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Suraj Sharma
जुटा साहस, कदम बढ़ा; उस अनजान रास्ते पर अब चलकर तुझे दिखाना है¡ है वह वीरान और दुर्गम, वहम यह लोगों का मिटाना है । बाधाएं सब हट जाती हैं, जब कर्मवीर राह पर बढ़ता है। ज्यों तम हटता है, जब सूरज नभ में चढ़ता है।। पत्थर भी पानी बन जाता है, परचम जीत का तुझसा कर्मवीर ही लहराता है। वही अनजान रास्ते को सबके लिए सुगम बनाता है।। ©Suraj Sharma #कविता #प्रेरक #मोटिवेशनल #कर्मवीर #सूरजशर्मामास्टरजी
कविता प्रेरक मोटिवेशनल कर्मवीर सूरजशर्मामास्टरजी
read moreAbhishek Soni
…........................ ©Abhishek Soni #कर्मवीर #अभिषेक #Abhisheksoni #कविता #स्वराचितकाविता #स्वरचित
कर्मवीर अभिषेक Abhisheksoni कविता स्वराचितकाविता स्वरचित
read moreArora PR
तुम्हारी ये लम्बी चुप्पी मौन सन्देश दें रही कि तुम्हे मेरी बात मान लेने मे कोई एतराज़ नहीं हैँ फिर भी मै चाहुँगा कि तुम्हारे इस मौन का भावार्थ समझने की चेष्टा अवश्य करके देखु कि कही तुम इस धैर्य धारण के कवच से अपने ह्रदय को आहत तो नहीं कर रहे हो? ©Arora PR मौन का भावार्थ
मौन का भावार्थ #कविता
read moreGodambari Negi
White अंगारों की राह चल, झिझके न इक पल जग करे करतल, प्रेरक का काम कर। भुज बल लौह सम, पाषाण चूर है दम, वक्ष विशाल विकट, आये जो जाए बिखर। बाजुओं में है वो दम, होगी कुचाल बेदम टूटे जगत का भ्रम, चल चढ़ तू शिखर। ऐसे कर्मवीर पर , दें आशीष भर-भर धन-धन ऐसा नर, जाए जय हो जिधर।।ः ©Godambari Negi #कर्मवीर
J P Lodhi.
कर्मवीर विकट समय विकट परिस्थिति में कर्तव्य अपना निभा रहे, त्याग घर ओरों की जान के खातिर खुद की जान गंवा रहे। प्राण दाव पर लगा कर,योद्धा बन कोरोना से लड़ रहे युद्ध, त्याग के घर परिवार मोह के रिश्ते नाते बन रहे गौतम बुद्ध। मानवता के सेवा पथ पर हैवानियत की हरकतें भी सह रहे, मासूमों की करहाती पीड़ा से नैनो से अश्रु जल भी बह रहे। खाकी राहों में सीना तानें खड़ी है,कोरोना से लोहा लेने को, हैवानियत के हमलें से आहत होके भी तैयार खड़े सेवा को। उनके धैर्य साहस बढ़ाने को,तरह तरह के जतन अपना रहे, विमानों से पुष्प वर्षा से दे सम्मान से उनके हौसले बढ़ा रहे। कर्तव्य मर्म की बेदी पर महान योद्धा अपनी आहुति दे गए, जाते जाते योद्धा जय हिन्द कह कर देश को सलामी दे गए। कर्मभूमि में प्राण दाव पर लगा फर्ज वतन का अदा कर रहे, पीड़ितो की जान बचा कर के मातृभूमि को सजदा कर रहे। JP lodhi #कर्मवीर
Aakash Gupta
कर्तव्यपरायणता, कर्मठता, जीवटता का पर्याय हैं कर्मवीर, आसमयिक इस आपदा में निरंतर कार्य कर रहे है धर कर धीर। भगवान का रूप कहलाते हैं चिकित्सक आज सबने जाना है, पुलिस के अदम्य साहस और सजगता का लोहा सबने माना है। रेल का पहिया थाम कर पीड़ितों के रोकथाम की गति को बढ़ाया है, मुँह पर कपड़ा बांध सफाई कर्मचारियों ने भी कार्य बखूबी निभाया है। न हो कहीं रुपये की आवाजाही ठप्प ये बीड़ा बैंको ने उठाया है, समाजसेवियों ने भी आगे आकर हाथ मदद का बढ़ाया है। अखबार हर घर देकर खबरों से जो रुबरु कराया है मीडिया अपना श्रेष्ठतम रूप इस आपदा में लाया है जंग बड़ी है ये जानकर बड़े बूढ़े और बच्चों ने भी ठाना है, घर और सिर्फ घर में रहकर इस महामारी को हराना है। बिन जाने पहचाने सर्वस्व समर्पित भाव से दिखा रहे लगन, मार्मिकता और लगनशीलता से सराबोर कर्मवीरों को शत शत नमन ✍🏻 - आकाश गुप्ता #कर्मवीर
Parasram Arora
मेरे मौन शब्दों का अर्थ जानना निरर्थक सिद्ध हो सकता है यधपि उनका भावार्थ समझा जा सकता है.... क्योंकि भाव की कोई भाषा नहीं होती वहा तो केवल अनुभूति का अस्तित्व होता है वो तो वैसा ही है जैसे चन्द्रमा की मौन चांदनी की स्निग्धता का सुखद अहसास जैसे वक्ष की ऊँची शाखाओं पर हवाओं क़ि हलचल से उपजि..हुई खड़खड़ाहट और सरसराहट पत्तों की ©Parasram Arora मौन शब्दों का भावार्थ.......
मौन शब्दों का भावार्थ.......
read moreSunil Kumar Kardam
मुक्तक -------- हालातों से जूझता हरपल रहा मैदान में धब्बा लगने ना दिया पर आभा की शान में। साजिशें उसको बुझाने की हुई काफी मगर था दीया जिद्दी बहुत जलता रहा तूफान में।। सुनील कुमार कर्दम कर्मवीर
कर्मवीर #कविता
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