Nojoto: Largest Storytelling Platform

New जऱ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about जऱ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जऱ.

Related Stories

    PopularLatestVideo

kabir pankaj

मोहताज नहीं हूँ मैं इन तारीखों का, बांधता इश्क़ नहीं, खुला परिंदा हूँ... और जऱे-जऱे पे, तेरा नाम लिखता, मैं पागल-सा आशिक़, बस तुम्हारा हूँ... #Love #Hindi #write #Shayar #true_love #hindi_poetry #lovetaj

read more
मोहताज नहीं हूँ मैं इन तारीखों का,
बांधता इश्क़ नहीं, खुला परिंदा हूँ...
और जऱे-जऱे पे, तेरा नाम लिखता,
मैं पागल-सा आशिक़, बस तुम्हारा हूँ...
 ♥️♥️

©kabir pankaj मोहताज नहीं हूँ मैं इन तारीखों का,
बांधता इश्क़ नहीं, खुला परिंदा हूँ...
और जऱे-जऱे पे, तेरा नाम लिखता,
मैं पागल-सा आशिक़, बस तुम्हारा हूँ...

ARVIND KUMAR KASHYAP

ये जऱुरी नहीं कि हमेशा जुबां पर भगवान का हीं नाम आए...... सत्कर्म और भलाई भी पूजा से कम नहीं...... #विचार

read more
mute video

Krishna Soni

#जऱा #सोचकर #देखो #सोच #बदल #कर #देखते #है #jzbaatdilse #सियासत Badsaha Ahir Anoop Sony Innocent Boy Satish Mathur Anjalisahu_fights_fr_prf #बात

read more
कभी सोचना-



लड़ाई तब तक ही जायज़ है जब तक वो दो समुदाय तक सीमित है ,
अगर वो आगे बढ़ी तो उनके बीच मे आने वाली हर एक चीज़ को राख कर देगी ।

©Jzbaat❤️se #जऱा #सोचकर #देखो #सोच #बदल #कर #देखते #है #jzbaatdilse #सियासत  Badsaha Ahir Anoop Sony Innocent Boy Satish Mathur Anjalisahu_fights_fr_prf

Anita Saini

मौसम ए बहार में उम्मीद का चऱाग रखा है..! तुम आओगे जऱूर एक दिन.... इसलिए यादों को लिहाफ़ बना रखा है ..!! 17/8/2018 #anitasainiannu yq #yqbaba #yqdidi #yqdada #hindiurdu #yqbhaijan #यादें #लिहाफ़

read more
  मौसम ए बहार में उम्मीद का चऱाग रखा है..!
तुम आओगे जऱूर एक दिन....
   इसलिए यादों को लिहाफ़ बना रखा है ..!!    मौसम ए बहार में उम्मीद का चऱाग रखा है..!
तुम आओगे जऱूर एक दिन....
   इसलिए यादों को लिहाफ़ बना रखा है ..!!
17/8/2018
#AnitaSainiAnnu
#yq

Rabindra Kumar Ram

" कुछ बात मुनासिब कर तो देते, जऱा सी बात ❤ कुछ खास कर तो देते, अदावते इश्क़ की किस लब्ज में समझाई जाये, जो कुछ भी मुमकिन था कही तक ला के #शायरी

read more
" कुछ बात मुनासिब कर तो देते, 
जऱा सी बात ❤ कुछ खास कर तो देते, 
अदावते इश्क़ की किस लब्ज में समझाई जाये, 
जो कुछ भी मुमकिन था कही तक ला के छोड़ तो देते, 
आधी-अधुरी जहाँ तक बन पड़ता चलाते हम, 
किसी‌ गली - मुहल्ले - चैराहे तक ला के मुझे छोड़ तो देते. "‌ 

                    --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " कुछ बात मुनासिब कर तो देते, 
जऱा सी बात ❤ कुछ खास कर तो देते, 
अदावते इश्क़ की किस लब्ज में समझाई जाये, 
जो कुछ भी मुमकिन था कही तक ला के

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** रफ़ाक़त *** " यूं याद जऱा तुम भी करोगी , मेरा ज़िक्र जऱा तुम भी करोगी , फ़कत ये भी कभी तुम मिलना चाहो , और मैं तुम्हारे #शायरी

read more
***  ग़ज़ल ***
*** रफ़ाक़त ***

" यूं याद जऱा तुम भी करोगी ,
मेरा ज़िक्र जऱा तुम भी करोगी ,
फ़कत ये भी कभी तुम मिलना चाहो ,
और मैं तुम्हारे सामने से चुपचाप सा गुजर जाऊ ,
 रफ़ाक़त हो की फिर कोई बात हो फिर से कही ,
मुझे इक दफा पहली जैसी मुहब्बत हो कहीं ,
दिल कभी इसी ख्याले-ए-आरजू में डुब जाता हैं ,
मैं तुझमें खोऊ और इस रंजे-ए-गम से निकल ना पाऊं कभी ,
कर जऱा ख्याल की ख्याले-ए-आरजू फिर से इसी हसरत में हैं ,
मैं तुझसे मिला हूं पर तुझे उस तरह से मिल नहीं पाया हूं कभी‌ ."

                          --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram ***  ग़ज़ल ***
*** रफ़ाक़त ***

" यूं याद जऱा तुम भी करोगी ,
मेरा ज़िक्र जऱा तुम भी करोगी ,
फ़कत ये भी कभी तुम मिलना चाहो ,
और मैं तुम्हारे

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** तसब्बुर *** " हम याद जऱा तुम्हें करेंगे , तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये , हम खुद में तु #आईने #ख्यालों #शायरी #गुफ्तगू #दस्तूर #हयाते #अख्तियार

read more
*** ग़ज़ल *** 
*** तसब्बुर ***

" हम याद जऱा तुम्हें करेंगे ,
तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , 
मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये ,
हम खुद में तुम्हें खोजते फिरेंगे ,
रास आये हयाते-ए-हिज्र 
फिर वो बात कहां मुलाक़ात कहा ,
सवालात जो करु फिर वो बात कहां ,
मिलना हैं की बिछड़ना हैं वो ,
मुख्तलिफ सवगात हैं ,
मिल की बिछड़ना ना परे ,
ऐसे में हमारी गुफ्तगू कहा ,
सब आईने के दस्तूर पुछते हैं ,
अभी तुम से मेरा मिलना हुआ कहा ,
कोई रुख करु तो फिर कोई बात हैं ,
बुझते जज्बातों के वो दौर कहा ,
यु खोना भी तूझे खोना है ,
फिर तुझसे मैं ग़ैर इरादातन फिर मिला कहां , 
कोई बात आज भी आईने के दस्तूर लिये‌ बैठा हैं ,
मिलते तो पुछते तुम से कौन शक्ल अख्तियार किए बैठे हो ,
जो तसब्बुर के ख्यालों से तुम हु-ब-हू कहीं नहीं मिलते ."

                         --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** तसब्बुर ***

" हम याद जऱा तुम्हें करेंगे ,
तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , 
मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये ,
हम खुद में तु

Rabindra Kumar Ram

" यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख #शायरी #मौजूदगी #जऱा

read more
mute video

Rabindra Kumar Ram

" यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख #शायरी #मौजूदगी #जऱा

read more
" यूं तो होने का मैं भी हूं ,
यूं तो होने का तुम भी हो ,
फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये ,
तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे  ,
रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं ,
खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " 

                            --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " यूं तो होने का मैं भी हूं ,
यूं तो होने का तुम भी हो ,
फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये ,
तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे  ,
रुख

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** हिज्र *** " मैं तुमसे मिलते हैं और बिछड़ जाते , अपने चाहतों का एहतियातन आता - पता तो दे , फिर तुझसे कैसे कहा मिला जाये #काफिर #शायरी #जायका #मुख्तलिफ #मुंतज़िर #मुख़्तसर #रफ़ाक़त #ऐबज

read more
sunset nature *** ग़ज़ल *** 

*** हिज्र ***

" मैं तुमसे मिलते हैं और बिछड़ जाते ,
अपने चाहतों का एहतियातन आता - पता तो दे ,
फिर तुझसे कैसे कहा मिला जाये ,
वाक़िफ हो लो जऱा तुम भी ऐसे में ,
जाने कब से मुझसे नागवार बने बैठे हो ,
फिर कहा कैसे तेरी तलाश की जाये ,
उल्फत के जज्बातों को तेरी रुह की तलब की जाये ,
मुंतज़िर जाने मैं कब से हू तेरे हिज्र में ,
अपनी रफ़ाक़त का जायका तो दे ,
फिर कहा कोई बात हो ग़ैरइरादतन ,
मुख़्तसर - मुख्तलिफ जाने मैं कब से इस ऐबज में ,
कर कोई‌ फैसला फिर कोई बात तो हो ,
ऐसे में तुझसे काफिर कब तक रहा जाये . "

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 

*** हिज्र ***

" मैं तुमसे मिलते हैं और बिछड़ जाते ,
अपने चाहतों का एहतियातन आता - पता तो दे ,
फिर तुझसे कैसे कहा मिला जाये
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile