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Dr Usha Kiran
प्रेम बेल को पीर सींचती, साँसें तुझ पर वारी रे! चंदन-वंदन कर न्यौछावर, तन-मन तुझ पर हारी रे! पीड़ा को गाते हैं पल-पल, मीरा के इकतारे हैं, नैना व्याकुल दरश दिखा जा, मेरे तू गिरिधारी रे! ©Dr Usha Kiran #मेरे तू गिरिधारी रे!
अज्ञात
न कोई सद्गुन है, न कोई साधना करूँ भला कैसे, तेरी उपासना..! न वास्ता तप से,न वास्ता जप से संभाल लेना हो, यही है प्रार्थना..! न ज्ञान है मुझमें, न ध्यान है मुझमें कृपा की मूरत हो,कृपा की भावना..! न हो भजन तेरा, न मन मगन तेरा न भाव भक्ति हो,न वर की कामना..! जहान तेरा है, विधान तेरा है भगत के पाले में, तुझे पुकारना..! अधम भी तारे हो, सदा सहारे हो दया की दृष्टि से, मुझे निहारना..! नयन की भाषा है, तुम्हीं से आशा है मेरे खिवैया रे,मुझे उबारना..! ©अज्ञात #जगतखिवैया रे
Sonali Ghosh
तुझे शिकायत है की ढूंढने में इतना वक्त कैसे लगा और मुझे शिकायत है की खोने ही क्यों दिया। ©Sonali Ghosh #ओह #सजनी #रे
Rajni Vijay singla
वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla #बच के रहना रे बाबा
Rajni Vijay singla
वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla #बच के रहना रे बाबा
Arora PR
चल चल रे मुसाफिर चल तू उस दुनिया मे चल जहा न हो कोई फ़िक् जहा न हो मौत का कोई डर ©Arora PR चल चल रे मुसाफिर चल
Shashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh अपना दिन है अपनी रातें, लोग करेंगे ख़ुद की बातें, मिला उसे अपनाया हमने, छोड़ गए जो ख़ुद पछताते, कोई समय से बड़ा नहीं है, क्या लाए जो लेकर जाते, प्रेम और व्यवहार बनाकर, रखे जो सबसे सबको भाते, बैठ गए जो भाग्य भरोसे, कभी न पार नदी कर पाते, इंतज़ार कबतक करते हम, वक़्त के साथ नहीं चल पाते, शामिल ख़ुशियों को ना करते, 'गुंजन' मन ही मन अकुलाते, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #मन ही मन अकुलाते#
प्रितफुल (प्रित)
मनासारखे..... मनासारखे तू अता वाग थोडे नको घाबरू तू पुन्हा माग थोडे धुळीला मिळाले सुखांचे मनोरे नशीबात आले पुन्हा डाग थोडे मनाला कुणाचा मिळेना सहारा वसंती फुलावे इथे बाग थोडे तिला भेटलेला खरा यार होता किती संधिसाधू महाभाग थोडे तुझ्या आठवांनी मला वेड लागे सुचावे तुलाही विरहराग थोडे अजूनी उभी आस लावून प्रीती दिली तूच वचने, सख्या जाग थोडे दिली आहुती आज माझीच मी रे करावेस तू ही कधी त्याग थोडे प्रितफुल (प्रित) ©प्रितफुल (प्रित) #मनासारखे अत्रंगी रे...!!! Kavita Pudale