन #तनी #दोपहरी
BANDHETIYA OFFICIAL
त्रिकुटि की भृकुटि तनी और तन कई - हुए कलेवा काल के,अकाल काल कवलित, किसका है यह दोष, महाकाल की छत्रच्छाया में, कौन हुआ वह रुष्ट,रोष जैसे किया प्रदर्शित, है मंथन की बात,मनन - चिंतन-अध्ययन हो, नयन ज्ञान का खुले मनुज का, तुम त्रिनयन हो, हे महादेव!मत कोप दिखाओ, कम थे क्या दो-तीन वर्ष के कोप वे ? रोप दिया आरोप सहज जीवन न, भुले न कांड-'रोप वे'। ©BANDHETIYA OFFICIAL त्रिकुटी की भृकुटी तनी ! #Pinnacle