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Ravendra
INDIA CORE NEWS
Ravendra
HintsOfHeart.
"इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है" ©HintsOfHeart. #द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी -हिन्दी के साहित्यकार जिन्होंने बाल साहित्य पर 26 पुस्तकें लिखीं, जिससे वे 'बच्चों के गांधी' भी कहलाते हैं।
S Barua
गांधी जी का 4 बा बंदर मिल गया जो आज की पीढ़ी का है, आज पता चला वो तो हमलोग ही हैं !!! 🤪🤪🤪 ©S Barua ₹ गांधी जी का 4 बा बंदर मिल गया जो आज की पीढ़ी का है, आज पता चला वो तो हमलोग ही हैं !!!
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो सब मिलकर, करो मतदान को । ये तो सब लुटेरे हैं , करते हेरे-फेरे हैं पहचानते है हम , छुपे शैतान को । मतदान कर रहे , क्या बुराई कर रहे, रेंगता है मतदाता , देख के विधान को ।।१ वो भी तो है मतदाता, क्यों दे जान अन्नदाता , पूछने मैं आज आयी , सुनों सरकार से । मीठी-मीठी बात करे , दिल से लगाव करे, आते हाथ सत्ता यह , दिखता लाचार से । घर गली शौचालय, खोता गया विद्यालय, देखे जो हैं अस्पताल , लगते बीमार से। घर-घर रोग छाया , मिट रही यह काया , पूछने जो आज बैठा , कहतें व्यापार से ।।२ टीप-टिप वर्षा होती , छत से गिरते मोती , रात भर मियां बीवी , भरते बखार थे । नई-नई शादी हुई , घर में दाखिल हुई , पूछने वो लगी फिर , औ कितने यार थे । मैने कहा भाग्यवान , मत कर परेशान , कल भी तो तुमसे ही , करते दुलार थे । और नही पास कोई , तुम बिन आँख रोई, जब तेरी याद आई , सुन लो बीमार थे ।।३ २८/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो
Ravendra
Smruti Ranjan Mohanty
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. ଆଉ ଥରେ-17 ସେ କି ମନ ଯେଉଁ ମନରେ ଯୌବନର ରଙ୍ଗ ନାହିଁ ସେ କି ଦେହ ଯେଉଁ ଦେହରେ ପ୍ରେମର ପ୍ଲାବନ ନାହିଁ ସେ କି ପ୍ରାଚୁର୍ଯ୍ୟ ଯେଉଁଠି ବଞ୍ଚିବାର ନିଶା ନାହିଁ ସେ କି ଜୀବନ ଯେଉଁଠି ନିଜପାଇଁ ସ୍ୱପ୍ନର ଜୁଆର ନାହିଁ ସେ କି ପ୍ରାପ୍ତି ଯେଉଁଟା ଖାଲି ଅନ୍ୟମାନଙ୍କ ପାଇଁ ନିଜକୁ ସମସ୍ତଙ୍କ ଭିତରେ ବାଣ୍ଟିଦେଲା ବେଳେ ନିଜ ସ୍ୱପ୍ନକୁ ଗୋଟା ଗୋଟା କରି ସଂଅପି ଦେଲାବେଳେ, କେଵେ ଭାବି ଦେଖିଛ ତମେ, ତମ ସ୍ବପ୍ନ କେଵଳ ତମର ନୁହେଁ ଆଉ କେହି ଜଣେ ଅଛି ଯିଏ ତମକୁ ନେଇ ସ୍ବପ୍ନ ଦେଖେ ଲାଲ ଲାଲ କୃଷ୍ଣଚୁଡ଼ାର, ରୁପା ଜହ୍ନ ଆଉ ଚିକମିକ ତାର ଫୁଲର, ଭିଯା ମାଟିରେ ଶେଜ ସଜାଏ ନିଜକୁ ହଜେଇଦେବାକୁ ଆଉ ଏକ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣାଭ ରାତିର ବାହୁ ବଳୟରେ ମୁଁ ନୁହେଁ ଧୃତରାଷ୍ଟ୍ର, ତମେ ମୋ ଗାନ୍ଧାରୀ ନା ମୁଁ ଅର୍ଜୁନ, ତମେ ମୋ ଯାଜ୍ଞସେନୀ ମୁଁ ତମ ପ୍ରଥମ ପ୍ରେମ, ତମେ ମୋ ବଞ୍ଚିବାର ଶେଷ ପ୍ରତିଶୃତି ମୁଁ ରଖି ଦଉଛି ଗାଣ୍ଡୀବ, ତମେ ଖୋଲି ଦିଅ ଆଖିରୁ ଅନ୍ଧପୁଟୁଳି ମୋ ଆଖିରେ ଦେଖ ଜୀବନଟା ଏବେବି କେତେ ସୁନ୍ଦର ତମେ ଆସ ମରୀଚିକାର ସରହଦ ଡେଇଁ ତ୍ୟାଗ, ତିତିକ୍ଷା ଆଉ ସମ୍ମୋହନର ପାହାଚ ଟପି ପ୍ରେମର ସବାରୀରେ ନବ ବଧୂ ସାଜି ମୁଁ ତମକୁ ମୋ ହାଥରେ ସଜେଇ ଦେବି ଟୋପା ଟୋପା ଚନ୍ଦନରେ, ପଟା ପଟା ଅଳତାରେ ମୁଠା ମୁଠା ସିଂଦୁରରେ, ମେଞ୍ଚା ମେଞ୍ଚା ଅବିରରେ ଆଉ ଥରେ ହସିଦିଅ ମୁଁ ଭୁଲିଯିବି ଏଇଟା ବୟସର କେଉଁ ମାସ ଲାଜର ଓଢଣା ଖୋଲି ଦେଖ ହାଥଠାରି ଡାକୁଛି ଆଉ ଏକ ସକାଳ, ଭିନ୍ନ ଏକ ସଂଦୀପ୍ତ ବାଳଭାନୁର ଉଦୟ ଉତ୍ସଵ ମୋ ଓଠରେ ଓଠ ରଖ ଏଇତ ଜୀବନଟା ଆରଂଭହିଁ ହେବ ସ୍ମୃତି ରଞ୍ଜନ ମହାନ୍ ©Smruti Ranjan Mohanty #holi2024 ଆଉ ଥରେ-17 ସେ କି ମନ ଯେଉଁ ମନରେ ଯୌବନର ରଙ୍ଗ ନାହିଁ ସେ କି ଦେହ ଯେଉଁ ଦେହରେ ପ୍ରେମର ପ୍ଲାବନ ନାହିଁ ସେ କି ପ୍ରାଚୁର୍ଯ୍ୟ ଯେଉଁଠି ବଞ୍ଚିବାର ନିଶା ନ
अदनासा-
लोगों को मोटिवेट करने वाले एक मोटिवेशनल बंदे ने लिखा है, " हमें आज़ादी चरखे से नही शहिदों से मिली है" इसलिए इस ओवर मोटिवेशनल बंदे को, मजबूरन जवाब हेतु लिखना ही पड़ा, वो यह कि👇 देश को आज़ादी मिले इसकी खातिर बलिदान बहुत से लोगों ने दिया है, किसी का नाम हुआ तो कोई बिना अपने नाम के गुमनाम हो गया, उन गुमनामों की चर्चा ना तुम कर सकते हो ना मैं, रही बात चरखे की, तो जिसने चरखा चलाया वह भारतीय व्यक्ति थे महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता, देश के लिए चरखा चलाने वाले इस महात्मा को एक भारतीय हत्यारे व्यक्ति गोड़से ने गोली मारी थी, इसलिए आज़ादी के लिए यह चरखा चलाने वाले महात्मा गांधी भी शहीद हुए, वह भी अपने ही भारतीय बंदे के हाथों, अतः आपसे निवेदन है चरखे का इस्तेमाल अनमोटिवेशनल शब्दों के लिए ना करो। मोटिवेशनल बनना है बनो परंतु पॉलिटिकल बनने का प्रयास ना करो। ©अदनासा- #हिंदी #जवाब #बंदा #अनमोटिवेशनल #पॉलिटिकल #चरखा #गांधी #गोडसे #Instagram #अदनासा