Find the Latest Status about द्वापर युग में महाभारत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, द्वापर युग में महाभारत.
Pushpendra Pankaj
द्वापर की मित्रता बरसों की उम्मीदें लेकर, श्याम तेरे दर आया हूँ। देख मुझे, मैं विप्र सुदामा,मित्र से मिलने आया हूँ ।। सुना है तेरे दर्शन मात्र में,अजब मोह और जादू है। आ जल्दी से गले लगा ले, मन उत्सुक बेकाबू है।। लम्बी अवधि चली प्रतीक्षा,कटते रहे दिवस और रैन। आज मेरा मन प्रश्न पूछता,कब आएगा मन को चैन।। श्याम उठे,फिर गले लगाया,बोले मैं तेरा साया हूँ । अब सारे दुख दूर हो गए,सुख की गागर लाया हूँ ।। हरि आसन पर मित्र बिठाया ,देख दुर्दशा रोने लगे। रोते जाएँ ,रोते जाएँ ,अश्रुओं से पग धोने लगे ।। नयन नीर भर उठे सुदामा,अपलक फिर हरि को देखा, बोले युगों तक याद रहेंगे,द्वापर युग के बाल सखा ।। पुष्पेन्द्र"पंकज" ©Pushpendra Pankaj #humantouch द्वापर युग के बाल सखा
Harpinder Kaur
जब शुरू युद्ध सबने शंखनाद बजाया था कृष्ण को सारथी बना फिर अर्जुन ने अपना पहला तीर चलाया था युद्ध मध्य तक आते आते अर्जुन फिर घबरा गया "कैसे तीर चलाऊँ माधव! ये सब मेरे अपने हैं" इन सबको मारकर.. राज पाट मैं पाऊँ ये ना मेरे सपने हैं फिर गीता का ज्ञान देकर कृष्णा ने धर्म का मार्ग दिखाया था अपना संपूर्ण रुप दिखा कर अपने और पराए का अंतर समझाया था जब प्राप्त किया अर्जुन ने गीता के ज्ञान को तब जाकर वो समझा अभिमान और स्वाभिमान को गोविन्द के दिए ज्ञान से भर वो जब रणभूमि में आता है तब धर्म की खातिर वो अपनों पर अस्त्र-शस्त्र उठा जाता है ( भाग -2) ©Harpinder Kaur # महाभारत... कहानी अपने शब्दों में
प्रभाकर अजय शिवा सेन
छल कपट के युग में सच बोलना भी एक क्रांतिकारी काम है दोस्तों। शुप्रभात दोस्तों ©प्रभाकर अजय शिवा सेन छल कपट के युग में सच।।