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Sunita Sharma

Radheshyam

Hindi #मोर पंख में कान्हा #कविता #nojotohindi

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harsha mishra

मेरे कान्हा बन जाना #कविता

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स्मृति.... Monika

#janmashtami#आयो रे आयो जन्मदिवस आयोस्मृति.... मोनिका ✍️

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आयो रे आयो जन्मदिवस आयो
आयो रे आयो रे जन्मदिवस आयो 
मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का

जग का पालनहार है वह
प्रेम सरस रसधार वह
बाँके बिहारी की बात अलग है 
गोपियन का श्रृंगार है वह

भायो रे भायो मन को मेरे भायो
आयो रे आयो जन्मदिवस आयो
मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का ||

वृन्दावन की हर गली में
बस उसकी ही पुकार है
जन्मदिवस कान्हा का मेरे
सबके लिए त्योहार है 

लायो रे लायो खुशियाँ संग लायो
आयो रे आयो जन्मदिवस आयो
मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का ||
©स्मृति... मोनिका ✍️

©स्मृति.... Monika #janmashtami#आयो रे आयो जन्मदिवस आयो#स्मृति.... मोनिका ✍️

Golu Devaangan. Diya aur baati hum

सीजी गाना चंदा रे मोर चंदा बन जा मोर दिल की रानी गाना #जानकारी

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Bibha Rani

आयो रे रक्षाबंधन का शुभ त्यौहार आयो #समाज

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Rajat N Bharadwaj

दशै आयो #विचार

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Niklesh express Singh Yadav

याद आयो रे

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तुमसे दूर कैसे रह पाता, दिल से कैसे भूल पाता, काश। तुम आईना में बसी होती ,खुद को देखता तो तू ही नजर आती।  #NojotoQuote याद आयो रे

_Ram_Laxman_

मोर मयारू हा मोर बर मित बन जथे । मय ओखर गजल ओह मोर गीत बन जथे । ओखर अऊ मोर बीच के मया सबले सुघ्घर हावय अऊ मय ओखर सुर ता ओह मोर संगीत बन जथे #maa #poem #शायरी #sayri #hindi_poetry #HindiLover #cgpoetry #cglovesayri

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मोर मयारू हा मोर बर मित बन जथे ।
मय ओखर गजल ओह मोर गीत बन जथे ।
ओखर अऊ मोर बीच के मया सबले सुघ्घर हावय
अऊ मय ओखर सुर ता ओह मोर संगीत बन जथे ।

©_judwaa_writes_ मोर मयारू हा मोर बर मित बन जथे ।
मय ओखर गजल ओह मोर गीत बन जथे ।
ओखर अऊ मोर बीच के मया सबले सुघ्घर हावय
अऊ मय ओखर सुर ता ओह मोर संगीत बन जथे

Deepali Singh

फाल्गुन आयो... #Holi #कविता

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फगुआ आयो हर घर-दर दस्तक पीट के
करे ज़ोर फाल्गुन पूर्णिमा की गीत रे
थिरक-थिरक अल्पाये फाग-धमार रे 
लो आयो बसंत की होली हौले हौले 
दिख रहे खेतों में सरसों इठलाते से
मोहे गेहूँ के बालियाँ मंद मुस्काते हुए
खिले कुछ चेहरे नुर छलकाते हुए
शरम में सिमटे लाल-पीले गीले से
अंग-अंग बहके पानी के आग पे
मचले तन- मन मस्ती के राग में
कभी गुझिया पर ठंढई बहकाती हुई
तो आम मंजरी चंदन में लिपटाती हुई
हाँथ में पुए पकड़े,मुख में दबे दहीबड़े
स्वाद घोले वो गोल-गोल पूड़ी-छोले
जब ढोलक,झाँझ,मंजिरे बोले चींख के
बस पास एक-दूजे को सब खींच लें
ये रंग,गुलाल,धुरखेल जोड़े प्रीत रे
नृत्य-संगीत में झूमे उपर-नीचे भीग के 
मग्न हम बोले जोगी जी धीरे-धीरे! 
सा रा रा रा रा...जोगी जी धीरे-धीरे!

©Deepali Singh फाल्गुन आयो... 

#Holi
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