Find the Latest Status about बईमान सजनी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बईमान सजनी.
Ganesh Joshi
सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका बिन होली खेले ही साजन भीग गया ©Ganesh Joshi #Holi सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका बिन होली खेले ही साजन भीग गया #holikadahan #Rang #ganeshjoshibkn
Poet Kuldeep Singh Ruhela
#चलो सजन से मिलकर आते है कुछ सपनो को लेकर उनके घर जाते है हो मिलन हमारा सजनी से जल्दी यही दुवा चलो ईश्वर से करके आते है! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #mohabbat #चलो सजन से मिलकर आते है कुछ सपनो को लेकर उनके घर जाते है हो मिलन हमारा सजनी से जल्दी यही दुवा चलो ईश्वर से करके आते है! कुल
Manish
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
वो जो ऐसी करतूतों में अपने हमशीरी का हक दबाने को कामयाबी कहते है..? उनको रब के हवाले से, *बद_दयानती कहते है..??*बईमान #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #snowpark वो जो ऐसी करतूतों में अपने हमशीरी का हक दबाने को कामयाबी कहते है,उनको रब के हवाले से, हम सब *बद_दयानती कहते है....*बईमान #shamawri
_Ram_Laxman_
सजनी बनाहूं ओला मोर दिल के..। ये बात ला बताहू, काली कॉलेज मा मिल के..। ©_Ram_Laxman_ सजनी बनाहूं ओला मोर दिल के..। ये बात ला बताहू, काली कॉलेज मा मिल के..। #hindi_poetry #hindi_quotes #hindi_poem durgesh patel
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- देख-देख लुट गये , फिर हम मिट गये , भोली-भाली सजनी के , सुन लो शृंगार में । याद नहीं नूँन तेल , रहा सब कुछ झेल , माँगे क्रीम पाऊडर , वह उपहार में । डाल गले बाँह हार , करे खूब मनुहार , कहे ऐसी प्रीत पिया , मिलें न बाजार में । करें मीठी-मीठी बातें , कहे क्यूँ है छोटी रातें , लगता है काम टेढ़ा , आया है विचार में ।। -१ पूछ मत बात कुछ , याद मुझे सब कुछ , ऐसा उसने जलवा , दिखाया दीदार में । नशा ऐसा चढ़ रहा , पिये बिन झूम रहा , जिसका उतार बस , है उसके प्यार में । सुन उसकी पायल , ये दिल होता घायल , सुन लगे मीठी बोली , अब तकरार में । वह जो पसंद करे , मन में आनंद भरे , दिल का दे दूँ तोहफा , फिर इजहार में ।। ०२/११/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- देख-देख लुट गये , फिर हम मिट गये , भोली-भाली सजनी के , सुन लो शृंगार में । याद नहीं नूँन तेल , रहा सब कुछ झेल , माँगे क्
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
माहिया छन्द आधारित गीत :- अब गीत मिलन के तुम गाना तब सजनी जब संग रहे हम तुम जीवन है सुख दुख का छोड़ यहाँ रोना यही खेल है जग का जो मिला बहुत है यह और नहीं माँगों जो दिया नही कम यह यह लेख विधाता का अब न उठा उँगली आशीष यही उनका कुछ धीर धरे हम तुम मानव रूप मिला कुछ पुन्य करे हम तुम २८/१०/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR माहिया छन्द आधारित गीत :- अब गीत मिलन के तुम गाना तब सजनी जब संग रहे हम तुम
Geetkar Niraj
क्या सजनी तू अब भी बचपन के बातें को लेकर बैठी है? उम्र के साथ-साथ पसंद भी बदलता है यार।। ©Geetkar Niraj क्या सजनी तू अब भी बचपन के बातों... #intezaar #sadShayari #lovesayari #geetkarniraj